गोवर्धन योजना 2025: ऑनलाइन पंजीकरण, लाभ, पात्रता और बायोगैस से कमाई

क्या आप जानते हैं कि गोबर और कृषि कचरे से न केवल धन कमाया जा सकता है, बल्कि ग्रामीण भारत को स्वच्छ और आत्मनिर्भर भी बनाया जा सकता है? गोवर्धन योजना (GOBARdhan), जिसका पूरा नाम Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan है, भारत सरकार की एक अनूठी पहल है। यह योजना 2018 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य पशुओं के गोबर और जैविक कचरे को बायोगैस, संपीड़ित बायोगैस (CBG), और जैविक खाद में बदलकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। 2025 में इस योजना का दूसरा चरण चल रहा है, जो स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गांवों को खुले में शौच मुक्त (ODF) से ODF-प्लस बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

गोवर्धन योजना 2025: ऑनलाइन पंजीकरण, लाभ, पात्रता और बायोगैस से कमाई
इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको गोवर्धन योजना 2025 के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जिसमें ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया, लाभ, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, और इस योजना से ग्रामीण समुदायों को होने वाले फायदे शामिल हैं। इसे अंत तक पढ़ें ताकि आप इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें।

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गोवर्धन योजना क्या है? (Govardhan Yojana Kya Hai)

गोवर्धन योजना भारत सरकार की एक ऐसी पहल है जो ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के गोबर और कृषि अपशिष्टों को उपयोगी संसाधनों में बदलने पर केंद्रित है। यह योजना स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत शुरू की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य गांवों में स्वच्छता को बढ़ावा देना, पर्यावरण संरक्षण करना, और किसानों की आय बढ़ाना है।

2023 के केंद्रीय बजट में, वित्त मंत्री ने इस योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से 500 नए "अपशिष्ट से धन" संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की थी, जिसमें 200 संपीड़ित बायोगैस (CBG) संयंत्र और 300 सामुदायिक या क्लस्टर-आधारित संयंत्र शामिल हैं। 2025 तक, इस योजना के तहत 589 बायोगैस/CBG संयंत्र कार्यरत हैं, और 251 निर्माणाधीन हैं, जो 168 जिलों को कवर करते हैं।

योजना के मुख्य उद्देश्य

  • अपशिष्ट प्रबंधन: गोबर, कृषि अवशेष, और अन्य जैविक कचरे का सुरक्षित निपटान।
  • कचरे से धन: जैविक कचरे को बायोगैस, CBG, और जैविक खाद में बदलकर आय सृजन।
  • पर्यावरण संरक्षण: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • ग्रामीण रोजगार: स्वयं सहायता समूहों (SHGs), उद्यमियों, और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर।
  • स्वच्छता में सुधार: गांवों को ODF-प्लस बनाने और वेक्टर जनित रोगों को कम करने में मदद।
  • ऊर्जा सुरक्षा: बायोगैस और CBG जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उत्पादन।

गोवर्धन योजना के लाभ (Benefits of GOBARdhan Yojana)

गोवर्धन योजना ग्रामीण भारत के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा:
  • बायोगैस संयंत्रों से उत्पन्न गैस का उपयोग खाना पकाने और बिजली उत्पादन के लिए किया जा सकता है।
  • उत्तर प्रदेश में, प्रत्येक बायोगैस संयंत्र की लागत 39,300 रुपये है, जिसमें किसानों को केवल 3,990 रुपये का अंशदान देना पड़ता है। शेष राशि सरकार और कार्बन क्रेडिट मॉडल के माध्यम से प्रदान की जाती है।
  • यह LPG की खपत को 70% तक कम करता है, जिससे ग्रामीण परिवारों की बचत बढ़ती है।
जैविक खाद का उत्पादन:
  • बायोगैस संयंत्रों से निकलने वाली स्लरी एक उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद है, जो रासायनिक उर्वरकों का सस्ता और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है।
  • यह खेतों की उर्वरता बढ़ाती है और खरपतवार के बीजों को नष्ट करती है, जिससे फसल की पैदावार में वृद्धि होती है।
रोजगार सृजन:
  • योजना के तहत गोशालाओं, स्वयं सहायता समूहों, और उद्यमियों को बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है, जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिलता है।
  • उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में 43 गोशालाओं में बायोगैस और जैविक खाद संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जो प्रति माह 50 क्विंटल स्लरी उत्पादन की क्षमता रखते हैं।
पर्यावरण संरक्षण:
  • कचरे का उचित प्रबंधन करके यह योजना वायु और जल प्रदूषण को कम करती है।
  • बायोगैस के उपयोग से लकड़ी और कोयले का जलना कम होता है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आती है।
महिला सशक्तिकरण:
  • बायोगैस से खाना पकाने से महिलाओं को धुएं से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं (जैसे फेफड़ों की बीमारियां) से राहत मिलती है।
  • इससे महिलाओं का समय बचता है, जिसे वे अन्य उत्पादक गतिविधियों में उपयोग कर सकती हैं।
आर्थिक बचत:
  • बायोगैस और जैविक खाद की बिक्री से किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है।
  • यह योजना प्राकृतिक गैस के आयात को कम करके विदेशी मुद्रा की बचत भी करती है।
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गोवर्धन योजना की पात्रता (Eligibility for GOBARdhan Yojana)

गोवर्धन योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें हैं:

  • नागरिकता: आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए।
  • निवास: ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसान, पशुपालक, या समुदाय।
  • पशुधन: कम से कम 3-4 मवेशी (गाय, भैंस) होना आवश्यक है।
  • भूमि स्वामित्व: बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए उपयुक्त भूमि।
  • समूह: स्वयं सहायता समूह (SHG), सहकारी समितियां, गोशालाएं, और किसान उत्पादक संगठन (FPO) भी पात्र हैं।
  • प्राथमिकता: अधिक मवेशी जनसंख्या वाले गांवों और BPL परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है।
  • नियमों का पालन: योजना के सभी सरकारी नियमों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य है।

गोवर्धन योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज (Required Documents)

आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • ग्रामीण निवासी प्रमाण
  • आय प्रमाण पत्र
  • राशन कार्ड
  • फैमिली आईडी
  • किसान प्रमाण पत्र
  • कॉर्पोरेट पहचान संख्या (CIN) या पंजीकरण संख्या (सहकारी समितियों/उद्यमियों के लिए)
  • स्थायी खाता संख्या (PAN)
  • माल एवं सेवा कर पहचान संख्या (GSTIN)
  • संयंत्र/परियोजना विवरण
  • वित्तीय विवरण

गोवर्धन योजना में ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें? (How to Register Online for GOBARdhan Yojana)

2025 में, गोवर्धन योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है। आप निम्नलिखित चरणों का पालन करके पंजीकरण कर सकते हैं:

आधिकारिक पोर्टल पर जाएं:
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आवेदन फॉर्म भरें:
  • व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर, और ईमेल आईडी दर्ज करें।
  • पशुधन और भूमि से संबंधित जानकारी प्रदान करें।
  • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
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आवेदन जमा करें:
  • सभी विवरण सत्यापित करने के बाद "Submit" बटन पर क्लिक करें।
  • आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त होगा, जिसे भविष्य के लिए संभालकर रखें।
ऑफलाइन विकल्प:
  • यदि ऑनलाइन पंजीकरण संभव नहीं है, तो अपने नजदीकी ग्राम पंचायत या कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क करें।
  • वहां उपलब्ध आवेदन पत्र भरें और सभी दस्तावेज जमा करें।
  • ग्राम पंचायत या जिला पंचायत आपके आवेदन को आगे की प्रक्रिया के लिए भेजेगी।
प्रशासनिक स्वीकृति:
  • आवेदन की जांच के बाद, जिला पंचायत से प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होगी।
  • स्वीकृति के बाद, बायोगैस संयंत्र स्थापना के लिए आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।

महत्वपूर्ण नोट:

  • गोवर्धन योजना के तहत चार मॉडल हैं: व्यक्तिगत, क्लस्टर, सामुदायिक, और वाणिज्यिक। प्रत्येक मॉडल के लिए प्रोत्साहन राशि अलग-अलग है, जैसे ग्राम पंचायत मॉडल में 150 परिवारों के लिए 7 लाख रुपये और 500 से अधिक परिवारों के लिए 20 लाख रुपये तक की सहायता।
  • अधिक जानकारी के लिए myscheme.gov.in/schemes/gobardhan पर जाएं।

गोवर्धन योजना के मॉडल (Models of GOBARdhan Yojana)

योजना के तहत बायोगैस संयंत्रों के विकास के लिए चार मॉडल हैं:

व्यक्तिगत घरेलू मॉडल:
  • 3-4 मवेशियों वाले घरों के लिए उपयुक्त।
  • बायोगैस का उपयोग खाना पकाने और स्लरी का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।
सामुदायिक मॉडल:
  • 5-10 घरों के लिए संयंत्र, जिसका प्रबंधन ग्राम पंचायत या SHG द्वारा किया जाता है।
  • गैस का उपयोग घरों, रेस्तरां, और संस्थानों में; स्लरी को जैविक खाद के रूप में बेचा जाता है।
क्लस्टर मॉडल:
  • गांवों या गांवों के समूह में व्यक्तिगत घरों में बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाते हैं।
  • स्लरी को ठोस और तरल भागों में अलग कर जैविक उर्वरक के रूप में बेचा जाता है।
वाणिज्यिक CBG मॉडल:
  • उद्यमियों, सहकारी समितियों, या गोशालाओं द्वारा बड़े पैमाने पर CBG संयंत्र।
  • CBG का उपयोग वाहनों या उद्योगों के लिए; स्लरी को जैविक खाद के रूप में बेचा जाता है।

गोवर्धन योजना की सब्सिडी और वित्तीय सहायता (Subsidies and Financial Assistance)

गोवर्धन योजना के तहत विभिन्न मॉडलों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध है। नीचे दी गई टेबल में प्रोत्साहन राशि का विवरण दिया गया है:

मॉडल परिवारों की संख्या प्रोत्साहन राशि (लाख रुपये में)
ग्राम पंचायत 150 7
300 12
500 15
500 से अधिक 20
SHG फेडरेशन 150 7
300 12
500 15
500 से अधिक 20
बल्क वेस्ट जनरेटर/उद्यमी 150 7
300 12
500 15
500 से अधिक 20
कोई पात्र उद्यम - कोई प्रोत्साहन नहीं

उदाहरण: उत्तर प्रदेश में, प्रत्येक बायोगैस संयंत्र की लागत 39,300 रुपये है, जिसमें किसान को केवल 3,990 रुपये देने होते हैं। शेष राशि सरकार और कार्बन क्रेडिट मॉडल से पूरी होती है।

ये भी पढ़ें

गोवर्धन योजना की सफलता की कहानियां (Success Stories)

गोवर्धन योजना ने कई ग्रामीण समुदायों के जीवन को बदला है। कुछ प्रेरक उदाहरण:

बिहार: उड़ियारा ग्राम पंचायत, पटना:
  • एक बायोगैस संयंत्र 25-30 परिवारों को खाना पकाने के लिए गैस प्रदान करता है।
  • स्लरी से जैविक खाद बनाकर किसानों की आय में वृद्धि हुई है।
उत्तर प्रदेश: अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर, गोंडा:
  • पहले चरण में 2,250 घरेलू बायोगैस यूनिट स्थापित की गईं।
  • अगले चार वर्षों में 2.5 लाख घरों तक बायोगैस यूनिट स्थापित करने की योजना।
  • गोशालाओं में बायोगैस संयंत्रों से प्रति माह 50 क्विंटल स्लरी का उत्पादन।
सागर, मध्य प्रदेश:
  • स्थानीय किसान राजकुमार ठाकुर ने गोवर्धन योजना के तहत बायोगैस संयंत्र स्थापित किया, जिससे उनकी रसोई गैस मुफ्त हो गई और जैविक खाद से खेती की उत्पादकता बढ़ी।

गोवर्धन योजना को समझें: वीडियो गाइड (Watch a Video Guide on GOBARdhan Yojana)

क्या आप गोवर्धन योजना के पंजीकरण और पात्रता की प्रक्रिया को आसान भाषा में समझना चाहते हैं? "Gobar se Gold banao!" – इस वीडियो में, आकाशवाणी सागर ऑफिशियल ने गोवर्धन योजना की पूरी जानकारी दी है, जिसमें पंजीकरण प्रक्रिया, पात्रता, और लाभ शामिल हैं। यह वीडियो आपको बायोगैस संयंत्र स्थापित करने और ग्रामीण आय बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा। अभी देखें और अपने गांव को स्वच्छ और समृद्ध बनाने का पहला कदम उठाएं!

स्रोत: आकाशवाणी सागर ऑफिशियल

क्यों देखें?

  • आसान भाषा: योजना की जटिल जानकारी को सरल तरीके से समझें।
  • विशेषज्ञ सलाह: सागर जिले के अधिकारियों और किसानों के अनुभव।
  • प्रेरणा: राजकुमार ठाकुर जैसे किसानों की कहानियां, जिन्होंने गोबर को धन में बदला।
    अभी वीडियो देखें और आज ही गोवर्धन योजना से जुड़ें!

गोवर्धन योजना के चुनौतियां (Challenges of GOBARdhan Yojana)

हालांकि यह योजना अत्यंत लाभकारी है, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं:

  • कच्चे माल की आपूर्ति: बायोगैस संयंत्रों के लिए गोबर की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना।
  • स्थान चयन: संयंत्र के लिए उपयुक्त भूमि और स्थान की कमी।
  • मौसमी बाधाएं: मानसून के दौरान कचरे का समय पर प्रसंस्करण।
  • जागरूकता की कमी: ग्रामीण समुदायों में योजना के लाभों और संसाधनों के बारे में जानकारी का अभाव।

गोवर्धन योजना का भविष्य (Way Forward)

गोवर्धन योजना भारत के नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य 2070 को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। इसके लिए निम्नलिखित कदम आवश्यक हैं:

  • वित्तीय सहायता: समय पर आर्थिक सहायता और सब्सिडी प्रदान करना।
  • बुनियादी ढांचा विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस संयंत्रों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा।
  • जागरूकता अभियान: ग्राम पंचायतों के माध्यम से योजना के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • क्षमता निर्माण: किसानों और SHG को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना।

गोवर्धन योजना बनाम अन्य योजनाएं (Comparison with Other Schemes)

विशेषता गोवर्धन योजना PM-KUSUM SATAT
उद्देश्य गोबर और कचरे से बायोगैस/खाद सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना CBG उत्पादन और वितरण
लाभार्थी ग्रामीण किसान, SHGs, गोशालाएं किसान (सौर पंप/प्लांट) उद्यमी, CBG उत्पादक
सब्सिडी 3,990 रुपये से शुरू (UP में) 30-60% सब्सिडी CBG खरीद गारंटी
फोकस स्वच्छता, आय, पर्यावरण नवीकरणीय ऊर्जा परिवहन ईंधन

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

गोवर्धन योजना क्या है?

गोवर्धन योजना (GOBARdhan) भारत सरकार की एक पहल है, जो गोबर और जैविक कचरे को बायोगैस, CBG, और जैविक खाद में बदलकर ग्रामीण स्वच्छता और आय बढ़ाने पर केंद्रित है।

गोवर्धन योजना के लिए कौन पात्र है?

ग्रामीण क्षेत्रों के किसान, पशुपालक, SHGs, सहकारी समितियां, और गोशालाएं, जिनके पास कम से कम 3-4 मवेशी और उपयुक्त भूमि हो।

बायोगैस संयंत्र की लागत कितनी है?

उत्तर प्रदेश में, एक संयंत्र की लागत 39,300 रुपये है, जिसमें किसान को 3,990 रुपये देने होते हैं। शेष राशि सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जाती है।

ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें?

gobardhan.sbm.gov.in पर जाकर "Register" लिंक पर क्लिक करें, फॉर्म भरें, और दस्तावेज अपलोड करें।

गोवर्धन योजना का मंत्रालय कौन सा है?

यह योजना जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग के अधीन है।

गोवर्धन योजना से जुड़े महत्वपूर्ण लिंक

विवरण लिंक
Govardhan Yojana Online Registration यहां रजिस्ट्रेशन करें
गोवर्धन योजना स्टेटस लिस्ट यहां चेक करें
गोवर्धन योजना दिशा-निर्देशपीडीएफ डाउनलोड यहां डाउनलोड करें
गोवर्धन योजना सर्टिफिकेट डाउनलोड यहां डाउनलोड करें

निष्कर्ष

गोवर्धन योजना 2025 न केवल ग्रामीण भारत को स्वच्छ और आत्मनिर्भर बनाने का एक शानदार अवसर है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास का भी प्रतीक है। इस योजना के माध्यम से किसान और ग्रामीण समुदाय अपने गोबर और जैविक कचरे को बायोगैस, CBG, और जैविक खाद में बदलकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं। साथ ही, यह योजना स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद करती है।

अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आज ही gobardhan.sbm.gov.in पर जाएं या अपने नजदीकी ग्राम पंचायत/कृषि विभाग से संपर्क करें। अपने सवाल कमेंट बॉक्स में पूछें, और इस पोस्ट को शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना के बारे में जान सकें।

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