पीएम किसान लाभार्थियों को एम-पैक्स सदस्यता: से मिलेंगी खाद-बीज और ऋण की सुविधाएं!

उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) के लाभार्थियों को बहुद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (एम-पैक्स) का सदस्य बनाने का अभियान जोरों पर है। इससे किसानों को खाद-बीज, कीटनाशक और कृषि ऋण जैसी सेवाएं बिना किसी परेशानी के मिलेंगी।

सहकारिता विभाग के अनुसार, राज्य के ग्रामीण इलाकों में वर्तमान में 8,161 एम-पैक्स कार्यरत हैं, जिनके करीब एक करोड़ सदस्य हैं। अब लक्ष्य है कि पीएम किसान के 2.4 करोड़ लाभार्थियों को भी जोड़ा जाए। हर ब्लॉक में विभागीय कर्मचारी, सहकार सारथी और पैक्स सचिव किसानों से संपर्क कर रहे हैं। यहां तक कि वे किसान भी शामिल किए जा रहे हैं जो पहले से यूरिया या डीएपी लेते हैं लेकिन सदस्य नहीं हैं।

पीएम किसान लाभार्थियों को एम-पैक्स सदस्यता: से मिलेंगी खाद-बीज और ऋण की सुविधाएं!

सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने बताया कि 12 सितंबर से शुरू हुए सदस्यता अभियान के तहत 19 सितंबर तक 8,561 नए खाते जिला सहकारी बैंकों में खोले गए। इनमें 3,325 खाते नए एम-पैक्स सदस्यों के हैं, जिनसे 21.84 करोड़ रुपये जमा हुए। इससे किसानों को कम ब्याज पर कृषि ऋण और बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी। निष्क्रिय सदस्यों को पुनः सक्रिय करने की मुहिम भी चल रही है।

हाल ही में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुर्लिधर मोहोल ने 13 सितंबर को 'एम-पैक्स सदस्यता महा अभियान 2025' लॉन्च किया। इसका उद्देश्य ग्रामीण विकास को गति देना है। योगी सरकार ने 16 सितंबर से 100% किसान पंजीकरण के लिए विशेष अभियान भी शुरू किया है, जो पीएम किसान योजना को मजबूत करेगा। अब तक 57,000 से अधिक किसानों ने 221 रुपये शुल्क देकर सदस्यता ली है।

सदस्यता के फायदे: खाद-बीज और कम ब्याज पर ऋण

एम-पैक्स का सदस्य बनने वाले किसानों को कई लाभ मिलेंगे। सदस्यों को आसानी से खाद और बीज उपलब्ध होगा। इसके साथ ही, जिला सहकारी बैंकों में उनका खाता खोला जाएगा, जिससे उन्हें कम ब्याज पर कृषि ऋण की सुविधा मिलेगी। इस अभियान के तहत, अब तक हजारों नए खाते खोले जा चुके हैं, जिनसे बैंकों की वित्तीय स्थिति भी मजबूत हुई है।

पीएम किसान लाभार्थियों को एम-पैक्स सदस्यता: से मिलेंगी खाद-बीज और ऋण की सुविधाएं!

इस अभियान के दौरान उन किसानों पर भी ध्यान दिया जा रहा है जो एम-पैक्स से खाद तो लेते हैं लेकिन सदस्य नहीं हैं। साथ ही, पुराने और निष्क्रिय सदस्यों को भी फिर से जोड़ा जा रहा है।

सहकारी कृषक पंजिका और यूनिक आईडी

सदस्यों को विशेष प्राथमिकता देने के लिए सहकारिता विभाग एक नई पहल कर रहा है—सहकारी कृषक पंजिका। इस पंजिका में सदस्य किसानों का पूरा विवरण दर्ज होगा और उन्हें एक 10-अंकीय यूनिक आईडी भी दी जाएगी। यह आईडी पहचान के रूप में काम करेगी, जिससे किसानों को खाद, बीज और कृषि ऋण वितरण में वरीयता मिलेगी।

इस यूनिक आईडी का उपयोग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अनाज की बिक्री और भंडारण जैसी सेवाओं में भी प्राथमिकता देने के लिए किया जाएगा। आईडी में पहले तीन अंक जिले का कोड, अगले तीन अंक एम-पैक्स का कोड और बाकी चार अंक सदस्य संख्या को दर्शाएंगे।

एम-पैक्स सदस्यों के लिए एक और अच्छी खबर है सहकारी कृषक पंजिका। उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक आरके कुलश्रेष्ठ के मुताबिक, हर सदस्य को 10 अंकों का यूनिक आईडी मिलेगा—जिसमें जिला कोड, एम-पैक्स कोड और क्रमांक शामिल होगा। इस पंजिका से किसानों को खाद-बीज वितरण, 3% ब्याज पर ऋण, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अनाज बिक्री और गोदाम भंडारण में प्राथमिकता मिलेगी।

पंजिका में किसान का पूरा विवरण, खाद-बीज वितरण, ऋण और एमएसपी खरीद का रिकॉर्ड दर्ज होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों की आय में इजाफा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उत्तर प्रदेश के 2.5 करोड़ किसानों को डिजिटल सहकारिता से जोड़ेगा, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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एक महीने का सदस्यता अभियान

यह सदस्यता अभियान 12 सितंबर को शुरू हुआ था और 12 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान किसान मात्र ₹221 जमा करके एम-पैक्स के सदस्य बन सकते हैं। अभी तक 57,000 से अधिक किसान इस अभियान से जुड़ चुके हैं। राज्य के करीब 2.40 करोड़ किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी हैं, और विभाग इन सभी को एम-पैक्स से जोड़ने का लक्ष्य बना रहा है।

अगर आप पीएम किसान लाभार्थी हैं, तो नजदीकी एम-पैक्स से संपर्क करें। सदस्यता अभियान 12 अक्टूबर तक चलेगा। अधिक जानकारी के लिए सहकारिता विभाग की वेबसाइट देखें।

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