दिवाली तोहफा: 8.55 लाख किसानों को पीएम किसान 21वीं किस्त जारी 171 करोड़ पहुंचे खातों में!

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प्राकृतिक आपदाओं से जूझते राज्यों और किसानों के लिए केंद्र सरकार ने राहत की पोटली खोल दी है। बाढ़, भूस्खलन जैसी विपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता के साथ-साथ लंबी अवधि के पुनर्निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। खासकर जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीड़ित किसानों को पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त के रूप में 171 करोड़ रुपये का तोहफा मिला है, जो दिवाली से पहले आई आर्थिक मदद साबित हो रहा है।

दिवाली तोहफा: 8.55 लाख किसानों को पीएम किसान 21वीं किस्त जारी 171 करोड़ पहुंचे खातों में!

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने 2024 की बाढ़ और भूस्खलन से तबाह असम व गुजरात को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 707.97 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता मंजूर की। इसमें असम को 313.69 करोड़ और गुजरात को 394.28 करोड़ का हिस्सा मिला। इसी कड़ी में हरियाणा, मध्य प्रदेश व राजस्थान को अग्निशमन सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए 903.67 करोड़ स्वीकृत हुए।

इन राज्यों के किसानों को मिली 21वीं किस्त

हाल ही में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति ने बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित असम और गुजरात के लिए ₹707.97 करोड़ की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी है। इसी कड़ी में, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के किसानों को भी राहत देने के लिए सरकार ने पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त समय से पहले जारी कर दी है।

लगभग 27 लाख किसानों को इस योजना के तहत ₹2,000 की किस्त मिली है। अकेले जम्मू-कश्मीर में, 8.55 लाख पात्र किसानों को ₹171 करोड़ की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। यह राशि सीधे बैंक खाते में पहुंचने से पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है और बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई है।

पीएम किसान स्टेटस चेक करें

बाकी राज्यों को कब मिलेगी किस्त?

जहाँ कुछ राज्यों में किसानों को 21वीं किस्त मिल चुकी है, वहीं बाकी राज्यों के किसान बेसब्री से अपनी किस्त का इंतजार कर रहे हैं। इस योजना के नियमों के अनुसार, हर किस्त चार महीने के अंतराल पर जारी की जाती है। इस हिसाब से, अगली किस्त नवंबर के आसपास आनी चाहिए।

हालांकि, कई रिपोर्ट्स और चर्चाओं में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार दिवाली से पहले बाकी राज्यों के किसानों को भी यह तोहफा दे सकती है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, इसलिए किसानों को आधिकारिक जानकारी का इंतजार करना होगा।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक केंद्र ने 27 राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत 13,603.20 करोड़ और 12 राज्यों को एनडीआरएफ से 2,024.04 करोड़ जारी किए। इसके अलावा, 21 राज्यों को आपदा न्यूनीकरण कोष से 4,571.30 करोड़ की राशि पहुंचाई गई। ये कदम न केवल तात्कालिक राहत देते हैं, बल्कि बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर केंद्रित हैं।

जम्मू-कश्मीर में हाल की बाढ़ ने हजारों किसानों की फसलें बर्बाद कर दीं। ऐसे में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त को अग्रिम जारी किया। मंगलवार को 8.55 लाख पात्र किसानों के खातों में 171 करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए ट्रांसफर हो गए। चौहान ने कहा, "संकट के समय सरकार किसान के साथ खड़ी है। अब तक जम्मू-कश्मीर को योजना से 4,052 करोड़ की सहायता मिल चुकी है।"

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चौहान का आभार जताया। उन्होंने कहा, "यह वित्तीय सहायता किसानों को कृषि गतिविधियां फिर से शुरू करने में मदद करेगी। हमारे किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।" राज्य में 5,100 क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए 85 करोड़ का बजट भी मंजूर हुआ है। प्रभावित परिवारों को मनरेगा में 150 दिन की मजदूरी, प्रधानमंत्री आवास योजना से अतिरिक्त मदद, साथ ही बीज-खाद व फसल बीमा की सुविधा मिलेगी।

यह 21वीं किस्त उन चार राज्यों में अग्रिम जारी हो चुकी है जहां आपदा का सबसे ज्यादा असर पड़ा। सितंबर में पंजाब, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के 27 लाख किसानों को 540 करोड़ मिले थे। बाकी राज्यों के करोड़ों किसानों को दिवाली से पहले राहत मिलने की उम्मीद है, हालांकि आधिकारिक तारीख नवंबर के आसपास तय मानी जा रही। योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये तीन किस्तों में मिलते हैं, लेकिन ई-KYC न करने या आधार-बैंक लिंकिंग में चूक पर भुगतान अटक सकता है।

किस्त तारीखें और रिलीज अपडेट

स्टेटस कैसे चेक करें?

पीएम किसान वेबसाइट पर जाएं, 'फार्मर कॉर्नर' में 'बेनिफिशियरी स्टेटस' चुनें। आधार या बैंक नंबर डालकर 'गेट डेटा' पर क्लिक करें। स्क्रीन पर तुरंत अपडेट दिखेगा। ई-KYC के लिए आधार, एड्रेस प्रूफ व बैंक पासबुक साथ रखें।

केंद्र की यह पहल आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम है, जो किसानों की आय स्थिरता सुनिश्चित करेगी।

ई-KYC और रजिस्ट्रेशन टिप्स

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