मृतक के खाते से पैसे निकालना एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जो कई लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। जब किसी प्रियजन का निधन होता है, तो उनके बैंक खाते से पैसे निकालने की आवश्यकता अक्सर उत्पन्न होती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि मृतक के खाते से पैसे कैसे निकाले, तो यह लेख आपके लिए एक संपूर्ण गाइड प्रदान करेगा। जब आपको यह समझ नहीं आता कि मृतक के खाते से पैसे कैसे निकाले जाएं और इस प्रक्रिया में कौन-कौन से दस्तावेज़ या नियम आवश्यक हैं। इस स्थिति में सही जानकारी का होना बेहद ज़रूरी है।
मृतक के खाते से पैसे निकालने की प्रक्रिया: नॉमिनी की भूमिका
जब किसी व्यक्ति का निधन होता है, तो उनके बैंक खाते में जमा राशि का निपटान इस बात पर निर्भर करता है कि उन्होंने नॉमिनी नियुक्त किया है या नहीं। नॉमिनी होने पर यह प्रक्रिया काफी सरल हो जाती है।
1. नॉमिनी होने पर आसान प्रक्रिया
यदि मृतक ने खाते में किसी को नॉमिनी (Nominee) नामित किया था, तो नॉमिनी को निम्नलिखित सरल चरणों का पालन करना होगा:
चरण | आवश्यक कदम और दस्तावेज़ |
---|---|
बैंक को सूचित करें | नॉमिनी को सबसे पहले बैंक जाकर खाताधारक की मृत्यु की सूचना देनी होगी। |
दस्तावेज़ जमा करें | मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) की मूल प्रति और फोटोकॉपी, नॉमिनी का पहचान पत्र (आधार/पैन) और क्लेम फॉर्म (Claim Form) भर कर जमा करें। |
जांच और भुगतान | बैंक सभी दस्तावेज़ों की जांच करेगा। जांच पूरी होने के बाद, बैंक खाते में जमा राशि को नॉमिनी के खाते में ट्रांसफर कर देगा। |
याद रखें: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, नॉमिनी केवल धन का संरक्षक (Custodian) होता है, मालिक नहीं। उनका दायित्व यह सुनिश्चित करना है कि धन वास्तविक कानूनी वारिसों (Legal Heirs) को सौंप दिया जाए।
नॉमिनी न होने पर क्या करें: कानूनी उत्तराधिकारी की भूमिका
यदि मृतक के खाते में कोई नॉमिनी नामित नहीं है, तो प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है और इसमें कानूनी उत्तराधिकारी (Legal Heir) को शामिल होना पड़ता है।
⚠️ 2. नॉमिनी न होने पर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया
इस स्थिति में, मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को निम्नलिखित दस्तावेज़ और प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र (Legal Heir Certificate) प्राप्त करें: यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रमाण पत्र यह प्रमाणित करता है कि आप मृतक के वास्तविक कानूनी वारिस हैं।
- बैंक को सूचित करें: मृत्यु प्रमाण पत्र और Legal Heir Certificate के साथ बैंक को सूचित करें।
दस्तावेज़ जमा करें:
- मृतक का डेथ सर्टिफिकेट।
- लीगल हेयर सर्टिफिकेट (या सक्सेशन सर्टिफिकेट/Probate, यदि आवश्यक हो)।
- सभी उत्तराधिकारियों की सहमति (यदि एक से अधिक हैं)।
- उत्तराधिकारी का पहचान पत्र और बैंक खाता विवरण।
- बैंक द्वारा जारी किया गया आवेदन फॉर्म और हलफनामा (Affidavit)।
राशि का वितरण: RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंक सभी दस्तावेज़ों की जांच के बाद राशि को कानूनी उत्तराधिकारी या सभी उत्तराधिकारियों के बीच वितरित करता है।
आरबीआई का बड़ा अपडेट: दावों का 15 दिन में निपटान
ग्राहकों के दावों के निपटान में बैंकों द्वारा अपनाई जा रही अलग-अलग प्रक्रियाओं को सरल बनाने और ग्राहक सेवा में सुधार के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मृत ग्राहकों के खातों और लॉकर से संबंधित दावों के लिए संशोधित नियम जारी किए हैं। यह अपडेट आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है!
प्रावधान
विवरण
दावा निपटान की समय-सीमा
बैंक को अब ऐसे दावों का निपटान 15 दिनों के भीतर करना होगा।
विलंब पर मुआवजा
यदि बैंक 15 दिनों के भीतर निपटान नहीं कर पाता है, तो उन्हें नामित व्यक्तियों को मुआवजा देना होगा।
मुआवजे की दर
दावा निपटान में देरी होने पर, बैंक को देय राशि पर वर्तमान बैंक दर (BankRate) के साथ अतिरिक्त 4% वार्षिक की दर से ब्याज के रूप में मुआवजा देना होगा।
लॉकर के दावों पर मुआवजा
लॉकर या सामान से संबंधित दावों के निपटान में देरी पर, बैंक को ₹5,000 प्रति दिन का मुआवजा देना होगा।
लागू होने की तिथि
बैंकों को इन निर्देशों को लागू करने के लिए 31 मार्च 2026 तक का समय दिया गया है, लेकिन उन्हें इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए कहा गया है।
सरलीकृत प्रक्रिया (छोटी राशियों के लिए): नॉमिनी न होने की स्थिति में, यदि कुल देय राशि एक तय सीमा से कम है, तो बैंक सरल प्रक्रिया अपनाएंगे।
ग्राहकों के दावों के निपटान में बैंकों द्वारा अपनाई जा रही अलग-अलग प्रक्रियाओं को सरल बनाने और ग्राहक सेवा में सुधार के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मृत ग्राहकों के खातों और लॉकर से संबंधित दावों के लिए संशोधित नियम जारी किए हैं। यह अपडेट आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है!
प्रावधान | विवरण |
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दावा निपटान की समय-सीमा | बैंक को अब ऐसे दावों का निपटान 15 दिनों के भीतर करना होगा। |
विलंब पर मुआवजा | यदि बैंक 15 दिनों के भीतर निपटान नहीं कर पाता है, तो उन्हें नामित व्यक्तियों को मुआवजा देना होगा। |
मुआवजे की दर | दावा निपटान में देरी होने पर, बैंक को देय राशि पर वर्तमान बैंक दर (BankRate) के साथ अतिरिक्त 4% वार्षिक की दर से ब्याज के रूप में मुआवजा देना होगा। |
लॉकर के दावों पर मुआवजा | लॉकर या सामान से संबंधित दावों के निपटान में देरी पर, बैंक को ₹5,000 प्रति दिन का मुआवजा देना होगा। |
लागू होने की तिथि | बैंकों को इन निर्देशों को लागू करने के लिए 31 मार्च 2026 तक का समय दिया गया है, लेकिन उन्हें इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए कहा गया है। |
सरलीकृत प्रक्रिया (छोटी राशियों के लिए): नॉमिनी न होने की स्थिति में, यदि कुल देय राशि एक तय सीमा से कम है, तो बैंक सरल प्रक्रिया अपनाएंगे।
अन्य महत्वपूर्ण स्थितियाँ
🤝 जॉइंट अकाउंट से पैसे कैसे निकालें
यदि मृतक का खाता किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त खाता (Joint Account) था और खाता "उत्तरजीवी या उत्तरजीवी नियम" (Either or Survivor) के साथ खोला गया था, तो दूसरे खाताधारक (Survivor) को पूरी राशि मिल जाती है। ऐसे में केवल मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी और प्रक्रिया बहुत सरल होगी।
यदि मृतक का खाता किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त खाता (Joint Account) था और खाता "उत्तरजीवी या उत्तरजीवी नियम" (Either or Survivor) के साथ खोला गया था, तो दूसरे खाताधारक (Survivor) को पूरी राशि मिल जाती है। ऐसे में केवल मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी और प्रक्रिया बहुत सरल होगी।
🏦 पेंशन खाते को बंद करने की प्रक्रिया
पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद, उनके पेंशन खाते को बंद करना भी आवश्यक होता है:
- संबंधित विभाग/बैंक से संपर्क: उस विभाग या बैंक से संपर्क करें जिसने पेंशन का भुगतान किया था।
- दस्तावेज़: डेथ सर्टिफिकेट, पेंशन भुगतान आदेश (PPO), नॉमिनी/उत्तराधिकारी का पहचान पत्र, और बैंक द्वारा जारी किया गया आवेदन फॉर्म जमा करें।
- राशि का ट्रांसफर: बैंक पेंशन प्राधिकरण को सूचित करता है। यदि खाते में कोई बची हुई राशि है, तो वह नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को ट्रांसफर कर दी जाएगी।
पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद, उनके पेंशन खाते को बंद करना भी आवश्यक होता है:
- संबंधित विभाग/बैंक से संपर्क: उस विभाग या बैंक से संपर्क करें जिसने पेंशन का भुगतान किया था।
- दस्तावेज़: डेथ सर्टिफिकेट, पेंशन भुगतान आदेश (PPO), नॉमिनी/उत्तराधिकारी का पहचान पत्र, और बैंक द्वारा जारी किया गया आवेदन फॉर्म जमा करें।
- राशि का ट्रांसफर: बैंक पेंशन प्राधिकरण को सूचित करता है। यदि खाते में कोई बची हुई राशि है, तो वह नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को ट्रांसफर कर दी जाएगी।
जरूरी दस्तावेज़:
- मृतक का डेथ सर्टिफिकेट (मूल और फोटोकॉपी दोनों)
- पेंशन भुगतान आदेश (Pension Payment Order - PPO)
- नॉमिनी या उत्तराधिकारी का पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड या पैन कार्ड)
- मृतक का पेंशन खाता पासबुक या स्टेटमेंट
- बैंक द्वारा जारी किया गया आवेदन फॉर्म
प्रक्रिया:
- संबंधित बैंक शाखा से पेंशन खाता बंद करने का आवेदन पत्र प्राप्त करें या स्वयं एक आवेदन तैयार करें। आवेदन में मृतक का नाम, खाता संख्या और डेथ सर्टिफिकेट की जानकारी भरें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे डेथ सर्टिफिकेट, पहचान पत्र, PPO और आवेदन पत्र बैंक में जमा करें। यदि नॉमिनी मौजूद है, तो उसे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।
- बैंक दस्तावेज़ों की जांच करेगा और पेंशन प्राधिकरण को खाता बंद करने के लिए सूचित करेगा।gक द्वारा पेंशन प्राधिकरण को पेंशन भुगतान रोकने के लिए पत्र भेजा जाएगा। पेंशन प्राधिकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुष्टि करता है।
- यदि पेंशन खाते में कोई बची हुई राशि है, तो वह नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को ट्रांसफर कर दी जाएगी।
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📝 मृतक के खाते से पैसे निकालने के लिए आवेदन पत्र (नमूना)
मृतक के खाते से पैसे प्राप्त करने के लिए नॉमिनी/कानूनी उत्तराधिकारी को बैंक प्रबंधक को एक औपचारिक आवेदन पत्र लिखना होता है।
मृतक के खाते से राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन
सेवा में, बैंक प्रबंधक महोदय,
विषय: मृतक खाताधारक श्री/श्रीमती [मृतक का नाम] के खाता संख्या [खाता संख्या] से राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन
आदरणीय महोदय/महोदया,
सविनय निवेदन है कि मेरे [पिता/माता/पति/पत्नी] श्री/श्रीमती [मृतक का पूरा नाम] का निधन [मृत्यु तिथि] को हुआ। उनका खाता संख्या [खाता संख्या] [बैंक नाम] में स्थित है। मैं उनके नॉमिनी/कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में उनके खाते से बची हुई राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन करता हूं।
मैं मृतक के कानूनी वारिस होने के नाते, उनके खाते में जमा राशि का दावा करता हूं। संलग्न दस्तावेजों में मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, मेरा आधार कार्ड, और पैन कार्ड शामिल हैं।
मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मेरे आवेदन पर शीघ्र कार्रवाई करते हुए, मृतक के खाते में जमा राशि को मेरे खाते में स्थानांतरित करने की कृपा करें। मेरा खाता विवरण इस प्रकार है:
- बैंक का नाम: भारतीय स्टेट बैंक
- शाखा: नई दिल्ली
- खाता संख्या: SAV9876543210
- IFSC कोड: SBIN0011222
आपकी शीघ्र कार्रवाई के लिए आभारी रहूंगा।
अमित कुमार [आपका मोबाइल नंबर] [आपका ईमेल आईडी]
संलग्न:
- मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र
- आपका आधार कार्ड
- आपका पैन कार्ड
- बैंक द्वारा जारी किए गए आवेदन फॉर्म
संबंधित दस्तावेज़ निम्नलिखित हैं:
कृपया उपरोक्त दस्तावेज़ों की जांच कर मुझे राशि जारी करने की कृपा करें।
धन्यवाद,
🛡️ जरूरी सुझाव और सावधानियां
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी प्रक्रिया सरल और कानूनी रूप से सही हो, इन महत्वपूर्ण सुझावों पर ध्यान दें:
- तुरंत सूचित करें: जैसे ही खाताधारक की मृत्यु होती है, तुरंत संबंधित बैंक को सूचित करें।
- दस्तावेज़ की तैयारी: सभी आवश्यक दस्तावेज़, विशेष रूप से मृत्यु प्रमाण पत्र और पहचान पत्र, पहले से एकत्रित करके रखें।
- सत्यनिष्ठा: किसी भी स्थिति में फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत न करें। यह कानूनी रूप से दंडनीय अपराध है।
- अवैध लेनदेन से बचें: मृतक की मृत्यु के बाद उनके खाते से कोई भी लेनदेन करना अवैध है। इसके लिए पहले बैंक की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है।
- समय-सीमा का ध्यान: RBI के नए नियमों के तहत बैंक को 15 दिन में दावा निपटाना होगा। यदि देरी होती है, तो आप मुआवजे के हकदार हैं।
- विवाद की स्थिति: यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है या कानूनी वारिसों में सहमति नहीं बनती है, तो कानूनी सलाह लेना सबसे उचित कदम होगा।
आरबीआई के दिशा-निर्देश और अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. नॉमिनी के पास बैंक खाते पर क्या अधिकार होते हैं?
नॉमिनी बैंक खाते में जमा धन का केवल संरक्षक (Custodian) होता है, मालिक नहीं। उनका अधिकार यह सुनिश्चित करना है कि राशि मृतक के वास्तविक कानूनी वारिसों को सौंप दी जाए। हालांकि, बैंक के लिए नॉमिनी को भुगतान करना एक वैध निपटान माना जाता है।
2. Legal Heir Certificate क्या होता है?
यह एक सरकारी दस्तावेज़ है जो यह प्रमाणित करता है कि आप मृतक के वैध कानूनी उत्तराधिकारी हैं। नॉमिनी न होने की स्थिति में बैंक अक्सर इसकी मांग करते हैं।
3. बैंक को दावा निपटाने में कितना समय लगता है?
RBI के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को मृत ग्राहकों के दावों का निपटान 15 दिनों के भीतर करना होगा। देरी होने पर बैंक को नॉमिनी/उत्तराधिकारी को मुआवजा देना होगा।
क्या आप बैंक से दावा करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार हैं, या आपको किसी विशेष दस्तावेज़ को लेकर कोई और जानकारी चाहिए?