मृतक के खाते से पैसे निकालना एक संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होती है, ख़ासकर जब परिवार दुख की घड़ी से गुज़र रहा हो। यह लेख आपको मृतक के खाते से पैसे कैसे निकालें की एक संपूर्ण और सरल गाइड प्रदान करेगा, जो वर्ष 2025 और 2026 की परिस्थितियों के लिए पूरी तरह से अपडेटेड है।
यह समझना ज़रूरी है कि इस प्रक्रिया में नॉमिनी और कानूनी उत्तराधिकारी की क्या भूमिका होती है, और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नवीनतम नियम (जो 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह लागू होने हैं) इस काम को अब कितना आसान, समयबद्ध और ₹15 लाख तक कानूनी दस्तावेज़ों से मुक्त बनाते हैं।
आगे पढ़ें और RBI के नए दिशानिर्देशों के अनुसार अपनी सभी शंकाओं का समाधान पाएं ताकि आप बिना किसी परेशानी के दावा निपटान (Claim Settlement) पूरा कर सकें।
मृतक के खाते से पैसे निकालने की प्रक्रिया: नॉमिनी होने पर
जब किसी व्यक्ति का निधन होता है, तो उनके बैंक खाते में जमा राशि का निपटान इस बात पर निर्भर करता है कि उन्होंने नॉमिनी (Nominee) नियुक्त किया है या नहीं। नॉमिनी होने पर यह प्रक्रिया काफी सरल हो जाती है।
| चरण | आवश्यक कदम और दस्तावेज़ |
|---|---|
| बैंक को सूचित करें | नॉमिनी को सबसे पहले बैंक जाकर खाताधारक की मृत्यु की सूचना देनी होगी। |
| दस्तावेज़ जमा करें | मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) की मूल प्रति और फोटोकॉपी, नॉमिनी का पहचान पत्र (आधार/पैन) और बैंक द्वारा जारी क्लेम फॉर्म (Claim Form) भर कर जमा करें। |
| जांच और भुगतान | बैंक दस्तावेज़ों की जांच के बाद, खाते में जमा राशि को नॉमिनी के खाते में ट्रांसफर कर देगा। |
नॉमिनी 'ट्रस्टी' का सिद्धांत: सुप्रीम कोर्ट के फैसले और RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, नॉमिनी केवल धन का संरक्षक (Custodian/Trustee) होता है, मालिक नहीं। नॉमिनी का दायित्व यह सुनिश्चित करना है कि यह धन वास्तविक कानूनी वारिसों (Legal Heirs) को सौंप दिया जाए। बैंक नॉमिनी को भुगतान करके कानूनी रूप से अपना निपटान पूरा करता है। बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि नॉमिनी को भी यह स्पष्ट रूप से बता दिया जाए।
नॉमिनी न होने पर क्या करें: कानूनी उत्तराधिकारी की भूमिका
यदि मृतक के खाते में कोई नॉमिनी नामित नहीं है, तो प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है और इसमें कानूनी उत्तराधिकारी (Legal Heir) को शामिल होना पड़ता है।
इस स्थिति में, मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को निम्नलिखित दस्तावेज़ और प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र (Legal Heir Certificate) प्राप्त करें: यह प्रमाणित करता है कि आप मृतक के वास्तविक कानूनी वारिस हैं। यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है।
- बैंक को सूचित करें: मृत्यु प्रमाण पत्र और Legal Heir Certificate के साथ बैंक को सूचित करें।
- दस्तावेज़ जमा करें:
- मृतक का डेथ सर्टिफिकेट।
- लीगल हेयर सर्टिफिकेट (या सक्सेशन सर्टिफिकेट/Probate, यदि आवश्यक हो)।
- सभी उत्तराधिकारियों की सहमति (यदि एक से अधिक हैं)।
- उत्तराधिकारी का पहचान पत्र और बैंक खाता विवरण।
- बैंक द्वारा जारी किया गया आवेदन फॉर्म और हलफनामा (Affidavit)।
RBI के नवीनतम नियम (2025-2026) : ₹15 लाख तक आसान क्लेम और मुआवज़े का प्रावधान
दावों के निपटान में तेज़ी लाने और ग्राहकों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए, RBI ने 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह लागू किए जाने वाले महत्वपूर्ण संशोधित नियम जारी किए हैं, जो इस प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल देते हैं:
| प्रावधान | RBI के नए नियम (2025-2026 के अपडेट) |
|---|---|
| ₹15 लाख तक की सीमा | मृतक के परिजन अब बैंक खाते में जमा ₹15 लाख तक की राशि (थ्रेशहोल्ड लिमिट) के लिए बिना कोई कानूनी दस्तावेज़ (जैसे सक्सेशन सर्टिफिकेट, प्रोबेट ऑफ विल) जमा किए सीधे क्लेम कर सकते हैं। सहकारी बैंकों (Cooperative Banks) के लिए यह सीमा ₹5 लाख तय की गई है। |
| अनिवार्य समय-सीमा | बैंक को सभी आवश्यक दस्तावेज़ प्राप्त होने के 15 कैलेंडर दिनों के भीतर दावों का निपटान करना अनिवार्य है। |
| देरी पर मुआवजा | यदि बैंक 15 दिनों के भीतर निपटान नहीं कर पाता है, तो उन्हें नामित व्यक्ति/उत्तराधिकारी को ब्याज के रूप में मुआवजा देना होगा। यह मुआवजा वर्तमान बैंक दर (Bank Rate) के साथ अतिरिक्त 4% वार्षिक की दर से दिया जाएगा। |
| लॉकर के दावों पर मुआवजा | लॉकर या सुरक्षित जमा (Safe Custody) में रखी वस्तुओं के निपटान में देरी होने पर, बैंक को दावेदार को ₹5,000 प्रति दिन का मुआवजा देना होगा। |
| FD/RD समय से पहले बंद करना | जमाकर्ता (Depositor) की मृत्यु होने की स्थिति में, सावधि जमा (FD) या आवर्ती जमा (RD) को बिना किसी जुर्माने के समय से पहले ही बंद करने की अनुमति दी जाएगी, भले ही वह लॉक-इन अवधि के भीतर हो। |
ये नियम बैंकों पर यह सुनिश्चित करने का दबाव बनाते हैं कि वे पारदर्शिता और तेज़ी से दावा निपटान करें, जिससे ग्राहकों को अनावश्यक कानूनी प्रक्रियाओं से मुक्ति मिलती है और उनकी जवाबदेही बढ़ती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और लॉकर की सामग्री का दावा
RBI के नए नियमों के तहत, मृतक के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को लॉक-इन अवधि के बावजूद बिना किसी जुर्माने के समय से पहले बंद किया जा सकता है। यह सुविधा नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी दोनों के लिए उपलब्ध है। इसके लिए निम्नलिखित कदम अपनाएं:
- FD के लिए:
- मृत्यु प्रमाण पत्र और नॉमिनी/उत्तराधिकारी का पहचान पत्र जमा करें।
- बैंक द्वारा प्रदान किया गया FD क्लोजर फॉर्म भरें।
- बैंक FD की राशि को नॉमिनी या उत्तराधिकारी के खाते में ट्रांसफर कर देगा।
- सेफ डिपॉजिट लॉकर के लिए:
- बैंक को मृत्यु प्रमाण पत्र और नॉमिनी/उत्तराधिकारी का पहचान पत्र प्रदान करें।
- बैंक 15 दिनों के भीतर लॉकर की सामग्री की इन्वेंटरी तैयार करने की तारीख तय करेगा।
- देरी होने पर, प्रति दिन 5,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
सुझाव: हमेशा अपने खाते और लॉकर में नॉमिनी नियुक्त करें ताकि दावा प्रक्रिया आसान हो।
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जॉइंट अकाउंट्स के प्रकार और क्लेम की प्रक्रिया
संयुक्त खाते (Joint Accounts) अलग-अलग नियमों के साथ खोले जाते हैं, और इन नियमों से ही पता चलता है कि मृतक के बाद जमा राशि किसे मिलेगी:
- उत्तरजीवी या उत्तरजीवी नियम (Either or Survivor - E/S):
- प्रक्रिया: सबसे आसान। एक खाताधारक की मृत्यु पर, दूसरा (जीवित) खाताधारक पूरे खाते का मालिक बन जाता है।
- आवश्यकता: केवल मृत्यु प्रमाण पत्र।
- पूर्व या उत्तरजीवी नियम (Former or Survivor - F/S):
- प्रक्रिया: इस प्रकार के खाते में केवल पहला नामित व्यक्ति ही राशि का संचालन कर सकता है। पहले व्यक्ति की मृत्यु के बाद, जीवित व्यक्ति (Survivor) को राशि प्राप्त होगी।
- आवश्यकता: केवल मृत्यु प्रमाण पत्र।
- संयुक्त रूप से (Jointly):
- प्रक्रिया: यदि खाता संयुक्त रूप से संचालित होता था, तो जीवित खाताधारक मृतक की राशि का क्लेम तब तक नहीं कर सकता, जब तक वह कानूनी वारिस या नॉमिनी न हो। इस स्थिति में नॉमिनी या लीगल हेयर सर्टिफिकेट की ज़रूरत पड़ सकती है।
कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र (Legal Heir Certificate) प्राप्त करने की प्रक्रिया
नॉमिनी न होने की स्थिति में, लीगल हेयर सर्टिफिकेट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। इसे प्राप्त करने के लिए निम्न प्रक्रिया का पालन किया जाता है:
- आवेदन: मृतक के कानूनी वारिस को स्थानीय तहसीलदार कार्यालय/ज़िला न्यायालय या संबंधित सिविक अथॉरिटी में आवेदन करना होता है।
- दस्तावेज़: आवेदन के साथ, आपको मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, कानूनी वारिसों की सूची, पता प्रमाण और पहचान प्रमाण (सभी वारिसों के) जमा करने होंगे।
- जाँच: अधिकारी दावों की सत्यता की जांच करते हैं। इसमें अक्सर सार्वजनिक नोटिस जारी करना भी शामिल होता है ताकि किसी अन्य दावेदार को आपत्ति दर्ज करने का मौका मिले।
- जारी करना: जांच पूरी होने के बाद, प्राधिकरण द्वारा आधिकारिक कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है, जिसमें मृतक के सभी वैध उत्तराधिकारियों के नाम शामिल होते हैं।
मृतक के डिजिटल बैंकिंग खातों से पैसे निकालने की प्रक्रिया
आज के डिजिटल युग में, कई लोग डिजिटल बैंक खातों (जैसे UPI, नेट बैंकिंग, या डिजिटल वॉलेट) का उपयोग करते हैं। मृतक के डिजिटल खातों से पैसे निकालने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:
- बैंक को सूचित करें: डिजिटल खाते से जुड़े बैंक को मृत्यु की सूचना दें।
- आवश्यक दस्तावेज:
- मृत्यु प्रमाण पत्र।
- नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी का पहचान पत्र।
- डिजिटल खाते का विवरण (जैसे खाता संख्या, UPI ID, या वॉलेट विवरण)।
- खाता निष्क्रिय करना: बैंक डिजिटल खाते को निष्क्रिय करेगा और शेष राशि को नॉमिनी या उत्तराधिकारी के खाते में स्थानांतरित कर देगा।
- विशेष ध्यान: यदि डिजिटल खाते में कोई अनधिकृत लेनदेन होता है, तो तुरंत बैंक को सूचित करें, क्योंकि मृत्यु के बाद ऐसे लेनदेन अवैध माने जाते हैं।
नोट: डिजिटल खातों में नॉमिनी नियुक्त करना सुनिश्चित करें, क्योंकि यह प्रक्रिया को और सरल बनाता है।
वित्तीय सुरक्षा और निवेश के विकल्प
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जॉइंट अकाउंट से पैसे निकालने की प्रक्रिया
यदि मृतक का खाता संयुक्त (Joint Account) है और “Either or Survivor” नियम लागू है, तो जीवित खाताधारक को पूरी राशि प्राप्त होगी। इसके लिए केवल मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करना होगा। प्रक्रिया सरल और त्वरित है।
पेंशन खाते को बंद करने की प्रक्रिया
पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद पेंशन खाते को बंद करने के लिए निम्नलिखित कदम अपनाएं:
- संपर्क करें: संबंधित बैंक या पेंशन प्राधिकरण से संपर्क करें।
- दस्तावेज जमा करें:
- मृत्यु प्रमाण पत्र।
- पेंशन भुगतान आदेश (PPO)।
- नॉमिनी/उत्तराधिकारी का पहचान पत्र।
- बैंक का आवेदन फॉर्म।
- राशि का ट्रांसफर: बैंक पेंशन प्राधिकरण को सूचित करेगा, और खाते में बची राशि नॉमिनी या उत्तराधिकारी को हस्तांतरित की जाएगी।
पेंशन खाते को बंद करने की प्रक्रिया
पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद, उनके पेंशन खाते को बंद करना और बची हुई राशि का दावा करना भी आवश्यक होता है:
- संपर्क: उस विभाग या बैंक से संपर्क करें जिसने पेंशन का भुगतान किया था।
- दस्तावेज़: डेथ सर्टिफिकेट, पेंशन भुगतान आदेश (PPO), नॉमिनी/उत्तराधिकारी का पहचान पत्र, और बैंक द्वारा जारी किया गया आवेदन फॉर्म जमा करें।
- राशि का ट्रांसफर: बैंक पेंशन प्राधिकरण को सूचित करता है। यदि खाते में कोई बची हुई राशि है, तो वह नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को ट्रांसफर कर दी जाएगी।
ज़रूरी सुझाव और सावधानियां
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी प्रक्रिया सरल और कानूनी रूप से सही हो, इन महत्वपूर्ण सुझावों पर ध्यान दें:
- तुरंत सूचित करें: जैसे ही खाताधारक की मृत्यु होती है, तुरंत संबंधित बैंक को सूचित करें ताकि खाते में किसी भी अवैध लेनदेन को रोका जा सके।
- अवैध लेनदेन से बचें: मृतक की मृत्यु के बाद उनके खाते से कोई भी लेनदेन करना अवैध है। इसके लिए पहले बैंक की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है।
- मुआवजे का दावा: यदि बैंक RBI की 15-दिन की समय-सीमा का पालन नहीं करता है (जो 2026 तक अनिवार्य है), तो आप निश्चित रूप से मुआवजे के हकदार हैं—इसका दावा करने में संकोच न करें।
मृतक के खाते से पैसे निकालने के लिए आवेदन पत्र (नमूना)
मृतक के खाते से राशि प्राप्त करने हेतु नॉमिनी/कानूनी उत्तराधिकारी बैंक प्रबंधक को एक औपचारिक आवेदन पत्र लिख सकते हैं, जिसका प्रारूप इस प्रकार है:
मृतक के खाते से राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन
सेवा में,
बैंक प्रबंधक महोदय,
[बैंक का नाम]
[बैंक शाखा का पता]
[तारीख]
विषय: मृतक खाताधारक श्री/श्रीमती [मृतक का नाम] के खाता संख्या [खाता संख्या] से राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन
आदरणीय महोदय/महोदया,
सविनय निवेदन है कि मेरे [संबंध: पिता/माता/पति/पत्नी] श्री/श्रीमती [मृतक का पूरा नाम] का निधन [मृत्यु तिथि] को हुआ। मैं उनके नॉमिनी/कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में उनके खाता संख्या [खाता संख्या] में जमा बची हुई राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन करता हूं/करती हूं।
संलग्न दस्तावेजों में मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, मेरा आधार कार्ड, पैन कार्ड, और बैंक का क्लेम फॉर्म शामिल हैं।
आपसे अनुरोध है कि आप मेरे आवेदन पर शीघ्र कार्रवाई करते हुए, RBI के नए 15-दिन के नियम के अनुसार, मृतक के खाते में जमा राशि को मेरे खाते में स्थानांतरित करने की कृपा करें।
मेरा खाता विवरण:
- बैंक का नाम: [अपना बैंक]
- शाखा: [अपनी शाखा]
- खाता संख्या: [अपना खाता संख्या]
- IFSC कोड: [अपना IFSC कोड]
आपकी शीघ्र कार्रवाई के लिए आभारी रहूंगा/रहूंगी।
धन्यवाद,
[आपका हस्ताक्षर]
[आपका पूरा नाम]
[आपका मोबाइल नंबर]
[आपका ईमेल आईडी]
संलग्न: (ज़रूरी दस्तावेज़ों की सूची)
(FAQs)
- नॉमिनी के अधिकार क्या हैं? नॉमिनी केवल संरक्षक होता है और उसे राशि कानूनी वारिसों तक पहुंचानी होती है।
- 15 लाख तक की राशि बिना कागजात कैसे निकालें? RBI के नए नियमों के तहत, 15 लाख तक की राशि के लिए Succession Certificate की आवश्यकता नहीं है। केवल मृत्यु प्रमाण पत्र और पहचान पत्र पर्याप्त हैं।
- दावा निपटान में देरी होने पर क्या करें? यदि बैंक 15 दिनों में दावा निपटाने में विफल रहता है, तो आप बैंक दर + 4% ब्याज या लॉकर के लिए 5,000 रुपये प्रति दिन मुआवजे के हकदार हैं।
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निष्कर्ष
मृतक के खाते से पैसे कैसे निकाले यह जानना हर किसी के लिए आवश्यक है। RBI के नए दिशानिर्देशों के कारण, विशेष रूप से ₹15 लाख की सीमा और 15-दिन का अनिवार्य समय-सीमा (जो 2026 तक अनिवार्य है), यह प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक पारदर्शी और सुगम हो गई है। सही जानकारी और दस्तावेज़ों के साथ, आप आसानी से यह काम पूरा कर सकते हैं। यदि कोई समस्या हो, तो बैंक से संपर्क करें या कानूनी सलाह लें।
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