साइबर क्राइम से कैसे बचें: 2025 के 15+ आसान उपाय और सुरक्षा गाइड (Cyber Crime Se Bachne Ke Upay)

क्या आप जानते हैं कि गोबर और कृषि कचरे से न केवल धन कमाया जा सकता है, बल्कि ग्रामीण भारत को स्वच्छ और आत्मनिर्भर भी बनाया जा सकता है? गोवर्धन योजना (GOBARdhan), जिसका पूरा नाम Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan है, भारत सरकार की एक अनूठी पहल है। यह योजना 2018 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य पशुओं के गोबर और जैविक कचरे को बायोगैस, संपीड़ित बायोगैस (CBG), और जैविक खाद में बदलकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। 2025 में इस योजना का दूसरा चरण चल रहा है, जो स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गांवों को खुले में शौच मुक्त (ODF) से ODF-प्लस बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इन दिनों साइबर क्राइम (Cyber Crime) पूरे विश्व में एक बड़ी समस्या बना हुआ है। हर दिन लाखों लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं, और यदि आप इस बारे में जागरूक नहीं हैं, तो आप भी इसका शिकार हो सकते हैं। यह समझना बेहद जरूरी है कि अपराधी लगातार अपने तरीकों को बदल रहे हैं, और नवीनतम खतरों से अपडेट रहना हमारी डिजिटल सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

इस व्यापक गाइड में, हम आपको साइबर क्राइम से बचने के सबसे प्रभावी उपाय (Cyber Crime Se Bachne Ke Upay), विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध, उनकी पहचान कैसे करें, और यदि आप इसका शिकार हो जाते हैं तो शिकायत कैसे दर्ज करें (Cyber Crime Complaint) और पैसे वापस कैसे पाएं (Cyber Crime Se Paisa Kaise Wapas Paye) इसकी पूरी जानकारी देंगे। यह पोस्ट आपको 2025 के डिजिटल खतरों से सुरक्षित रहने में मदद करेगी। इसे अंत तक पढ़ें और अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करें!

साइबर क्राइम से बचने के 10 आसान उपाय हिंदी में

साइबर क्राइम क्या है? (Cyber Crime Kya Hota Hai)

साइबर क्राइम (Cyber Crime) एक ऐसा आपराधिक कार्य है जहाँ अपराधी कंप्यूटर, इंटरनेट, और मोबाइल जैसे डिजिटल माध्यमों का दुरुपयोग करके व्यक्तियों या संगठनों को वित्तीय, भावनात्मक, या गोपनीय जानकारी के स्तर पर नुकसान पहुंचाते हैं। यह सिर्फ हैकिंग (Hacking) तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud), डेटा चोरी (Data Theft), मैलवेयर हमला (Malware Attack), पहचान की चोरी (Identity Theft), और साइबर बुलिंग (Cyber Bullying) जैसे कई रूप शामिल हैं। साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं, इसलिए इनकी पहचान करना और इनसे बचना बेहद ज़रूरी है।

साइबर क्राइम कितने प्रकार के होते हैं (Types of Cyber Crime in Hindi)

आजकल चोरों ने पारंपरिक चोरी के बजाय ऑनलाइन तरीकों को अपना लिया है, और ये तरीके तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधों के कुछ मुख्य प्रकार यहाँ दिए गए हैं:
  1. फ़िशिंग (Phishing): यह एक धोखाधड़ी है जिसमें नकली ईमेल, मैसेज या वेबसाइटों का उपयोग करके आपसे आपकी व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी (जैसे पासवर्ड, बैंक खाता विवरण, क्रेडिट कार्ड नंबर) चुराई जाती है। ये अक्सर किसी विश्वसनीय संस्था (जैसे बैंक या सरकारी विभाग) का रूप धारण करते हैं।
  2. हैकिंग (Hacking): बिना अनुमति के किसी कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क में घुसपैठ करना ताकि संवेदनशील जानकारी तक पहुंचा जा सके या उसे नुकसान पहुंचाया जा सके।
  3. ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud): इंटरनेट के माध्यम से वित्तीय ठगी करना, जैसे नकली ऑनलाइन स्टोर, निवेश योजनाओं या लॉटरी घोटालों के जरिए पैसे लूटना। इसमें फर्जी वेबसाइटों का उपयोग कर ऑनलाइन लेनदेन में धोखाधड़ी भी शामिल है।
  4. साइबर स्टॉकिंग (Cyber Stalking) / साइबर बुलिंग (Cyber Bullying): इंटरनेट या सोशल मीडिया के माध्यम से किसी व्यक्ति को लगातार परेशान करना, धमकी देना, डराना या उत्पीड़न करना।
  5. मैलवेयर हमले (Malware Attacks): मैलवेयर (Malware) जैसे वायरस (Virus), ट्रोजन (Trojan), रैनसमवेयर (Ransomware), और स्पाइवेयर (Spyware) का उपयोग करके कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाना, डेटा चोरी करना या उसे निष्क्रिय करना।
  6. पहचान की चोरी (Identity Theft): आपकी व्यक्तिगत जानकारी (जैसे नाम, पता, जन्मतिथि, आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर) का उपयोग करके आपके नाम पर फर्जी खाते खोलना, क्रेडिट कार्ड लेना, या अन्य आपराधिक गतिविधियाँ करना।
  7. फर्जी बैंक कॉल्स (Fake Bank Calls): अपराधी बैंक कर्मचारी बनकर आपको कॉल करते हैं और आपकी निजी जानकारी जैसे अकाउंट नंबर, पासवर्ड, या ओटीपी (OTP) मांगते हैं।
  8. क्रेडिट कार्ड फ्रॉड (Credit Card Fraud): आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुराकर ऑनलाइन खरीदारी करना या आपके खाते से पैसे निकालना।
  9. यूपीआई स्कैम (UPI Scam): आपको यूपीआई के माध्यम से पैसे भेजने के लिए फंसाना, या फर्जी ऑफर्स के जरिए आपसे पैसे मांगना।
  10. सोशल मीडिया अकाउंट हैकिंग (Social Media Account Hacking): आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स को हैक करके आपकी निजी जानकारी चुराना या आपके नाम पर आपत्तिजनक पोस्ट करना।
  11. डेटा को बंधक बनाना (Holding Data Hostage): रैनसमवेयर (Ransomware) हमलों में, अपराधी आपकी फाइलों को एन्क्रिप्ट (कोडित) कर देते हैं और उन्हें वापस देने के बदले में फिरौती (पैसे) की मांग करते हैं।
  12. सेक्सटॉर्शन (Sextortion): पीड़ितों को आपत्तिजनक वीडियो या छवियों के माध्यम से ब्लैकमेल करना, अक्सर वीडियो कॉल के दौरान फंसाकर।
  13. कॉपीराइट उल्लंघन (Copyright Infringement): किसी अन्य व्यक्ति के रचनात्मक कार्य की अनुमति के बिना नकल करना, प्रकाशित करना या वितरित करना।
  14. साइबर आतंकवाद (Cyber Terrorism): किसी देश या संगठन के कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क पर हमला करके दहशत फैलाना या गंभीर नुकसान पहुंचाना।
  15. ब्लैकमेल (Blackmail): किसी की फर्जी वीडियो या इमेज बनाकर उसे ब्लैकमेल करना और पैसे की मांग करना।

साइबर क्राइम से बचने के 15+ आसान उपाय (Cyber Crime Se Bachne Ke Upay)

साइबर क्राइम से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां अपनाना बेहद जरूरी है। यहां कुछ प्रभावी उपाय दिए गए हैं जिनका पालन करके आप खुद को साइबर ठगों से बचा सकते हैं:

साइबर क्राइम से बचने के 10 आसान उपाय हिंदी में (Cyber Crime Se Bachne Ke Upay)

1. मजबूत और अनूठे पासवर्ड का उपयोग करें (Use Strong & Unique Passwords):

  • अपने पासवर्ड में अक्षर (छोटे और बड़े), संख्याएं, और विशेष चिह्नों का मिश्रण रखें।
  • सबसे महत्वपूर्ण: किसी भी दो अकाउंट्स के लिए एक ही पासवर्ड का उपयोग कभी न करें। यदि एक अकाउंट हैक होता है, तो बाकी भी असुरक्षित हो जाएंगे।
  • पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें (जैसे LastPass, 1Password) ताकि आपको सभी पासवर्ड याद न रखने पड़ें।

2. दो-चरणीय प्रमाणीकरण (2FA/MFA) का उपयोग करें (Enable Two-Factor Authentication):

  • जहाँ भी संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) या मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को सक्रिय करें। यह सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ता है।
  • आपके पासवर्ड जानने के बाद भी, हैकर आपके अकाउंट तक तब तक नहीं पहुंच पाएगा जब तक उसके पास आपके फोन पर आने वाला OTP (वन-टाइम पासवर्ड) न हो।
3. अज्ञात लिंक और ईमेल पर क्लिक न करें (Avoid Unknown Links & Emails):

  • फ़िशिंग ईमेल (Phishing Emails) और संदिग्ध मैसेज से हमेशा सावधान रहें।
  • किसी भी ऐसे ईमेल या मैसेज पर क्लिक न करें जो आपको संदिग्ध लगे, भले ही वह किसी जाने-पहचाने व्यक्ति से आया हो। हमेशा भेजने वाले की ईमेल आईडी या फोन नंबर की जांच करें।
  • यदि संदेह हो, तो सीधे संबंधित वेबसाइट पर जाकर जानकारी सत्यापित करें (लिंक पर क्लिक करके नहीं)।

4. नियमित रूप से सॉफ्टवेयर अपडेट करें (Regularly Update Software):

  • अपने ऑपरेटिंग सिस्टम (Windows, macOS, Android, iOS), वेब ब्राउज़र, एंटीवायरस सॉफ्टवेयर, और अन्य सभी एप्लिकेशन को हमेशा नवीनतम संस्करण पर अपडेट रखें।
  • सॉफ्टवेयर अपडेट्स में अक्सर सुरक्षा पैच (security patches) होते हैं जो ज्ञात कमजोरियों को ठीक करते हैं, जिनका फायदा हैकर उठा सकते हैं।

5. विश्वसनीय एंटीवायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ्टवेयर का उपयोग करें (Use Reliable Antivirus/Anti-Malware):

  • अपने कंप्यूटर और स्मार्टफोन पर एक विश्वसनीय एंटीवायरस (Antivirus) और एंटी-मैलवेयर (Anti-Malware) सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और इसे नियमित रूप से अपडेट करें।

  • ये सॉफ्टवेयर आपको वायरस, ट्रोजन, रैनसमवेयर और अन्य हानिकारक प्रोग्राम्स से बचाते हैं।

6. सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें (Limit Personal Info on Social Media):

  • सोशल मीडिया पर अपनी जन्मतिथि, पता, फोन नंबर, या अन्य निजी जानकारी अनावश्यक रूप से साझा करने से बचें।
  • ये जानकारियां पहचान की चोरी या अन्य साइबर अपराधों के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं।
  • अपनी गोपनीयता सेटिंग्स (privacy settings) को मजबूत करें।

7. सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग न करें (Avoid Public Wi-Fi for Sensitive Tasks):

  • सार्वजनिक वाई-फाई (जैसे कैफे, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन) अक्सर सुरक्षित नहीं होते हैं। हैकर्स इन नेटवर्कों पर आपके डेटा को आसानी से इंटरसेप्ट कर सकते हैं।
  • संवेदनशील लेनदेन (जैसे ऑनलाइन बैंकिंग या शॉपिंग) के लिए सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करने से बचें।
  • यदि आवश्यक हो, तो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग करें।

8. ऑनलाइन खरीदारी करते समय सावधान रहें (Be Careful with Online Shopping):

  • केवल विश्वसनीय और प्रसिद्ध ई-कॉमर्स वेबसाइटों से ही खरीदारी करें।
  • भुगतान करने से पहले सुनिश्चित करें कि वेबसाइट का URL "https://" से शुरू होता है और उसमें एक पैडलॉक आइकन (security certificate) दिखाई दे रहा हो।
  • अज्ञात या संदिग्ध वेबसाइटों पर अपनी क्रेडिट कार्ड की जानकारी दर्ज न करें।

9. अपने डेटा का नियमित रूप से बैकअप रखें (Regular Data Backup):

  • अपने महत्वपूर्ण डेटा (फाइलें, तस्वीरें, दस्तावेज) का नियमित रूप से किसी बाहरी हार्ड ड्राइव या क्लाउड स्टोरेज (जैसे Google Drive, Dropbox) पर बैकअप लें।
  • यह आपको रैनसमवेयर हमलों या डेटा हानि की स्थिति में अपने डेटा को रिकवर करने में मदद करेगा।

10. संदिग्ध कॉल/मैसेज पर प्रतिक्रिया न दें (Don't Respond to Suspicious Calls/Messages):

  • किसी भी अज्ञात या संदिग्ध फोन कॉल (विशेषकर बैंक, सरकारी एजेंसी, या लॉटरी जीतने का दावा करने वाले) पर अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें।
  • याद रखें, बैंक या सरकारी एजेंसियां कभी भी आपसे फोन पर OTP, पासवर्ड, या CVV नहीं मांगते हैं।

11. ई-मेल स्पैम फ़िल्टर (Email Spam Filter) का उपयोग करें:

  • अपने ईमेल प्रोवाइडर के स्पैम फ़िल्टर को सक्रिय रखें ताकि संदिग्ध ईमेल आपके इनबॉक्स में न आ सकें।

12. ब्राउज़र में HTTPS का ध्यान रखें:

  • जब भी कोई संवेदनशील जानकारी दर्ज करें (जैसे पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर), तो सुनिश्चित करें कि वेबसाइट का URL "https://" से शुरू होता है। 'S' का अर्थ 'सिक्योर' (सुरक्षित) होता है।

13. USB ड्राइव और एक्सटर्नल स्टोरेज को स्कैन करें:

  • किसी भी अज्ञात USB ड्राइव या एक्सटर्नल स्टोरेज डिवाइस को अपने कंप्यूटर से कनेक्ट करने से पहले एंटीवायरस से स्कैन करें।

14. बच्चों को साइबर सुरक्षा के बारे में शिक्षित करें:

  • बच्चों को ऑनलाइन खतरों, अजनबियों से बात न करने, और व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने के बारे में सिखाएं।

15. अपने बैंक स्टेटमेंट और लेनदेन की जांच करें:

  • अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को नियमित रूप से जांचें ताकि किसी भी संदिग्ध लेनदेन का तुरंत पता चल सके।

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नया खतरा: कोयोट मैलवेयर (Coyote Malware) से बचें!

2025 में साइबर सुरक्षा में एक नया खतरा उभर रहा है। Coyote Malware, एक खतरनाक वायरस, विंडोज के UI Automation फीचर का इस्तेमाल कर लैपटॉप यूजर्स के बैंक अकाउंट और क्रिप्टोकरेंसी डिटेल्स चुरा रहा है। Akamai साइबर सुरक्षा कंपनी ने इसकी पुष्टि की है। यह खासकर ब्राजील के यूजर्स को टारगेट कर रहा है, लेकिन जल्दी ही वैश्विक स्तर पर फैल सकता है।

यह कैसे काम करता है?

  • UI Automation Framework: विंडोज का यह फीचर मैलवेयर को बैंकिंग वेबसाइट्स पर लॉगिन डिटेल्स चुराने देता है।
  • कीलॉगिंग और फिशिंग: पासवर्ड और डेटा चुराने के लिए ओवरले तकनीक।
  • Squirrel Installer: विंडोज ऐप्स को इंफेक्ट करने के लिए इस्तेमाल।
  • डेटा चोरी: कंप्यूटर नाम, यूजर नाम, और फाइनेंशियल डेटा को कंट्रोल सेंटर भेजता है।

इससे कैसे बचें?

  • एंटीवायरस इंस्टॉल करें: विश्वसनीय सॉफ्टवेयर जैसे Kaspersky या Norton इस्तेमाल करें।
  • सॉफ्टवेयर अपडेट रखें: विंडोज और ऐप्स को नियमित अपडेट करें।
  • बैंकिंग के लिए अलग डिवाइस: क्रिप्टो या बैंकिंग के लिए समर्पित लैपटॉप इस्तेमाल करें।
  • संदिग्ध लिंक से बचें: अज्ञात ईमेल या लिंक पर क्लिक न करें।

नोट: हाल ही में "LameHug" AI-पावर्ड मैलवेयर भी ZIP फाइल्स के जरिए फैल रहा है। सावधान रहें!

    साइबर क्राइम से पैसे वापस कैसे लाएं?

    अगर आपके साथ साइबर क्राइम हुआ है और पैसे चोरी हो गए हैं, तो निम्नलिखित कदम उठाकर अपने पैसे वापस पाने की कोशिश कर सकते हैं:

    1. तुरंत अपनी बैंक या पेमेंट वॉलेट को सूचित करें

    • अपनी बैंक को तुरंत कॉल करें और ट्रांजैक्शन को ब्लॉक करने के लिए कहें।
    • अगर आपने UPI, Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे किसी वॉलेट के जरिए पैसे भेजे हैं, तो उनकी कस्टमर केयर से संपर्क करें।

    2. साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करें

    • साइबर क्राइम में शिकायत कैसे करें: साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर: 1930 पर कॉल करें।
    • यह हेल्पलाइन भारत सरकार द्वारा साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं के लिए जारी की गई है।

    3. राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत करें

    • वेबसाइट: https://cybercrime.gov.in
    • यहाँ पर अपनी शिकायत दर्ज करें और सभी जरूरी सबूत संलग्न करें।
    साइबर क्राइम से बचने के 10 आसान उपाय हिंदी में (Cyber Crime Se Bachne Ke Upay)

    4. नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएं

    • अपने शहर के साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करें।
    • उदाहरण: लखनऊ, दिल्ली, मुंबई, पुणे जैसे शहरों में साइबर क्राइम सेल सक्रिय रूप से काम कर रही है।

    5. ट्रांजैक्शन डिटेल और प्रूफ इकट्ठा करें

    • धोखाधड़ी का पूरा विवरण, बैंक स्टेटमेंट, ईमेल, मैसेज और कॉल रिकॉर्ड सुरक्षित रखें।
    • इससे शिकायत दर्ज करने में आसानी होगी।

    6. बैंक ओम्बड्समैन में शिकायत करें

    साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन नंबर क्या है?

    भारत सरकार ने साइबर क्राइम से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है। यह नंबर 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध है, और आप देश के किसी भी हिस्से से इस पर कॉल करके साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

    राज्य के अनुसार हेल्पलाइन नंबर:

    राष्ट्रीय हेल्पलाइन के अलावा, कुछ राज्यों ने अपने खुद के साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नंबर इस प्रकार हैं:

    • उत्तर प्रदेश: 1090 (साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर UP)
    • महाराष्ट्र: 1930 (साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर महाराष्ट्र)
    • गुजरात: 1930 (गुजरात साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर)
    • दिल्ली: आप दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर साइबर क्राइम सेल के कांटेक्ट डिटेल्स पा सकते हैं।

    साइबर क्राइम से संबंधित कानून को क्या कहा जाता है?

    Cyber Crime Se Sambandhit Kanoon Ko Kya Kahate Hain: साइबर क्राइम से संबंधित कानून को आईटी एक्ट, 2000 कहा जाता है। साइबर क्राइम को नियंत्रित करने के लिए मुख्य कानून सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (Information Technology Act, 2000) है। इसे आईटी एक्ट (IT Act) के नाम से भी जाना जाता है। इस अधिनियम में साइबर क्राइम के विभिन्न प्रकारों के लिए दंड का प्रावधान है। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code, 1860) में भी साइबर क्राइम से संबंधित कुछ प्रावधान हैं।

    साइबर क्राइम से संबंधित कानून (Cyber Crime Se Sambandhit Kanoon)

    भारत में साइबर क्राइम से निपटने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000) लागू है। इस कानून के तहत साइबर अपराधियों को सजा का प्रावधान है। साइबर क्राइम से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान निम्नलिखित हैं:
    • धारा 43: यह धारा कंप्यूटर, कंप्यूटर सिस्टम आदि को नुकसान पहुंचाने के लिए दंड और मुआवजे से संबंधित है।
    • धारा 65: यह धारा स्रोत दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ से संबंधित है।
    • धारा 66: यह धारा कंप्यूटर से संबंधित अपराधों से संबंधित है, जिसमें डेटा चोरी भी शामिल है।
    • धारा 66B: यह धारा बेईमानी से चोरी हुए कंप्यूटर संसाधन या संचार उपकरण प्राप्त करने से संबंधित है।
    • धारा 66C: यह धारा इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर या पहचान की चोरी से संबंधित है।
    • धारा 66D: यह धारा कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके प्रतिरूपण द्वारा ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए सजा से संबंधित है।
    • धारा 66E: यह धारा गोपनीयता का उल्लंघन से संबंधित है।
    • धारा 66F: यह धारा साइबर आतंकवाद से संबंधित है।
    • धारा 67: यह धारा इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने से संबंधित अश्लील सामग्री के प्रसार के लिए सजा है।

    निष्कर्ष

    साइबर क्राइम से बचाव की जिम्मेदारी हम सभी की है। सतर्कता और जागरूकता से इससे बचा जा सकता है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें और अपनी डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दें। साइबर क्राइम से बचने के लिए सावधानी बरतना और जागरूक रहना बहुत जरूरी है। साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता और सावधानी बेहद ज़रूरी है। मजबूत पासवर्ड, दो-चरणीय प्रमाणीकरण, और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर जैसे उपायों को अपनाकर आप अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत बना सकते हैं। अगर आप साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत बैंक और साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।

    साइबर क्राइम से बचने के उपाय (Cyber Crime Se Bachne Ke Upay) अपनाकर आप अपने डिजिटल जीवन को सुरक्षित बना सकते हैं। यदि आपके पास कोई प्रश्न है, तो नीचे कमेंट करें या हमसे संपर्क करें।

    याद रखें, डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहना आपके हाथ में है। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी!

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