यदि आप महाराष्ट्र या ओडिशा में प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं, तो यह खबर आपके लिए गेम-चेंजर हो सकती है। 2025 में दोनों राज्यों ने श्रम कानूनों में बड़े बदलाव किए हैं, जिसमें दैनिक कामकाजी घंटे 9 से बढ़ाकर 10 करने और ओवरटाइम लिमिट 144 घंटे तक करने का फैसला शामिल है। यह कदम निवेश आकर्षित करने, उत्पादकता बढ़ाने और महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की आजादी देने के लिए उठाया गया है। लेकिन ट्रेड यूनियंस ने वर्क-लाइफ बैलेंस पर चिंता जताई है।
इस अपडेटेड गाइड में हम महाराष्ट्र के नए नियमों का पूरा ब्रेकडाउन, ओडिशा के ताजा संशोधन, दोनों की तुलना, कर्मचारियों के लिए टिप्स और FAQ कवर करेंगे। यदि आप "महाराष्ट्र वर्किंग ऑवर्स 2025" या "ओडिशा लेबर लॉ चेंजेस" सर्च कर रहे हैं, तो यह पोस्ट आपको स्टेप-बाय-स्टेप क्लैरिटी देगी। चलिए, डिटेल्स में जाते हैं!
महाराष्ट्र में प्राइवेट सेक्टर के नए कामकाजी नियम 2025: क्या बदला?
महाराष्ट्र सरकार ने सितंबर 2025 में महाराष्ट्र शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट, 2017 में संशोधन को मंजूरी दी, जो दुकानों, होटलों, रेस्टोरेंट्स और अन्य प्राइवेट संस्थानों पर लागू होता है। श्रम मंत्री आकाश फुंडकर के नेतृत्व में यह बदलाव निवेश को बढ़ावा देने और वैश्विक मानकों से तालमेल बिठाने के लिए किया गया। मुख्य बदलाव:
- दैनिक कामकाजी घंटे: 9 से बढ़ाकर 10 घंटे। कोई वयस्क कर्मचारी एक दिन में 10 घंटे से ज्यादा नहीं करेगा।
- ब्रेक नियम: लगातार 6 घंटे काम के बाद आधा घंटे का अनिवार्य ब्रेक, ताकि थकान कम हो और प्रोडक्टिविटी बढ़े।
- ओवरटाइम लिमिट: तीन महीने में 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे। दैनिक ओवरटाइम सहित अधिकतम 12 घंटे तक, लेकिन उचित मुआवजे के साथ।
- महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट: नेशनल लेबर कोड्स के तहत लेट नाइट शिफ्ट की अनुमति, सुरक्षा उपायों के साथ। इससे राउंड-द-क्लॉक ऑपरेशंस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
- कानून का दायरा: 10 कर्मचारियों वाली संस्थाओं से बढ़ाकर 20 तक, जिससे ज्यादा वर्कर्स कवर होंगे।
ये बदलाव सितंबर 2025 से लागू हो चुके हैं, लेकिन आपात स्थिति में दैनिक घंटों की सीमा हटाने का प्रावधान है। मंत्री फुंडकर ने कहा कि कई कंपनियां पहले से ज्यादा घंटे करवाती हैं, लेकिन बिना पेमेंट के – अब यह वैधानिक होगा। हालांकि, ट्रेड यूनियंस ने विरोध किया है, दावा करते हुए कि इससे कर्मचारियों की सेहत प्रभावित होगी।
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ओडिशा में लेबर लॉ अपडेट 2025: 10 घंटे काम, 24/7 ऑपरेशंस
ओडिशा सरकार ने भी सितंबर 2025 में ओडिशा शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट, 1956 और फैक्ट्रीज एक्ट, 1948 में संशोधन को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की कैबिनेट ने इसे उद्योगों को आकर्षित करने, उत्पादन बढ़ाने और रोजगार सृजन के लिए पास किया। प्रमुख बदलाव:
- दैनिक शिफ्ट: 9 से 10 घंटे तक, लेकिन साप्ताहिक लिमिट 48 घंटे बरकरार।
- ओवरटाइम कैप: क्वार्टर में 50-115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे। 10 घंटे से ज्यादा या 48 घंटे वीक में काम पर दोगुना वेतन।
- 24/7 ऑपरेशन: प्रतिष्ठान साल भर 24 घंटे खुले रह सकते हैं। सरकार अधिसूचना से दैनिक अधिकतम 12 घंटे तक बढ़ा सकती है, विश्राम सुनिश्चित करते हुए।
- महिलाओं के लिए रात का काम: लिखित सहमति और सरकारी शर्तों पर नाइट शिफ्ट की अनुमति, पाबंदी हटाई गई।
- अन्य: 20+ कर्मचारियों वाली दुकानों/प्रतिष्ठानों में ओडिया में साइनबोर्ड अनिवार्य।
ये सुधार महिलाओं के रोजगार को बूस्ट देंगे और बिजनेस एक्टिविटी बढ़ाएंगे।
महाराष्ट्र vs ओडिशा: कामकाजी घंटों के नए नियमों की तुलना
दोनों राज्यों के बदलाव समान हैं, लेकिन कुछ अंतर हैं। नीचे टेबल में आसान तुलना:
पैरामीटर | महाराष्ट्र (2025) | ओडिशा (2025) |
---|---|---|
दैनिक घंटे | 9 से 10 घंटे | 9 से 10 घंटे (अधिकतम 12 संभव) |
ओवरटाइम लिमिट (3 महीने) | 125 से 144 घंटे | 50-115 से 144 घंटे |
ब्रेक नियम | 6 घंटे बाद 30 मिनट अनिवार्य | विश्राम सुनिश्चित, लेकिन स्पष्ट नहीं |
महिलाओं की नाइट शिफ्ट | अनुमति, सुरक्षा के साथ | सहमति से अनुमति |
कवरेज | 10 से 20 कर्मचारियों तक | 20+ कर्मचारियों के लिए साइनबोर्ड |
ओवरटाइम वेतन | दोगुना (समान) | दोगुना, 10+ घंटे पर |
उद्देश्य | निवेश, वैश्विक मानक | उद्योग आकर्षण, रोजगार वृद्धि |
(स्रोत: राज्य सरकार अधिसूचनाएं, 2025।)
इन बदलावों का असर: फायदे और नुकसान
फायदे:
- बिजनेस के लिए: ज्यादा लचीलापन, 24/7 ऑपरेशंस से उत्पादकता बढ़ेगी।
- कर्मचारियों के लिए: ओवरटाइम पर दोगुना पे, महिलाओं को नए अवसर।
- अर्थव्यवस्था: निवेश बढ़ेगा, रोजगार सृजन होगा।
नुकसान:
- थकान बढ़ सकती है, वर्क-लाइफ बैलेंस बिगड़ेगा।
- यूनियंस का विरोध: महाराष्ट्र में प्रोटेस्ट हो चुके हैं।
सरकारी कर्मचारियों पर असर कम है – महाराष्ट्र में 9:45 AM से 5:45 PM, 5-दिन वीक।
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कर्मचारियों के लिए 5 प्रैक्टिकल टिप्स: नए नियमों का फायदा कैसे उठाएं?
- ओवरटाइम ट्रैक करें: ऐप्स जैसे Time Doctor यूज करें, ताकि 144 घंटे लिमिट न लांघें।
- महिलाओं के लिए: नाइट शिफ्ट चुनें तो कंपनी की सुरक्षा पॉलिसी चेक करें।
- ब्रेक का लाभ: 6 घंटे बाद ब्रेक लें, प्रोडक्टिविटी 20% बढ़ेगी।
- कानूनी मदद: यूनियन जॉइन करें या लेबर डिपार्टमेंट हेल्पलाइन (022-22025392 महाराष्ट्र) पर कॉल करें।
- टैक्स सेविंग: ओवरटाइम इनकम पर TDS कम होगा – CA से सलाह लें।
FAQ: महाराष्ट्र-ओडिशा वर्किंग ऑवर्स 2025 से जुड़े सवाल
क्या 10 घंटे काम अनिवार्य है?
नहीं, लेकिन अधिकतम लिमिट है। ओवरटाइम वैकल्पिक, दोगुना पे के साथ।
महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने पर क्या सुरक्षा?
सरकारी शर्तें अनिवार्य, जैसे ट्रांसपोर्ट और CCTV।
ओवरटाइम कैलकुलेशन कैसे होगा?
10 घंटे से ज्यादा पर दोगुना रेट। क्वार्टर में 144 घंटे मैक्स।
छोटी कंपनियों पर असर?
महाराष्ट्र में 20+ पर, ओडिशा में 20+ के लिए अतिरिक्त नियम।
विरोध क्यों हो रहा है?
थकान और बैलेंस की चिंता।
अधिक के लिए लेबर डिपार्टमेंट वेबसाइट चेक करें।
निष्कर्ष: बदलाव अपनाएं, लेकिन हेल्थ प्रायोरिटाइज करें
2025 के ये लेबर रिफॉर्म्स महाराष्ट्र और ओडिशा को बिजनेस हब बना सकते हैं, लेकिन कर्मचारियों को अवेयर रहना चाहिए। यदि आप प्रभावित हैं, तो कंपनी HR से बात करें। यह पोस्ट हेल्पफुल लगी तो शेयर करें!