क्या आपको पता है कि अब भारत में पुलिस, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग-अलग नंबर डायल करने की ज़रूरत नहीं है? अगर आप किसी भी तरह की परेशानी में हैं, तो सिर्फ एक नंबर आपकी सारी मुश्किलों को हल कर सकता है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं 112 इमरजेंसी नंबर की, जिसे भारत सरकार ने पूरे देश के लिए लॉन्च किया है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि 112 इमरजेंसी नंबर किसका है, इसे डायल करने पर क्या होता है, और यह कैसे आपकी सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। साथ ही, हम इससे जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को विस्तार से समझेंगे।
Dial 112 क्या है?
Dial 112 एक पैन-इंडिया इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS) है, 112 भारत सरकार ने निर्भया फंड स्कीम के तहत शुरू किया है। यह महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है, लेकिन अब यह सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है। पहले लोग अलग-अलग नंबरों जैसे 100 (पुलिस), 101 (फायर), 108 (एंबुलेंस) या 181 (महिला हेल्पलाइन) पर कॉल करते थे, जो भ्रम पैदा करता था। अब 112 emergency number kiska hai? यह सभी इमरजेंसी सेवाओं का एक सिंगल पॉइंट है, जो यूरोपीय यूनियन के 112 सिस्टम से प्रेरित है और वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
यह सेवा 2019 से पूरे देश में रोलआउट की गई है, और अब 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय है। 112 police number के रूप में यह पुलिस से जुड़ी मदद के लिए भी काम करता है, लेकिन इसका दायरा इससे कहीं व्यापक है। उदाहरण के लिए, अगर कोई आपदा हो या चाइल्ड हेल्पलाइन की ज़रूरत पड़े, तो भी यही नंबर डायल करें। भारत में यह GSM स्टैंडर्ड का हिस्सा है, यानी लॉक फोन या बिना सिम वाले मोबाइल से भी कॉल कर सकते हैं।
112 इमरजेंसी नंबर: एक नंबर, सेवाएं अनेक
डायल 112 भारत में एक एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली (Emergency Response Support System - ERSS) है। इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और अन्य सभी आपातकालीन सेवाओं को एक ही नंबर के तहत लाना है। इससे नागरिकों को अलग-अलग नंबर याद रखने की परेशानी से छुटकारा मिलता है। यह सेवा 24 घंटे, सातों दिन उपलब्ध है।
यह प्रणाली पुराने आपातकालीन नंबरों जैसे पुलिस नंबर 100, एम्बुलेंस नंबर 108 और फायर ब्रिगेड नंबर 101 की जगह लेती है, लेकिन कई जगहों पर ये पुराने नंबर भी अभी काम कर रहे हैं। 112 की खासियत यह है कि यह कॉल करने वाले की सटीक लोकेशन का पता लगाकर तुरंत नजदीकी सहायता भेजता है, जिससे प्रतिक्रिया का समय बहुत कम हो जाता है।
यह भी पढ़ें: 112 हेल्पलाइन नंबर किसका है? यह सवाल अब प्रासंगिक नहीं है क्योंकि यह नंबर एक नहीं, बल्कि कई सेवाओं के लिए है।
Dial 112 कैसे काम करता है?
Dial 112 dial karne se kya hota hai? जब आप इस नंबर पर कॉल करते हैं, तो कॉल सीधे राज्य स्तर के इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेंटर (ERC) पर जाती है। यहां 24/7 स्टाफ मौजूद रहता है, जो आपकी लोकेशन को ऑटोमैटिकली ट्रैक करता है। सिस्टम में जीपीएस, मोबाइल टावर और एडवांस्ड मोबाइल लोकेशन (AML) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, ताकि मदद जल्दी पहुंचे। कॉल रिसीव होने के बाद, ऑपरेटर आपकी समस्या सुनता है और संबंधित विभाग – जैसे पुलिस, फायर या मेडिकल – को अलर्ट करता है।
कैसे यूज करें:
- सामान्य कॉल: बस 112 डायल करें। अगर आप बोल नहीं पा रहे, तो साइलेंट मोड में भी लोकेशन ट्रैक हो जाती है।
 - स्मार्टफोन पैनिक बटन: पावर बटन को 3 बार तेज़ी से दबाएं, या फीचर फोन में 5 या 9 की को लंबा प्रेस करें।
 - 112 इंडिया ऐप: गूगल प्ले स्टोर या ऐपल स्टोर से डाउनलोड करें। इसमें SHOUT फीचर है, जो महिलाओं और बच्चों के लिए आसपास के वॉलंटियर्स को अलर्ट करता है।
 - वेब या ईमेल: राज्य ERSS वेबसाइट पर SOS रिक्वेस्ट भेजें या ईमेल करें।
 - सोशल मीडिया इंटीग्रेशन: कुछ राज्यों में WhatsApp, Facebook या X (ट्विटर) से भी मदद मांग सकते हैं।
 
उदाहरण के तौर पर, dial 112 up police प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश में रिस्पॉन्स टाइम 7 मिनट तक कम हो गया है, जो न्यूयॉर्क पुलिस के बराबर है। इसी तरह, haryana police dial 112 या dial 112 bihar में भी यह सिस्टम एक्टिव है, जहां लोकल पुलिस वैन (PRV) तुरंत डिस्पैच होती है।
हाल की अपडेट्स और राज्य-विशेष बदलाव
हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 अगस्त 2025 को गुजरात में 'डायल 112' प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। यह 'जन रक्षक प्रोजेक्ट' का हिस्सा है, जहां 500 से ज्यादा वाहनों को फ्लैग ऑफ किया गया। अब गुजरात में सभी इमरजेंसी सेवाएं – पुलिस, एंबुलेंस, फायर, महिला हेल्पलाइन और चाइल्ड हेल्पलाइन – एक ही नंबर पर उपलब्ध हैं। अहमदाबाद में 24 घंटे चलने वाला सेंटर बनाया गया है, जहां 150 स्टाफ तैनात हैं। पायलट प्रोजेक्ट में सूरत में रिस्पॉन्स टाइम 2 मिनट कम हुआ। शाह ने इसे स्मार्ट पुलिसिंग का हिस्सा बताया और कहा कि मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी से गुजरात कानून-व्यवस्था में नंबर वन बन गया है। साथ ही, माओवाद को 31 मार्च 2026 तक खत्म करने का संकल्प दोहराया गया।
उत्तर प्रदेश में up dial 112 project पहले से ही सफल है। यहां 6278 वाहनों का फ्लीट है, जिसमें 4278 चार-पहिया और 2000 बाइक्स शामिल हैं। रोजाना 80,000 से 1 लाख कॉल्स आती हैं, और रिस्पॉन्स टाइम 7 मिनट है। लखनऊ, गाजियाबाद और प्रयागराज में हेडक्वार्टर हैं, जहां सोशल मीडिया मॉनिटरिंग भी होती है। कोरोना काल में यह दवाइयां पहुंचाने तक में मददगार साबित हुआ।
बिहार में dial 112 bihar official website पर जाकर कंप्लेंट स्टेटस चेक कर सकते हैं। यहां भी सिस्टम एकीकृत है, और हाल की अपडेट्स में वॉइस मोड और ऐप इंटीग्रेशन जोड़ा गया है। हरियाणा, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी यह प्रोजेक्ट फैल रहा है। why dial 112? क्योंकि यह पुराने नंबरों से मुक्ति देता है और तेज़ मदद सुनिश्चित करता है।
अगर गलती से 112 नंबर डायल हो जाए तो क्या करें?
कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि अगर गलती से I called 112 by mistake in India तो क्या होगा? अगर ऐसा हो जाता है तो घबराने की ज़रूरत नहीं है।
- कॉल कटने के बाद भी आपको घबराना नहीं चाहिए।
 - अगर आप गलती से कॉल करते हैं तो कॉल उठाते ही तुरंत बता दें कि "सर, मैंने गलती से कॉल कर दिया था और मुझे किसी तरह की मदद नहीं चाहिए"।
 - यदि आप यह बता देते हैं, तो कोई समस्या नहीं होगी। अगर आप कुछ नहीं बोलते या कॉल कट जाती है, तो सिस्टम आपकी लोकेशन पर पुलिस भेज सकता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि आप किसी मुश्किल में हैं और बोल नहीं पा रहे।
 
सरकारी योजनाओं और सेवाओं की जानकारी
डायल 112 की अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं
डायल 112 सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि एक पूरी प्रणाली है, जिसमें कई आधुनिक फीचर्स शामिल हैं:
- पैनिक बटन (Panic Button): आप अपने स्मार्टफोन के पावर बटन को 3 बार लगातार दबाकर या फीचर फोन पर '5' या '9' को देर तक दबाकर भी आपातकालीन कॉल शुरू कर सकते हैं।
 - 112 इंडिया मोबाइल ऐप: यह ऐप महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। इसमें एक 'SHOUT' फीचर है, जो खतरे के समय आपकी लोकेशन और जानकारी नजदीकी पंजीकृत स्वयंसेवकों (volunteers) को भेज देता है।
 - एसओएस (SOS) अलर्ट: आप राज्य ERSS वेबसाइट पर जाकर भी मदद के लिए SOS रिक्वेस्ट भेज सकते हैं।
 - शिकायत की स्थिति (Complaint Status): यदि आपने कोई शिकायत दर्ज कराई है, तो आप अपने 112 Complaint Status को भी ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
 
112 हेल्पलाइन और पुलिस नंबर 100 में क्या अंतर है?
यह एक आम भ्रम है कि 112 और 100 एक ही चीज़ हैं। लेकिन ऐसा नहीं है।
- 100 केवल पुलिस विभाग के लिए एक हेल्पलाइन नंबर था।
 - 112 एक एकीकृत आपातकालीन सेवा है जो पुलिस के साथ-साथ एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और अन्य सेवाओं को भी जोड़ती है।
 
112 का उद्देश्य पुरानी, अलग-अलग सेवाओं को एक ही छत के नीचे लाना है। इसका मतलब है कि अब आपको अलग-अलग नंबर याद रखने की ज़रूरत नहीं है।
डायल 112 से जुड़े (FAQ)
Dial 112 kya hai और यह किसका नंबर है?
यह भारत सरकार की इमरजेंसी हेल्पलाइन है, जो पुलिस, फायर, एंबुलेंस और अन्य सेवाओं के लिए है। 112 हेल्पलाइन नंबर किसका है? यह सभी नागरिकों का, लेकिन मुख्य रूप से सुरक्षा के लिए।
Dial 112 bihar या up में कैसे काम करता है?
बिहार में आधिकारिक वेबसाइट से स्टेटस चेक करें, जबकि यूपी में प्रोजेक्ट के तहत तेज़ रिस्पॉन्स है। दोनों में एक ही सिस्टम है।
गलती से 112 डायल करने पर क्या होता है?
कुछ नहीं, बस ऑपरेटर को सूचित करें। लेकिन बार-बार दुरुपयोग पर कार्रवाई हो सकती है।
Why dial 112 बजाय पुराने नंबरों के?
क्योंकि यह एकीकृत है, तेज़ है और भ्रम कम करता है।
Haryana police dial 112 या अन्य राज्यों में अपडेट्स?
सभी राज्यों में रोलआउट हो चुका है, गुजरात में हाल ही लॉन्च हुआ।
निष्कर्ष
Dial 112 एक क्रांतिकारी सेवा है जो भारत को सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। चाहे आप शहर में हों या गांव में, यह नंबर आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार है। इसे अपने फोन में सेव करें, ऐप डाउनलोड करें और अपनों को बताएं। याद रखें, इमरजेंसी में समय सबसे कीमती है – सही नंबर जानना जीवन बचा सकता है। अगर आपके पास कोई अनुभव या सवाल है, तो कमेंट्स में शेयर करें। सुरक्षित रहें!
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