इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: TDS मिसमैच पर 1.5 करोड़ रिफंड रोका, अब फॉर्म 16A से मिलेगी राहत

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स रिफंड में बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने साफ कहा कि फॉर्म 26AS में मिसमैच होने पर भी टैक्सपेयर का वैध रिफंड नहीं रोका जा सकता। यह फैसला 8 अक्टूबर 2025 को आया, जिसमें 1.5 करोड़ रुपये के TDS रिफंड को विभाग ने रोक दिया था। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि मूल्यांकन अधिकारी का यह दायित्व है कि वह करदाताओं द्वारा जमा किए गए Form 16A जैसे सबूतों का उपयोग करके TDS राशि का सत्यापन करें। यह फैसला ऐसे मामलों में बड़ी राहत देगा जहां कटौतीकर्ता (Deductor) की गलती के कारण Form 26AS में TDS की एंट्री नहीं हो पाती है, और करदाता को रिफंड पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: TDS मिसमैच पर 1.5 करोड़ रिफंड रोका, अब फॉर्म 16A से मिलेगी राहत

यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले निर्णय (Motion vs. Commissioner of Income Tax) और इलाहाबाद हाईकोर्ट के अपने ही एक अन्य मामले (Rakesh Kumar Gupta vs. Union of India and Another) के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि यदि करदाता वैध Form 16A प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है, तो वह रिफंड पाने का हकदार है।

मामला एक टैक्सपेयर का था, जिससे Rs 1.5 करोड़ TDS काटा गया। सेक्शन 80P के तहत रिफंड योग्य था, लेकिन फॉर्म 26AS में राशि नहीं दिखने से विभाग ने भुगतान रोक दिया। टैक्सपेयर ने कई बार फॉर्म 16A जमा किए, फिर भी कोई फायदा नहीं हुआ।

हाईकोर्ट पहुंचे टैक्सपेयर ने रिट पिटिशन दाखिल की। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के पुराने फैसले का हवाला दिया और कहा कि असессिंग ऑफिसर (AO) को फॉर्म 16A की जांच करनी होगी। फॉर्म 26AS से सटीक मैच की जिद नहीं की जा सकती।

कोर्ट ने आदेश दिया कि AO टैक्स डिडक्टर से संपर्क करें और सही जानकारी अपलोड करवाएं। देरी के लिए विभाग जिम्मेदार होगा, टैक्सपेयर नहीं। पिटिशनर को 28 अक्टूबर 2025 को AO के सामने पेश होने को कहा गया। चार हफ्तों में फैसला लेने का निर्देश दिया।

यह फैसला उन लाखों टैक्सपेयरों के लिए राहत है, जिनका ITR रिफंड पेंडिंग है। TDS मिसमैच फॉर्म 26AS में आम समस्या है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस साल ITR प्रोसेसिंग धीमी रही, लेकिन अक्टूबर में स्पीड बढ़ी है।

रिफंड स्टेटस चेक करें

ITR रिफंड में देरी के मुख्य कारण

हालांकि आयकर विभाग आजकल रिफंड प्रोसेसिंग को तेज कर रहा है (जैसा कि दिवाली के समय कई टैक्सपेयर्स को रिफंड मिलने से पता चलता है), फिर भी कई लोगों को देरी का सामना करना पड़ रहा है। रिफंड अटकने के कुछ प्रमुख कारण हैं:

  • ई-वेरिफिकेशन न होना: ITR फाइल करने के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन (E-Verification) कराना अनिवार्य है। यदि यह नहीं होता है, तो रिटर्न अधूरा माना जाता है।
  • गलत बैंक विवरण: गलत अकाउंट नंबर, IFSC कोड, या प्री-वैलिडेट न किए गए बैंक खाते के कारण रिफंड अटक सकता है। यदि आपका बैंक खाता बंद हो चुका है, तो रिफंड विफल हो जाएगा।
  • डेटा मिसमैच: ITR में भरी गई जानकारी, खासकर TDS और टैक्स क्रेडिट की जानकारी, आपके Form 26AS और AIS (Annual Information Statement) से मेल खानी चाहिए। मिसमैच होने पर रिफंड प्रोसेसिंग रुक जाती है।
  • पुराना बकाया: यदि पिछले वर्षों का कोई टैक्स बकाया है, तो विभाग आपका वर्तमान रिफंड उससे समायोजित (Adjust) कर सकता है।
  • अतिरिक्त दस्तावेज़ की मांग: बड़े रिफंड (जैसे ₹50,000 से अधिक) या जांच वाले मामलों में विभाग आपसे अतिरिक्त दस्तावेज़ मांग सकता है, जिन्हें समय पर जमा न करने पर देरी हो सकती है।

26 अक्टूबर तक 6.87 करोड़ ITR प्रोसेस हो चुके हैं। 27 अक्टूबर को ही 13.35 लाख रिटर्न प्रोसेस हुईं। दीवाली के आसपास कई टैक्सपेयरों को रिफंड मिला, कई में 50,000 से ऊपर की राशि।

हालांकि, देरी अभी भी है। बैंक डिटेल्स गलत होने, AIS मिसमैच या बड़े रिफंड (50,000 से ऊपर) पर वेरिफिकेशन से समस्या आती है। अगर ITR फाइल के बाद बैंक अकाउंट बंद हो गया, तो पोर्टल पर नया अकाउंट अपडेट करें। रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट डालें।

ITR रिफंड में देरी के कारण

अगर रिफंड में हो रही है देरी तो क्या करें?

  1. स्टेटस चेक करें: आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर 'रिफंड/डिमांड स्टेटस' की जांच करें।
  2. बैंक डिटेल्स जांचें: सुनिश्चित करें कि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेटेड है और सभी विवरण (IFSC, खाता संख्या) सही हैं।
  3. रिफंड री-इश्यू रिक्वेस्ट: यदि रिफंड प्रोसेस हो चुका है लेकिन खाते में नहीं आया है या स्टेटस 'रिफंड फेल' दिखाता है, तो पोर्टल पर रिफंड री-इश्यू के लिए अनुरोध (Request for Refund Reissue) करें।
  4. दस्तावेज जमा करें: यदि विभाग ने कोई नोटिस जारी किया है या अतिरिक्त जानकारी मांगी है, तो उसका तुरंत जवाब दें।

ई-फाइलिंग रिफंड स्टेटस PAN कार्ड या आधार से चेक करें। प्रोसेसिंग के बाद 15-30 दिन लग सकते हैं। अगर रिफंड फेल हो, तो NSDL या बैंक से संपर्क करें।

आयकर विभाग के पास फाइनेंशियल ईयर 끝ने के 9 महीने तक का समय है। ऑडिट केस के लिए 31 अक्टूबर 2025 आखिरी तारीख है। ITR रिफंड स्टेटस चेक करते रहें, नोटिस का जवाब तुरंत दें।

बैंक और पेमेंट से जुड़ी समस्याएं

यह फैसला TDS मिसमैच में फंसे रिफंड को तेजी से क्लियर करेगा। टैक्स एक्सपर्ट्स कहते हैं, फॉर्म 16A मजबूत सबूत है। अब AO की मनमानी नहीं चलेगी।

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