मखाना, जिसे बिहार का "काला सोना" कहा जाता है, न केवल एक पौष्टिक सुपरफूड है, बल्कि यह किसानों के लिए आय का एक बड़ा स्रोत भी बन रहा है। बिहार सरकार की मखाना विकास योजना मखाना खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए एक शानदार पहल है। इस योजना के तहत, किसानों को मखाना की खेती के लिए 75% तक सब्सिडी, उन्नत बीज, टूल्स किट, और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यदि आप बिहार के किसान हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है।
वर्ष 2025 में मखाना योजना आवेदन करने का तरीका बदल गया है जिसमे इस बार DBT संख्या से आवेदन हो रहा है साथ ही ओल्ड वेबसाइट लिंक से आवेदन बंद है, इस लेख में हम मखाना विकास योजना बिहार के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिसमें पात्रता, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, स्टेटस चेक करने का तरीका, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है।
मखाना विकास योजना क्या है? (Makhana Vikas Yojana in Hindi)
मखाना विकास योजना बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय (Department of Horticulture) द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य मखाना की खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। यह योजना बिहार के 16 चुनिंदा जिलों में लागू की गई है, जहां मखाना उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:
- मखाना खेती के क्षेत्र का विस्तार करना।
- उन्नत प्रभेदों (जैसे स्वर्ण वैदेही और सबौर मखाना-1) के बीज उत्पादन और वितरण को बढ़ावा देना।
- पारंपरिक उपकरणों (टूल्स किट) पर सब्सिडी प्रदान करना।
- किसानों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार करना।
यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए लाभकारी है जो पहली बार मखाना खेती शुरू करना चाहते हैं या अपनी खेती को और बेहतर करना चाहते हैं। इसके अलावा, योजना में 30% महिला किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है, जो इसे और समावेशी बनाता है।
मखाना विकास योजना के तहत किसानों को मिलने वाले प्रमुख लाभ और सब्सिडी
मखाना विकास योजना बिहार के तहत किसानों को कई तरह के लाभ मिलते हैं, जो उनकी खेती को आसान और लाभकारी बनाते हैं। आइए इन लाभों को विस्तार से समझते हैं:
मखाना विकास योजना बिहार के तहत किसानों को कई घटकों पर आकर्षक मखाना सब्सिडी बिहार प्रदान की जाती है। यह सब्सिडी किसानों को खेती की लागत कम करने और उच्च गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त करने में मदद करती है।
1. मखाना क्षेत्र विस्तार (खेती पर अनुदान)
नये किसानों को खेत प्रणाली (Field System) के तहत मखाना की खेती करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
- इकाई लागत: ₹0.97 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित है।
- अनुदान राशि: सरकार द्वारा प्रति हेक्टेयर पर ₹36,375 (यानी लागत का लगभग 75%) का अनुदान दिया जाता है।
- अधिकतम लाभ: एक किसान को अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) तक का लाभ दिया जा सकता है। इस तरह किसान को ₹72,750 तक की सब्सिडी मिल सकती है।
- भुगतान प्रक्रिया: यह राशि बीज वितरण और पौध रोपण के उपरांत DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे किसान के खाते में भेजी जाती है।
2. मखाना टूल्स किट पर अनुदान
परंपरागत तरीकों से मखाना प्रोसेसिंग में उपयोग होने वाले औजारों जैसे: ओका/गांज, करा, खैंची, छलनी, चटाई, अफरा और थप्पी के लिए किट दी जाती है।
- किट की अनुमानित लागत: ₹22,100
- अनुदान: लागत का 75% यानी ₹16,575 का अनुदान प्रदान किया जाता है।
3. मखाना बीज वितरण
किसानों को प्रमाणित और उन्नत किस्मों के बीज खरीदने पर भी सब्सिडी मिलती है।
- बीज पर अनुदान: अधिकतम ₹225 प्रति किलोग्राम की दर से अनुदान दिया जाता है।
4. मखाना भंडार गृह (Makhana Storage Unit)
किसानों को मखाना को लंबे समय तक सुरक्षित रखने और बाजार में ऊंची कीमत मिलने तक स्टोर करने के लिए भंडार गृह (Storage Unit) बनाने पर भी सहायता दी जाती है।
- इकाई लागत: ₹10 लाख रुपये।
- अनुदान: लागत का 75% यानी ₹7.5 लाख तक का अनुदान।
- वित्तीय सहायता:
- मखाना खेती के लिए प्रति हेक्टेयर ₹97,000 की इकाई लागत निर्धारित है, जिसमें से 75% यानी ₹36,375 तक की सब्सिडी दी जाती है। यह राशि बीज, उर्वरक, और हार्वेस्टिंग जैसे खर्चों को कवर करती है।
- मखाना टूल्स किट पर ₹22,100 की लागत में से 75% (₹16,575) तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह किट में औका, गंज, खैंची, चटाई, और थप्पी जैसे पारंपरिक उपकरण शामिल हैं।
- मखाना बीज वितरण के लिए प्रति किलोग्राम ₹225 तक की सब्सिडी दी जाती है।
- प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता:
- किसानों को आधुनिक खेती और प्रोसेसिंग तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
- वैज्ञानिक निगरानी में उन्नत बीजों का उत्पादन और वितरण सुनिश्चित किया जाता है।
- महिला सशक्तिकरण:
- योजना में 30% लाभार्थी महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जिससे महिला किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलता है।
- क्षेत्र विस्तार:
- न्यूनतम 0.25 एकड़ से अधिकतम 5 एकड़ तक की जमीन पर मखाना खेती के लिए सब्सिडी दी जाती है, जिससे छोटे और बड़े दोनों तरह के किसान लाभ उठा सकते हैं।
- भंडारण सुविधा:
- मखाना भंडार गृह बनाने के लिए ₹10 लाख की लागत पर 75% (₹7.5 लाख) तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे किसान अपने मखाने को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं और बाजार में बेहतर कीमत प्राप्त कर सकते हैं।
मखाना विकास योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (Documents Required)
आवेदन करते समय आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ों की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी:
- किसान पंजीकरण संख्या (DBT पोर्टल से प्राप्त)।
- पासपोर्ट साइज़ फोटो (आवेदक का)।
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र/राजस्व रसीद:
- रैयत किसान के लिए: दो वर्ष से अधिक पुरानी न हो, ऐसी राजस्व रसीद या एलपीसी।
- वंशावली प्रमाण पत्र: यदि राजस्व रसीद या भूमि दस्तावेज में आवेदक का नाम स्पष्ट नहीं है।
- इकरारनामा प्रपत्र (Contract Form):
- गैर-रैयत किसान के लिए: भूमि मालिक और आवेदक के बीच निर्धारित प्रारूप में भरा और हस्ताक्षरित इकरारनामा (करारनामा) प्रपत्र।
- बैंक खाता विवरण (DBT से लिंक)।
मखाना विकास योजना के लिए पात्रता
मखाना विकास योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा: Makhana Vikas Yojana Bihar का लाभ लेने के लिए आवेदक को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
- निवास: आवेदक को बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- जमीन: न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) जमीन पर मखाना खेती करने वाला किसान पात्र है।
- डीबीटी पंजीकरण: आवेदक का डीबीटी (Direct Benefit Transfer) पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य है।
- जिले: योजना का लाभ केवल बिहार के 16 जिलों (कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, और मुजफ्फरपुर) में उपलब्ध है।
- दस्तावेज: रैयत किसानों के लिए भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र या दो वर्ष से अद्यतन राजस्व रसीद आवश्यक है। गैर-रैयत किसान एकरारनामा (Contract Form) के आधार पर आवेदन कर सकते हैं।
- महिला भागीदारी: प्रत्येक श्रेणी में 30% महिला किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।
आवश्यक दस्तावेज़ (Documents Required)
आवेदन करते समय आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ों की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी:
- किसान पंजीकरण संख्या (DBT पोर्टल से प्राप्त)।
- पासपोर्ट साइज़ फोटो (आवेदक का)।
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र/राजस्व रसीद:
- रैयत किसान के लिए: दो वर्ष से अधिक पुरानी न हो, ऐसी राजस्व रसीद या एलपीसी।
- वंशावली प्रमाण पत्र: यदि राजस्व रसीद या भूमि दस्तावेज में आवेदक का नाम स्पष्ट नहीं है।
- इकरारनामा प्रपत्र (Contract Form):
- गैर-रैयत किसान के लिए: भूमि मालिक और आवेदक के बीच निर्धारित प्रारूप में भरा और हस्ताक्षरित इकरारनामा (करारनामा) प्रपत्र।
- बैंक खाता विवरण (DBT से लिंक)।
मखाना विकास योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
मखाना विकास योजना ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया सरल और पूरी तरह डिजिटल है। नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
चरण 1: डीबीटी पंजीकरण
- बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाएं। Latest Updates Schemes सेक्शन में मखाना से सम्बंधित योजना आवेदन करें, विकल्प पर क्लिक करें
- दोवारा से मखाना पंजीकरण विकल्प चुनें।
- नियम व शर्तों को स्वीकार करें और मखाना पंजीकरण आवेदन के लिए आगे बढ़ें पर क्लिक करें!
चरण 2: योजना के लिए आवेदन
- वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाएं और "मखाना से संबंधित योजना" लिंक पर क्लिक करें।
- आवेदन करें बटन पर क्लिक करें। यह आपको https://horticulture.bihar.gov.in/HortMIS/Makhana/OnlineAppMakhanaMIDH.aspx पर ले जाएगा।
- आवेदक का प्रकार में इंडिविजुअल चुनें और डीबीटी किसान पंजीकरण संख्या दर्ज करें।
- "विवरण प्राप्त करें" पर क्लिक करें और आवश्यक जानकारी जैसे पता, भूमि विवरण, और दस्तावेज अपलोड करें।
- सभी शर्तों को पढ़ें, चेकबॉक्स पर टिक करें, और "सबमिट" पर क्लिक करें।
- आवेदन संख्या (Application Number) प्राप्त करें और इसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखें।
- आवेदन का प्रिंटआउट लेने का विकल्प भी उपलब्ध है।
मखाना विकास योजना स्टेटस चेक कैसे करें?
आवेदन जमा करने के बाद, आप अपने आवेदन की स्थिति आसानी से जांच सकते हैं। मखाना विकास योजना स्टेटस चेक करने के लिए निम्नलिखित चरण अपनाएं:
- बिहार उद्यान निदेशालय की वेबसाइट पर जाएं।
- अपनी आवेदन संख्या या डीबीटी पंजीकरण संख्या दर्ज करें।
- विवरण देखें" पर क्लिक करें।
- आपका आवेदन स्टेटस स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा, जिसमें स्वीकृति, भुगतान, या अन्य जानकारी शामिल होगी।
यदि आपको स्टेटस चेक करने में कोई समस्या हो, तो आप हेल्पलाइन नंबर 15545 या 1800-345-6268 पर संपर्क कर सकते हैं।
मखाना विकास योजना लाभार्थी सूची कैसे देखें? (Beneficiary List Check)
यदि आपने मखाना विकास योजना बिहार के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है और यह जानना चाहते हैं कि आपको इस योजना का लाभ मिलेगा या नहीं, तो आप ऑनलाइन माध्यम से लाभार्थी सूची (Beneficiary List) में अपना नाम देख सकते हैं। यह प्रक्रिया आपके आवेदन की स्थिति (makhana vikas yojana status check) जानने का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है।
लाभार्थी सूची देखने के लिए नीचे दिए गए आसान चरणों का पालन करें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ!
- वित्तीय वर्ष का चयन करें: पेज पर आपको सबसे पहले "वित्तीय वर्ष" (Financial Year) का चयन करना होगा, जिसकी सूची आप देखना चाहते हैं।
- जिले का चयन करें: इसके बाद ड्रॉप-डाउन मेनू में से अपने जिले (District) का चयन करें।
- विवरण प्राप्त करें पर क्लिक करें: वित्तीय वर्ष और जिले का चयन करने के बाद, "विवरण प्राप्त करें" (Get Details) बटन पर क्लिक करें।
- सूची देखें: क्लिक करते ही, आपके सामने उस जिले के उन सभी किसानों की एक विस्तृत सूची खुल जाएगी, जिन्होंने योजना में आवेदन किया है। इस सूची में निम्नलिखित विवरण होंगे:
- आवेदक किसान का नाम
- पिता/पति का नाम
- ब्लॉक का नाम
- गाँव का नाम
- आवेदन संख्या, आदि।
आप इस सूची में अपना नाम आसानी से खोज सकते हैं। यदि आपका नाम सूची में है, तो इसका मतलब है कि आपका आवेदन प्रक्रिया में है या लाभ के लिए स्वीकृत हो चुका है।
मखाना विकास योजना के लिए टिप्स
किसानों को इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित सुझावों का पालन करना चाहिए:
- समय पर आवेदन करें: आवेदन की समय सीमा (जैसे 10 अक्टूबर 2025) से पहले आवेदन जमा करें, क्योंकि यह "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर काम करता है।
- उन्नत बीज चुनें: स्वर्ण वैदेही और सबौर मखाना-1 जैसे उन्नत प्रभेदों का उपयोग करें, जो उच्च उत्पादन और गुणवत्ता देते हैं।
- प्रशिक्षण लें: योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण और वर्कशॉप में भाग लें ताकि आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाया जा सके।
- महिला किसानों को प्रोत्साहन: यदि आप महिला किसान हैं, तो 30% आरक्षण का लाभ उठाएं और समय पर आवेदन करें।
- भंडारण का ध्यान रखें: मखाना भंडार गृह के लिए सब्सिडी का उपयोग करें ताकि मखाने को लंबे समय तक सुरक्षित रखकर बेहतर कीमत प्राप्त की जा सके।
निष्कर्ष
मखाना विकास योजना बिहार के किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो मखाना खेती को न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी बनाता है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर एक सुपरफूड के रूप में स्थापित करने में भी मदद करता है। 75% सब्सिडी, उन्नत बीज, और टूल्स किट जैसे लाभों के साथ, यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यदि आप बिहार के 16 चुनिंदा जिलों में से किसी एक के निवासी हैं, तो तुरंत https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन करें और इस बिहार कृषि योजना का लाभ उठाएं। समय पर आवेदन करें और अपने आवेदन की स्थिति नियमित रूप से जांचें!
(FAQs)
- मखाना विकास योजना क्या है?
यह बिहार सरकार की एक योजना है जो मखाना खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 75% सब्सिडी, उन्नत बीज, और टूल्स किट प्रदान करती है।
- इस योजना का लाभ कौन ले सकता है?
बिहार के 16 जिलों के किसान, जिनके पास 0.25 से 5 एकड़ जमीन है और डीबीटी पंजीकरण है, इस योजना के लिए पात्र हैं।
- मखाना विकास योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर डीबीटी पंजीकरण करें, फिर योजना के लिए आवेदन फॉर्म भरें।
- सब्सिडी की राशि कितनी है?
प्रति हेक्टेयर ₹36,375, टूल्स किट के लिए ₹16,575, और बीज के लिए ₹225/किग्रा तक की सब्सिडी दी जाती है।
- आवेदन की स्थिति कैसे जांचें?
वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/HortMIS/Status_BeneficiaryList/MakhanaVikasList.aspx पर अपनी आवेदन संख्या दर्ज करें।
Q6. मखाना विकास योजना के तहत अधिकतम कितनी सब्सिडी मिलती है?
A: खेती के क्षेत्र विस्तार के लिए प्रति हेक्टेयर ₹36,375 की सब्सिडी मिलती है। अधिकतम 2 हेक्टेयर पर यह राशि ₹72,750 तक हो सकती है।
Q7. क्या Makhana Vikas Yojana apply online केवल रैयत किसानों के लिए है?
A: नहीं, यह योजना रैयत (खुद की जमीन वाले) और गैर-रैयत (इकरारनामे पर खेती करने वाले) दोनों तरह के किसानों के लिए है। गैर-रैयत किसानों को इकरारनामा (Contract Form) अपलोड करना अनिवार्य है।
Q8. मखाना बीज उत्पादन के लिए कौन से उन्नत बीज अनुशंसित हैं?
A: सरकार द्वारा स्वर्ण वैदेही (Swarna Vaidehi) और सबौर मखाना-1 (Sabour Makhana-1) किस्मों के बीजों का उत्पादन और वितरण कराया जाता है।
Q9. आवेदन करने के बाद अनुदान की राशि कैसे प्राप्त होती है?
A: अनुदान की राशि नियमानुसार SNA Sparsh के माध्यम से DBT (Direct Benefit Transfer) कार्यक्रम के तहत सीधे आवेदक के बैंक खाते में भेजी जाती है।







