जीरो पॉवर्टी योजना क्या है? उत्तर प्रदेश में गरीबी उन्मूलन के लाभ और आवेदन प्रक्रिया 2025

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उत्तर प्रदेश, जो देश दुनिया का सबसे बड़ा जनसँख्या वाला प्रदेश जिसके मुखिया, योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश से गरीबी को जड़ से खत्म करने जीरो पावर्टी (यानी शून्य गरीबी योजना शुरू की थी, यह इस योजान के तहत गरीबों को आवास, राशन, कपड़ा  और अन्य तमाम जरूरत का सामान एक ही योजना के इस बण्डल पैकेट में दिया जाता है, ताकि गरीब गरीबी से बाहर निकल सके! अभी अप्रैल माह के वर्ष 2025 में यूपी सरकार ने Zero Poverty योजना को अंबेडकर के नाम से समर्पित किया। आइए, इस लेख में जाने जीरो पॉवर्टी योजना उत्तर प्रदेश के पूरी जानकारी। 

जीरो पॉवर्टी योजना क्या है? उत्तर प्रदेश में गरीबी उन्मूलन के लाभ और आवेदन प्रक्रिया 2025

जीरो पावर्टी योजना: एक नज़र में पूरी जानकारी

Zero Poverty Yojana उत्तर प्रदेश सरकार की एक विशेष पहल है, जिसका लक्ष्य है – राज्य को गरीबी मुक्त बनाना। इस योजना की शुरुआत 2024 में की गई थी और इसे 2025 में और अधिक जिलों में विस्तार दिया गया है। इसका उद्देश्य न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को चिह्नित करना है, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ दिलवाना भी है।

इस योजना के अंतर्गत, सरकार उन परिवारों की पहचान करती है जो अभी तक किसी भी सरकारी सहायता या योजना से वंचित रहे हैं। इसके बाद उन्हें विशेष पहचान पत्र, “Zero Poverty ID”, प्रदान की जाती है, जिसकी मदद से वे सीधे आवास योजना, स्वास्थ्य बीमा, राशन कार्ड, शिक्षा छात्रवृत्ति और अन्य आवश्यक योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश में जीरो पावर्टी अभियान के तहत राज्य के हर गाँव से 10 से 25 ऐसे परिवारों को चिह्नित किया जाता है जिनके पास मूलभूत सुविधाओं की कमी है, ऐसे परिवारों को यूपी सरकार द्वारा घर, स्वास्थ्य, राशन, और रोजगार  सुविधाएँ दी जाती हैं। जीरो पावर्टी योजना का मकसद है हर परिवार की सालाना आय को कम से कम 1.25 लाख रुपये तक ले जाना, ताकि उत्तर प्रदेश देश का पहला ‘शून्य गरीबी’ राज्य बन सके। लगभग एक साल बाद, यह योजना पहले ही लाखों परिवारों तक पहुँच चुकी है और ग्रामीण भारत में एक नया इतिहास रच रही है। उत्सुक हैं कि यह कैसे काम कर रही है और आपके लिए क्या कर सकती है? चलिए, आगे जानते हैं!

इस पूरी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक खास “Zero Poverty App” और ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया गया है, जिससे लाभार्थी अपनी स्थिति जांच सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं, और लाभ की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

सरकार की ताजा योजनाएं

जीरो पावर्टी योजना के प्रमुख लाभ

क्या आप जानना चाहते हैं कि जीरो पावर्टी योजना के लाभ (Zero Poverty Yojana Ke Labh) क्या हैं? यह योजना उत्तर प्रदेश के लाखों परिवारों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जो गरीबी के दलदल से बाहर निकलने की राह तलाश रहे हैं। जीरो पावर्टी योजना उत्तर प्रदेश (Zero Poverty Yojana UP) न केवल मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करती है, बल्कि परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करती है। यह योजना खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो Government Schemes for Below Poverty Line के दायरे में आते हैं। आइए, इस योजना के प्रमुख लाभों को एक नजर में देखें:
लाभ विवरण
आवास प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान। उदाहरण के लिए, लखीमपुर खीरी में 22,573 बेघर परिवारों को प्राथमिकता दी गई।
स्वास्थ्य बीमा आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, जिसमें सर्जरी, दवाएँ, और डायग्नोस्टिक खर्च शामिल हैं।
राशन खाद्य और आपूर्ति विभाग द्वारा मुफ्त राशन कार्ड और नियमित खाद्य आपूर्ति। बाराबंकी में 4,751 परिवारों को नए राशन कार्ड दिए गए।
पेंशन बुजुर्गों, विधवाओं, और दिव्यांगों के लिए पेंशन योजनाएँ, जो आर्थिक स्थिरता प्रदान करती हैं।
कौशल विकास और रोजगार युवाओं के लिए ब्याज-मुक्त ऋण और कौशल प्रशिक्षण। गोसाईंगंज के राम सागर को अशोक लीलैंड में नौकरी इसका उदाहरण है।
विशेष समुदायों के लिए प्राथमिकता मुसहर, थारू, वनटांगिया, कोल, बुक्सा, चेरो, गोंड, और सहरिया जैसे समुदायों को विशेष ध्यान।
यह योजना पहले चरण में 14-15 लाख परिवारों को इन सुविधाओं से जोड़ रही है, खासकर उन समुदायों को जो वर्षों से उपेक्षित रहे हैं। मिसाल के तौर पर, कुशीनगर जिले में 23,963 परिवारों को चिह्नित किया गया, जो अब इन लाभों से जुड़ रहे हैं। यह सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि एक नया जीवन शुरू करने का मौका है। सोचिए, एक पक्का घर, स्वास्थ्य सुरक्षा, और नियमित आय—क्या यह आपके परिवार की जिंदगी नहीं बदल सकता? आइए, अब जानें कि यह योजना कैसे काम करती है!

जीरो पावर्टी योजना कैसे काम करती है?

जीरो पावर्टी योजना उत्तर प्रदेश (Zero Poverty Yojana UP) एक सुनियोजित और पारदर्शी प्रक्रिया के साथ गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम कर रही है। लेकिन यह योजना जमीन पर कैसे लागू हो रही है? इसका जवाब है—डिजिटल तकनीक और सामुदायिक सहभागिता का अनूठा मिश्रण। सरकार ने हर ग्राम पंचायत में 10-25 सबसे गरीब परिवारों की पहचान के लिए एक त्रिस्तरीय प्रणाली बनाई है, जिसके तहत Zero Poverty Yojana List तैयार की जाती है। आइए, इस प्रक्रिया को समझें:
परिवारों की पहचान: ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सहायक, ग्राम रोजगार सेवक, और BC सखी जैसे कर्मचारी चार मानकों के आधार पर परिवारों का चयन करते हैं:  
  • बेघर या फिर जो कच्चे मकान में रहते हैं उनके लिए है।  
  • भूमिहीन और केवल कृषि पर निर्भर।  
  • दिहाड़ी मजदूरी करने वाले जिनकी आय अनिश्चित है।  
  • भोजन और कपड़ों की कमी वाले परिवार।

डिजिटल उपकरणों का उपयोग: Mop-Up Mobile App और Rishta Mobile App के जरिए परिवारों का डेटा दर्ज किया जाता है। यह डेटा zero-poverty.in पोर्टल पर अपलोड होता है, जहाँ पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है।  
एक स्थानीय समिति, जिसमें ग्राम प्रधान, स्थानीय स्कूल के शिक्षक, और महिला स्वयं-सहायता समूह के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, चयनित परिवारों की जाँच करती है। इस जाँच के बाद, Zero Poverty Yojana List को ग्राम पंचायत सचिवालय और ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाता है।

उदाहरण के लिए, अलीगढ़ जिले में 20,500 परिवारों की पहचान की गई, जिनमें से 18,526 के फॉर्म भरे जा चुके हैं। यह प्रक्रिया न केवल तेज है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि कोई पात्र परिवार छूटे नहीं। क्या आप अपने परिवार को इस सूची में शामिल करना चाहते हैं? अगला भाग आपको बताएगा कि कौन पात्र है और कैसे आवेदन करें!

परिवार और आवास योजनाएं

जीरो पावर्टी योजना के लिए पात्रता और लक्षित समूह

यह योजना खास तौर पर उन परिवारों के लिए बनाई गई है जो Government Schemes for Below Poverty Line के दायरे में आते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीबी के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों को इस योजना का लाभ देने के लिए स्पष्ट मानदंड तय किए हैं। यह योजना न केवल आर्थिक मदद देती है, बल्कि सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देती है। आइए, जानते हैं कि इस योजना के लिए कौन पात्र है और किन समुदायों को प्राथमिकता दी जा रही है।  
जीरो पावर्टी योजना में पात्रता के लिए निम्नलिखित मानदंड हैं:  
  • बेघर या कच्चे मकान वाले परिवार: जो लोग बिना पक्के घर के रह रहे हैं।  
  • भूमिहीन परिवार: जिनके पास जमीन नहीं है और जो केवल कृषि मजदूरी पर निर्भर हैं।  
  • अनिश्चित आय वाले: दिहाड़ी मजदूर जिनकी आय नियमित नहीं है।  
  • आर्थिक तंगी: जिन परिवारों में भोजन, कपड़ा, या अन्य मूलभूत जरूरतों की कमी है।

उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
यह योजना अभी सिर्फ यूपी में लागू है, इसलिए आवेदनकर्ता का स्थायी निवासी उत्तर प्रदेश होना जरूरी है।

गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार।
BPL सूची में नाम होना या गांव में सर्वे के समय गरीबी की स्थिति में पाया जाना।

सरकारी योजनाओं से अब तक वंचित।
जिन परिवारों को अभी तक कोई सरकारी योजना जैसे प्रधानमंत्री आवास, राशन कार्ड, या स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं मिला है।

सरकारी सर्वे में चयनित होना।
Zero Poverty Yojana List उन्हीं लोगों के नामों से बनी है, जो गांव/शहर में हुए सर्वे में चुने गए हैं।

बैंक खाता और आधार कार्ड अनिवार्य।
योजना का लाभ सीधे DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के ज़रिए दिया जाएगा, इसलिए आधार और बैंक खाता अनिवार्य है।

जीरो पावर्टी योजना की प्रगति और प्रभाव

Zero Poverty in Hindi की बात करें तो, जीरो पावर्टी योजना उत्तर प्रदेश ने अपने पहले साल में ही उल्लेखनीय प्रगति की है। 2 अक्टूबर 2024 को शुरू हुई यह योजना अब मई 2025 में अपने पहले साल के अंत की ओर बढ़ रही है, और इसके परिणाम लाखों परिवारों की जिंदगी में बदलाव ला रहे हैं। आइए, एक नजर डालते हैं कि इस योजना ने अब तक क्या हासिल किया और इसका क्या प्रभाव पड़ा है।
जिला प्रगति विवरण
कुशीनगर 97.81% 23,963 परिवारों की पहचान, PMAY-G और राशन कार्ड जैसे लाभ दिए गए।
अलीगढ़ 90%+ 20,500 परिवारों में से 18,526 के फॉर्म भरे गए।
लखीमपुर खीरी प्राथमिकता आवास 22,573 बेघर परिवारों को PMAY-G के तहत लाभ।
वाराणसी 15,000+ 15,000 से अधिक परिवारों को चिह्नित कर सुविधाएँ दी गईं।
फरवरी 2025 तक, जीरो पावर्टी योजना के तहत 13.57 लाख परिवारों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 13.22 लाख का सत्यापन पूरा हो चुका है। इनमें से 11.1 लाख बेघर परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राथमिकता दी गई है। एक प्रेरणादायक कहानी है गोसाईंगंज के राम सागर की, जिन्हें इस योजना के तहत अशोक लीलैंड में नौकरी मिली। यह सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और नई शुरुआत का मौका है। हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ जैसे हरदोई और उन्नाव में देरी भी सामने आई हैं, लेकिन सरकार इनका समाधान करने में जुटी है। क्या आप इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं? अगला भाग आपको बताएगा कि कैसे शामिल हों!

जीरो पावर्टी योजना में आवेदन कैसे करें?

यह योजना उन परिवारों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो गरीबी से जूझ रहे हैं। लेकिन सवाल यह है—आप इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं? 
  • ऑनलाइन पंजीकरण: zero-poverty.in अभी के समय इस योजना में ऑनलाइन करने की सुविधा नही है केवल इस योजान की जानकारी इस पोर्टल  परआपको यह समझने में मदद करेगा की इसमे आप कैसे शामिल हो सकते हैं।  
  • डिजिटल ऐप: गाँव में पंचायत सहायक या फिर BC सखी से आपको संपर्क करना होगा, जो आपको इसके पंजीकरण में सहायता करेंगे। अगर आपके पास स्मार्टफोन है, तो Mop-Up ऐप अपने फोन पर इंस्टॉल करें और स्वयं विवरण भरें।  
  • परिवार पहचान पत्र की जाँच: जीरो पावर्टी योजना में शामिल होने के लिए आपका नाम परिवार familyid.up.gov.in में होना चाहिए यह राशन कार्ड, पेंशन के लिए जरूरी है।  
  • सहायता के लिए हेल्पलाइन: अगर आपको कोई परेशानी हो, तो CM हेल्पलाइन 1076 पर फोन करें।
Zero Poverty Yojana List में अपना नाम देखने के लिए आपको अपने गाँव के पंचायत भवन में जाकर नाम देखना होगा क्योंकि वहीं से इसकी लिस्ट बनती है अभी लिस्ट को सार्वजानिक वेबसाइट पर नही किया गया है। अगर आपका नाम अभी तक सूची में नहीं है, तो अपने स्थानीय पंचायत सहायक से बात करें और पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें। यह योजना हर उस व्यक्ति को सशक्त बनाने के लिए है जो आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। तो, अब और इंतजार न करें—इस पहल का हिस्सा बनें! आइए, अब इस योजना के समग्र प्रभाव को देखें।
जीरो पॉवर्टी योजना क्या है? उत्तर प्रदेश में गरीबी उन्मूलन के लाभ और आवेदन प्रक्रिया 2025

निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश का शून्य गरीबी की ओर बढ़ता कदम

जीरो पावर्टी योजना उत्तर प्रदेश (Zero Poverty Yojana UP) सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है। डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों को साकार करने वाली यह पहल लाखों परिवारों को न केवल आर्थिक सहायता दे रही है, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और एक बेहतर भविष्य भी प्रदान कर रही है। जीरो पावर्टी योजना क्या है (Zero Poverty Yojana Kya Hai)—यह अब केवल एक सवाल नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के हर गाँव और हर परिवार की नई उम्मीद है।

पिछले एक साल में, इस योजना ने 13.57 लाख परिवारों की पहचान की और 11.1 लाख बेघर परिवारों को आवास की प्राथमिकता दी। राम सागर जैसे लोगों की कहानियाँ इस बात का सबूत हैं कि यह योजना जिंदगियाँ बदल रही है। हाँ, कुछ चुनौतियाँ हैं, लेकिन सरकार की प्रतिबद्धता और डिजिटल तकनीक का उपयोग इसे और मजबूत बना रहा है। अगर आप या आपका परिवार इस योजना का हिस्सा बनना चाहता है, तो आज ही https://zero-poverty.in/ पर जाएँ और अपने हक की सुविधाएँ हासिल करें। आइए, मिलकर उत्तर प्रदेश को गरीबी-मुक्त बनाने में योगदान दें। क्या आप तैयार हैं इस बदलाव का हिस्सा बनने के लिए?

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