उत्तर प्रदेश के लाखों पशुपालकों के लिए खुशखबरी है। राज्य में एक बार फिर से 'पशुधन बीमा योजना' को सुचारू रूप से शुरू कर दिया गया है। इस योजना के तहत, अब पशुपालक बहुत कम प्रीमियम पर अपने दुधारू और अन्य पशुओं का बीमा करा सकते हैं, जिसका 85% खर्च केंद्र और योगी सरकार मिलकर उठाएगी। यह योजना किसानों को पशुओं की आकस्मिक मृत्यु से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए एक बड़ा सुरक्षा कवच है।
क्या है पशुधन बीमा योजना?
पशुपालन को किसानों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। इसी को मजबूती देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से पशुधन बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुओं की किसी भी कारण से (बीमारी, दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा) मृत्यु होने पर पशुपालक को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई करना है।
आपको देना होगा सिर्फ 15% प्रीमियम
इस योजना की सबसे खास बात इसका सब्सिडी मॉडल है। कुल प्रीमियम का 85% हिस्सा सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दिया जाता है, जिसमें 51% हिस्सा केंद्र सरकार और 34% हिस्सा उत्तर प्रदेश सरकार वहन करती है। पशुपालक को केवल शेष 15% राशि का ही भुगतान करना होता है।
उदाहरण के लिए, एक गाय का अधिकतम बीमा मूल्य ₹65,000 और भैंस का ₹75,000 तय किया गया है। इसके अनुसार, पशुपालक लगभग ₹429 का सालाना प्रीमियम देकर गाय का और ₹495 का प्रीमियम देकर भैंस का बीमा करवा सकते हैं।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
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किन पशुओं का और कितना करा सकते हैं बीमा?
यह योजना बड़े और छोटे, दोनों तरह के पशुओं को कवर करती है।
- बड़े पशु: गाय, भैंस, घोड़ा, ऊंट, गधा, खच्चर आदि।
- छोटे पशु: भेड़, बकरी, सूअर और खरगोश।
एक लाभार्थी परिवार अधिकतम 10 बड़े पशुओं और 100 छोटे पशुओं (जैसे भेड़-बकरी) का बीमा इस योजना के तहत करा सकता है।
कैसे और कहाँ करें आवेदन?
योजना को लागू करने के लिए प्रदेश में HDFC Ergo बीमा कंपनी को चुना गया है, जो हिंदुस्तान इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड की देखरेख में काम कर रही है। इच्छुक पशुपालक अपने ब्लॉक स्तर पर तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी या पशुधन प्रसार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। वे बीमा प्रक्रिया में आपकी सहायता करेंगे।
यह योजना पिछले साल कुछ समय के लिए बंद थी, लेकिन अब इसे फिर से शुरू कर दिया गया है और ब्लॉक स्तर पर बीमा करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है ताकि अधिक से अधिक पशुपालकों को इसका लाभ मिल सके।
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता
पशुधन बीमा योजना के तहत पशुपालक एक, दो या तीन वर्ष के लिए बीमा करा सकते हैं। आवेदन के लिए पशुपालकों को नजदीकी पशु चिकित्सालय या ऑनलाइन पोर्टल पर संपर्क करना होगा। योजना में शामिल होने के लिए पशु का स्वास्थ्य प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, और दुग्ध उत्पादक समिति की सदस्यता जैसे दस्तावेज आवश्यक हैं।
- बड़े पशु: अधिकतम 10 पशु (गाय, भैंस, घोड़ा, ऊंट आदि) प्रति लाभार्थी।
- छोटे पशु: अधिकतम 100 भेड़/बकरी और 50 सुअर/खरगोश प्रति लाभार्थी।
- प्रीमियम अनुदान: केंद्र सरकार 51% और उत्तर प्रदेश सरकार 34% अनुदान देती है।
ऑनलाइन आवेदन के लिए पशुपालक गव्य विकास निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के बाद प्राप्त पासवर्ड का उपयोग कर आवेदन पूरा किया जा सकता है।
बिहार में भी समान योजना
बिहार में भी पशु बीमा योजना 2025 के तहत पशुपालकों को 60,000 रुपये तक का बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है। इस योजना में सरकार 75% प्रीमियम का भुगतान करती है, और पशुपालकों को केवल 25% प्रीमियम देना होता है। यह योजना लंपी स्किन डिजीज और अन्य गंभीर बीमारियों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करती है।
क्यों जरूरी है पशु बीमा?
पशुधन बीमा योजना न केवल आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि पशुपालकों को पशुपालन के प्रति प्रोत्साहित भी करती है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पशुधन संरक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द इस योजना का लाभ उठाएं और अपने पशुओं को सुरक्षित करें।
आवेदन की अंतिम तिथि: इच्छुक पशुपालक जल्द से जल्द अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करें। अधिक जानकारी के लिए गव्य विकास निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
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