क्या आप उत्तर प्रदेश में डेयरी फार्मिंग शुरू करके अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं? मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 आपके लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई है! उत्तर प्रदेश सरकार ने नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत इस योजना को शुरू किया है, जिसका उद्देश्य पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और स्वदेशी गायों के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत 10 स्वदेशी गायों की डेयरी इकाई स्थापित करने के लिए 11.80 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। चाहे आप छोटे किसान हों या पशुपालन में अनुभव रखने वाली महिला, यह योजना आपके लिए आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना की पूरी जानकारी, जैसे पात्रता, लाभ, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, और जरूरी दस्तावेज, विस्तार से साझा करेंगे। साथ ही, हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस योजना का लाभ उठाकर डेयरी व्यवसाय में सफलता हासिल कर सकते हैं। तो आइए, शुरू करते हैं और जानते हैं कि यह योजना आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है!
पॉडकास्ट: मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 की पूरी जानकारी
नंद बाबा दुग्ध मिशन और मिनी नंदिनी योजना क्या है?
नंद बाबा दुग्ध मिशन उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका लक्ष्य प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। उत्तर प्रदेश देश में दूध उत्पादन में अग्रणी है, लेकिन प्रति गाय दूध उत्पादन (3.78 लीटर) राष्ट्रीय औसत से कम है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना शुरू की है, जो 10 स्वदेशी नस्ल की गायों (जैसे साहीवाल, गिर, थारपारकर) की डेयरी इकाइयों की स्थापना पर केंद्रित है। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों, विशेष रूप से महिलाओं, को डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
इस योजना के तहत सरकार आधुनिक डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, और संसाधन प्रदान करती है। योजना का मुख्य उद्देश्य न केवल दूध की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाना है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और रोजगार के अवसर सृजित करना भी है। 2025-26 में इस योजना के लिए 1015 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे 75 जिलों में 600 इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी। यह योजना पशुपालकों को आर्थिक स्थिरता और स्वदेशी गायों के संरक्षण का दोहरा लाभ देती है।
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 के प्रमुख बिंदु
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 पशुपालकों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना न केवल डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देती है, बल्कि स्वदेशी गायों की नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादकता को राष्ट्रीय औसत तक ले जाने का लक्ष्य रखती है। आइए, योजना के प्रमुख बिंदुओं पर एक नजर डालें:
- इकाई का आकार और लागत: योजना के तहत 10 स्वदेशी नस्ल की गायों (साहीवाल, गिर, थारपारकर) की डेयरी इकाई स्थापित की जाएगी। प्रति इकाई की अनुमानित लागत 23.60 लाख रुपये है, जिसमें गायों की खरीद, कैटल शेड, उपकरण, और चारा व्यवस्था शामिल हैं।
- अनुदान: सरकार कुल लागत का 50% अनुदान (अधिकतम 11.80 लाख रुपये) दो समान किश्तों में प्रदान करती है:
- पहली किश्त: आधारभूत संरचना (जैसे कैटल शेड) तैयार होने पर 25% (5.90 लाख रुपये)।
- दूसरी किश्त: 10 गायों की खरीद और सत्यापन के बाद 25% (5.90 लाख रुपये)।
- वित्तीय योगदान:
- लाभार्थी का अंश: 15% (लगभग 3.54 लाख रुपये)।
- बैंक ऋण: 35% (लगभग 8.26 लाख रुपये)।
- लक्ष्य: वित्तीय वर्ष 2025-26 में 75 जिलों में 600 इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी, प्रत्येक जिले में 8 इकाइयाँ।
- आधुनिक तकनीक: कैटल शेड में पफ पैनल का उपयोग अनिवार्य है, जो पशुओं को मौसम के प्रभाव से बचाता है। अतिरिक्त लागत लाभार्थी को वहन करनी होगी।
- गायों की खरीद: गायें प्रथम या द्वितीय ब्यात की होनी चाहिए, और इनका क्रय यथासंभव ब्रीडिंग ट्रैक्ट से किया जाएगा। प्रत्येक गाय का ईयर टैगिंग और बीमा अनिवार्य है।
- आवेदन अवधि: आवेदन 14 जुलाई 2025 से 13 अगस्त 2025 तक स्वीकार किए जाएंगे।
यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि पशुपालकों को वैज्ञानिक पद्धतियों और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से प्रशिक्षण भी देती है, ताकि वे अपने व्यवसाय को और अधिक लाभकारी बना सकें।
योजना के लाभ
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 पशुपालकों और छोटे किसानों के लिए कई लाभ लेकर आई है, जो डेयरी व्यवसाय को एक स्थायी आय का स्रोत बना सकते हैं। यहाँ योजना के प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- आर्थिक सशक्तिकरण: 10 गायों की इकाई से दूध, गोबर, और गोमूत्र के माध्यम से नियमित आय संभव है। उदाहरण के लिए, यदि प्रत्येक गाय प्रतिदिन 12 लीटर दूध देती है और दूध का मूल्य 60 रुपये/लीटर है, तो मासिक आय लगभग 2 लाख रुपये हो सकती है। गोबर से जैविक खाद और गोमूत्र से अन्य उत्पाद अतिरिक्त आय के स्रोत हैं।
- वित्तीय सहायता: कुल लागत का 50% अनुदान (11.80 लाख रुपये) और 3 वर्ष तक मुफ्त बीमा योजना को आकर्षक बनाता है। साथ ही, गायों के परिवहन पर भी सहायता दी जाती है।
- रोजगार सृजन: यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करती है, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए।
- महिला सशक्तिकरण: योजना में महिला पशुपालकों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे ग्रामीण महिलाएँ आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकती हैं।
- पर्यावरणीय लाभ: गोबर से जैविक खाद का उत्पादन रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है।
- स्वदेशी नस्लों का संरक्षण: साहीवाल, गिर, और थारपारकर जैसी उच्च गुणवत्ता वाली नस्लों को बढ़ावा देकर नस्ल सुधार और संरक्षण किया जा रहा है।
यह योजना न केवल पशुपालकों की आय बढ़ाती है, बल्कि डेयरी व्यवसाय को एक आधुनिक और टिकाऊ उद्यम के रूप में स्थापित करती है। यदि आप पशुपालन में रुचि रखते हैं, तो यह योजना आपके लिए एक नया द्वार खोल सकती है।
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पात्रता मानदंड
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 का लाभ उठाने के लिए कुछ निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ सही और इच्छुक पशुपालकों तक पहुँचे। नीचे योजना की पात्रता से संबंधित प्रमुख शर्तें दी गई हैं:
- निवास: आवेदक को उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। इसके लिए आधार कार्ड या निवास प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
- पशुपालन अनुभव: कम से कम 3 वर्ष का गोपालन या महिष पालन का अनुभव होना चाहिए। इस अनुभव का प्रमाण मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (CVO) द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र होना चाहिए।
भूमि आवश्यकता:
- डेयरी इकाई के लिए 0.20 एकड़ (लगभग 8,712 वर्ग फुट) भूमि, जो आधारभूत संरचना (कैटल शेड, फीड गोदाम आदि) के लिए हो।
- चारा उत्पादन के लिए 0.80 एकड़ (लगभग 34,848 वर्ग फुट) भूमि। यह भूमि स्वयं की, पैतृक, साझेदारी, या कम से कम 7 वर्ष के पंजीकृत अनुबंध पर होनी चाहिए और जलभराव से मुक्त होनी चाहिए।
- बैंक खाता: लाभार्थी का बैंक खाता होना अनिवार्य है, क्योंकि अनुदान DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे खाते में जमा किया जाएगा।
- प्राथमिकता: योजना में महिला पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हो।
- अपात्रता: यदि आपने पहले कामधेनु, मिनी कामधेनु, माइक्रो कामधेनु, नंदिनी कृषक समृद्धि योजना, या मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना का लाभ लिया है, तो आप इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
इन मानदंडों को पूरा करने वाले पशुपालक योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज और संसाधन तैयार हैं, ताकि आवेदन प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
आवश्यक दस्तावेज
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे। ये दस्तावेज आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाते हैं और सत्यापन के लिए आवश्यक हैं:
- आधार कार्ड: पहचान और निवास सत्यापन के लिए।
- निवास प्रमाण पत्र: उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होने का प्रमाण।
- राशन कार्ड: परिवार के विवरण के लिए (वैकल्पिक, लेकिन कुछ मामलों में आवश्यक)।
- बैंक खाता विवरण: पासबुक की कॉपी, जिसमें खाता संख्या और IFSC कोड हो, क्योंकि अनुदान DBT के माध्यम से हस्तांतरित होगा।
- पासपोर्ट साइज़ फोटो: हाल की तस्वीर।
- मोबाइल नंबर: OTP सत्यापन और संपर्क के लिए।
- पशुपालन अनुभव प्रमाण पत्र: मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी 3 वर्ष के अनुभव का प्रमाण।
- भूमि दस्तावेज: 0.20 एकड़ (आधारभूत संरचना) और 0.80 एकड़ (चारा) भूमि के स्वामित्व या 7 वर्ष के पंजीकृत अनुबंध के दस्तावेज।
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट: डेयरी इकाई की योजना से संबंधित विवरण (यदि आवश्यक हो)।
सभी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी ऑनलाइन अपलोड करनी होंगी। ऑफलाइन आवेदन के लिए, इनकी हार्ड कॉपी CVO कार्यालय में जमा करें। सुनिश्चित करें कि दस्तावेज पूर्ण और सटीक हों, ताकि आवेदन रिजेक्ट न हो।
आवेदन प्रक्रिया
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 के लिए आवेदन करना आसान और सुविधाजनक है। आवेदन मुख्य रूप से ऑनलाइन किए जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ऑफलाइन विकल्प भी उपलब्ध है। यहाँ नंदिनी कृषक समृद्धि योजना ऑनलाइन अप्लाई करने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया दी गई है:
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ: नंद बाबा दुग्ध मिशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- रजिस्ट्रेशन: होमपेज पर “मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना” विकल्प चुनें। इसके बाद, आधार नंबर और आधार से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- OTP सत्यापन: आपके मोबाइल नंबर पर प्राप्त OTP दर्ज करके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें।
- आवेदन फॉर्म भरें: लॉगिन करने के बाद, आवेदन फॉर्म में व्यक्तिगत विवरण, पशुपालन अनुभव, और भूमि संबंधी जानकारी दर्ज करें। सभी आवश्यक दस्तावेज (नीचे सूचीबद्ध) अपलोड करें।
- फॉर्म जमा करें: फॉर्म को ध्यानपूर्वक जाँच लें और सबमिट करें। आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त होगा, जिसे भविष्य के लिए संभालकर रखें।
- ऑफलाइन आवेदन (वैकल्पिक): यदि ऑनलाइन आवेदन संभव न हो, तो नजदीकी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (CVO) कार्यालय से फॉर्म प्राप्त करें। फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ उसी कार्यालय में जमा करें।
- सत्यापन और चयन: आवेदनों की जाँच जिला-स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी। अधिक आवेदनों की स्थिति में ई-लॉटरी के माध्यम से चयन होगा। चयन के बाद अनुदान DBT के माध्यम से आपके बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा।
आवेदन की तिथियाँ: आवेदन 14 जुलाई 2025 से 13 अगस्त 2025 तक स्वीकार किए जाएंगे। समय पर आवेदन करना सुनिश्चित करें, क्योंकि अंतिम तिथि के बाद आवेदन स्वीकार नहीं होंगे। अधिक जानकारी के लिए नंद बाबा दुग्ध मिशन पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर 9415234589 या 18001805141 पर संपर्क करें।
लाभार्थी चयन प्रक्रिया (Beneficiary Selection Process):
आवेदन प्राप्त होने के बाद, जिला-स्तरीय समिति द्वारा उनकी जांच की जाती है। यदि आवेदनों की संख्या निर्धारित लक्ष्य से अधिक होती है, तो चयन प्रक्रिया निम्नलिखित तरीके से संपन्न की जाती है:
- ई-लॉटरी प्रणाली: मुख्य विकास अधिकारी (Chief Development Officer) की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लॉटरी के माध्यम से लाभार्थियों का चयन किया जाता है। यह प्रक्रिया निष्पक्षता सुनिश्चित करती है।
- मेरिट-आधारित चयन: कुछ मामलों में, आवेदकों की योग्यता और उनके प्रस्तावित डेयरी इकाई की व्यवहार्यता के आधार पर भी चयन किया जा सकता है।
- सत्यापन समिति: लाभार्थियों द्वारा अनुदान जारी करने हेतु प्रस्तुत आवेदन का स्थलीय सत्यापन एक सत्यापन समिति द्वारा किया जाता है। इस समिति में संबंधित उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, और पशुधन प्रसार अधिकारी शामिल होते हैं।
- अनुशंसा और संस्तुति: सत्यापन समिति की अनुशंसा (Recommendation) पर डिस्ट्रिक्ट एग्जीक्यूटिव कमेटी (District Executive Committee) की संस्तुति (Approval) प्राप्त की जाती है।
- अंतिम स्वीकृति: डिस्ट्रिक्ट एग्जीक्यूटिव कमेटी की संस्तुति के आधार पर, परीक्षणोपरांत स्टेट प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट (State Program Management Unit) द्वारा अंतिम स्वीकृति प्रदान की जाती है।
चयनित लाभार्थियों को योजना के नियमों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य होता है। इसमें गोवंश का बीमा, इयर टैगिंग, और समय-समय पर इकाई का सत्यापन कराना शामिल है।
अनुदान वितरण प्रक्रिया (Grant Disbursement Process):
अनुदान की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से जमा की जाती है। अनुदान को किस्तों में वितरित किया जाता है ताकि परियोजना के विभिन्न चरणों में वित्तीय सहायता सुनिश्चित हो सके और दुरुपयोग को रोका जा सके।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (25 दुधारू पशु इकाई) के लिए अनुदान वितरण:
- प्रथम चरण (25%): परियोजना लागत का 25% अनुदान तब दिया जाता है जब लाभार्थी द्वारा आधारभूत संरचना (जैसे पशु आवास/शेड) तैयार कर ली जाती है और उसका सफलतापूर्वक सत्यापन हो जाता है।
- द्वितीय चरण (12.5%): परियोजना लागत का अगला 12.5% अनुदान तब मिलता है जब लाभार्थी 25 दुधारू गोवंश का क्रय कर लेता है और उनका सत्यापन भी पूरा हो जाता है।
- तृतीय चरण (12.5%): अंतिम 12.5% अनुदान तब देय होता है जब स्थापित इकाई में से कम से कम 10 संतति (बछड़े) उत्पन्न हो जाते हैं और उनका सत्यापन कर लिया जाता है।
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (10 दुधारू पशु इकाई) के लिए अनुदान वितरण:
- प्रथम चरण (25%): योजना की लागत का 25% अनुदान आधारभूत संरचना तैयार होने और सत्यापन में उपयुक्त पाए जाने के पश्चात लाभार्थी के खाते में DBT के माध्यम से देय होगा।
- द्वितीय चरण (25%): लागत का अगला 25% अनुदान परियोजना अंतर्गत 10 दुधारू गोवंश के नियमानुसार क्रय और उनके प्रजाति के सत्यापन में उपयुक्त पाए जाने के पश्चात लाभार्थी के खाते में DBT के माध्यम से देय होगा।
यह चरणबद्ध वितरण सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ सही समय पर और सही तरीके से पशुपालकों तक पहुँचे, जिससे वे अपनी डेयरी इकाई को सफलतापूर्वक स्थापित और संचालित कर सकें।
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लागत और आय का अनुमान
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 डेयरी व्यवसाय शुरू करने का एक किफायती और लाभकारी तरीका है। यहाँ इकाई की लागत और संभावित आय का विस्तृत अनुमान दिया गया है:
विवरण | अनुमानित लागत (₹) |
---|---|
10 गायों की खरीद | 10,00,000 |
परिवहन और बीमा (3 वर्ष) | 1,00,000 |
कैटल शेड (500 वर्ग फुट, पफ पैनल) | 4,00,000 |
बछड़ों के लिए शेड (300 वर्ग फुट) | 2,40,000 |
फीड गोदाम (120 वर्ग फुट) | 96,000 |
मिल्क रूम (150 वर्ग फुट) | 2,25,000 |
चैफ कटर शेड (100 वर्ग फुट) | 50,000 |
चारदीवारी और मेन गेट | 1,00,000 |
उपकरण (पंप, टंकी, चैफ कटर, मिल्किंग मशीन) | 1,49,000 |
कुल लागत | 23,60,000 |
- लाभार्थी का अंश: 15% (3.54 लाख रुपये)।
- बैंक ऋण: 35% (8.26 लाख रुपये, 7% ब्याज पर 5 वर्ष के लिए, अनुमानित EMI ~1.65 लाख/वर्ष)।
- अनुदान: 50% (11.80 लाख रुपये, दो किश्तों में)।
आय का अनुमान
दूध उत्पादन: मान लें, प्रत्येक गाय प्रतिदिन औसतन 12 लीटर दूध देती है (साहीवाल, गिर, थारपारकर की क्षमता 10-15 लीटर) और दूध का मूल्य 60 रुपये/लीटर है।
- दैनिक आय: 10 गाय × 12 लीटर × 60 रुपये = 7,200 रुपये/दिन।
- मासिक आय: 7,200 × 30 = 2,16,000 रुपये।
- वार्षिक आय: 2,16,000 × 12 = 25,92,000 रुपये।
खर्च:
- चारा, रखरखाव, और श्रम: ~10-12 लाख रुपये/वर्ष।
- ऋण चुकौती: ~1.65 लाख रुपये/वर्ष।
शुद्ध लाभ: 25,92,000 - 12,00,000 (खर्च) - 1,65,000 (ऋण) = ~12,27,000 रुपये/वर्ष (~1 लाख रुपये/माह)।
अतिरिक्त आय:
- गोबर से जैविक खाद: ~50,000-1,00,000 रुपये/वर्ष।
- गोमूत्र से उत्पाद (जैसे कीटनाशक): ~20,000-50,000 रुपये/वर्ष।
- ROI (Return on Investment): लाभार्थी के 3.54 लाख रुपये के निवेश पर पहले वर्ष में ही 3-4 गुना रिटर्न संभव है, जो योजना की लाभप्रदता को दर्शाता है।
यह योजना कम निवेश में उच्च रिटर्न प्रदान करती है, जिससे यह छोटे किसानों के लिए आदर्श है।
जिलेवार लक्ष्य तालिका
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025-26 के तहत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में कुल 600 डेयरी इकाइयाँ स्थापित करने का लक्ष्य है। प्रत्येक जिले में 8 इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी। नीचे मंडल-वार लक्ष्य का सारांश दिया गया है:
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025-26 के तहत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में कुल 600 डेयरी इकाइयाँ स्थापित करने का लक्ष्य है। प्रत्येक जिले में 8 इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी। नीचे मंडल-वार लक्ष्य का सारांश दिया गया है:
मंडल | जिलों की संख्या | इकाइयाँ प्रति जिला | कुल इकाइयाँ |
---|---|---|---|
लखनऊ | 6 | 8 | 48 |
अयोध्या | 5 | 8 | 40 |
वाराणसी | 4 | 8 | 32 |
प्रयागराज | 4 | 8 | 32 |
मेरठ | 6 | 8 | 48 |
आगरा | 4 | 8 | 32 |
अन्य मंडल | 46 | 8 | 368 |
कुल | 75 | 8 | 600 |
नोट: यह तालिका सभी मंडलों का सामान्य अवलोकन है। विस्तृत जिलेवार जानकारी के लिए नंद बाबा दुग्ध मिशन की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध शासनादेश देखें। यह योजना सभी जिलों में समान रूप से लागू होगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में समान अवसर सुनिश्चित होंगे।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना महत्वपूर्ण लिंक्स
विवरण | लिंक |
---|---|
नंद बाबा दुग्ध मिशन पोर्टल | योजना की आधिकारिक वेबसाइट |
शासनादेश डाउनलोड | शासनादेश PDF |
उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग | पशुपालन विभाग वेबसाइट |
ऑनलाइन आवेदन लॉगिन | आवेदन लॉगिन पोर्टल |
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न और उनके उत्तर यहाँ दिए गए हैं, ताकि आपकी सभी शंकाएँ दूर हों:
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का फॉर्म कैसे भरें?
आप नंद बाबा दुग्ध मिशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। आधार नंबर और मोबाइल नंबर के साथ रजिस्ट्रेशन करें, OTP सत्यापन के बाद फॉर्म में सभी विवरण दर्ज करें और दस्तावेज अपलोड करें। ऑफलाइन आवेदन के लिए CVO कार्यालय से संपर्क करें।
योजना की अंतिम तिथि क्या है?
आवेदन 14 जुलाई 2025 से 13 अगस्त 2025 तक स्वीकार किए जाएंगे। समय पर आवेदन करें, क्योंकि अंतिम तिथि के बाद आवेदन स्वीकार नहीं होंगे।
इस योजना में कितना अनुदान मिलेगा?
कुल लागत (23.60 लाख रुपये) का 50% अनुदान (11.80 लाख रुपये) दो किश्तों में मिलेगा – 25% आधारभूत संरचना पर और 25% गायों की खरीद पर।
कौन सी गायें पात्र हैं?
केवल साहीवाल, गिर, और थारपारकर नस्ल की गायें पात्र हैं। गायें प्रथम या द्वितीय ब्यात की होनी चाहिए, और इनका क्रय ब्रीडिंग ट्रैक्ट से करना होगा।
क्या महिलाएँ इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं?
हाँ, महिलाओं को इस योजना में प्राथमिकता दी जाती है। यदि आपके पास आवश्यक अनुभव और भूमि है, तो आप आसानी से आवेदन कर सकती हैं।
क्या अन्य योजनाओं के लाभार्थी आवेदन कर सकते हैं?
नहीं, कामधेनु, मिनी कामधेनु, माइक्रो कामधेनु, या मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना के लाभार्थी इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
निष्कर्ष
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2025 उत्तर प्रदेश के पशुपालकों और छोटे किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह योजना न केवल 11.80 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान करती है, बल्कि डेयरी व्यवसाय को एक लाभकारी और टिकाऊ उद्यम के रूप में स्थापित करने में मदद करती है। स्वदेशी गायों के संरक्षण, ग्रामीण रोजगार सृजन, और महिला सशक्तिकरण जैसे उद्देश्यों के साथ यह योजना उत्तर प्रदेश की दुग्ध क्रांति को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।
यदि आप पशुपालन में अनुभव रखते हैं और डेयरी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो 14 जुलाई 2025 से 13 अगस्त 2025 के बीच https://nandbabadugdhmission.up.gov.in पर आवेदन करें। समय पर आवेदन करके इस योजना का लाभ उठाएँ और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाएँ। क्या आप तैयार हैं अपने डेयरी व्यवसाय को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए? आज ही आवेदन करें और अपने सपनों को साकार करें!