सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में बड़ा बदलाव आ रहा है। अब राशन की दुकानों पर लंबी कतारों का झंझट खत्म। एरिक्सन कंपनी और वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) की मदद से राशन एटीएम मशीनें देशभर में लग रही हैं, जहां बायोमेट्रिक सत्यापन से चावल, गेहूं या दाल 30 सेकंड में मिल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मोबाइल कांग्रेस में इसका डेमो हुआ, जहां 25-30 किलो अनाज महज 30 सेकंड में वितरित दिखाया गया।
क्या है अन्नपूर्ति ग्रेन एटीएम (Annapurti Grain ATM)?
'अन्नपूर्ति एटीएम' एक स्वचालित (Automatic) अनाज वितरण मशीन है, जिसे 'ग्रेन एटीएम' भी कहा जाता है। यह ठीक उसी तरह काम करती है जैसे बैंक का एटीएम पैसे निकालता है, लेकिन इसमें पैसे की जगह गेहूं, चावल और दाल जैसे अनाज निकलते हैं।
इस टेक्नोलॉजी को एरिक्सन (Ericsson) जैसी कंपनियों ने विकसित किया है। इसका एक लाइव प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इंडियन मोबाइल कांग्रेस (IMC) में किया गया था।
यह सुविधा 24x7 उपलब्ध होगी, यानी राशन दुकान के खुलने का इंतजार नहीं। अगर आपका कोटा 15 किलो है, तो मशीन बता देगी और आप जरूरत अनुसार 5 किलो ही ले सकते हैं। बाकी बाद में कहीं भी निकाल लें। WFP का 'अन्नपूर्णि ग्रेन एटीएम' नामक यह मॉडल 500 किलो तक स्टोर कर सकता है और 0.01% त्रुटि दर के साथ काम करता है। सरकार के 80 करोड़ मुफ्त राशन लाभार्थियों के लिए यह वरदान साबित होगा।
कितना राशन, कितनी जल्दी?
यह मशीन बायोमेट्रिक तकनीक पर आधारित है और एक बार में 25 से 30 किलोग्राम तक राशन वितरित करने में सक्षम है।
- तेज़ वितरण: अन्नपूर्ति एटीएम केवल 30 सेकंड में लगभग 30 किलोग्राम अनाज (या 5 मिनट में 50 किलोग्राम) वितरित कर सकता है, जिससे प्रतीक्षा समय में 70% तक की कमी आती है।
- क्षमता: एक मशीन की क्षमता 500 किलोग्राम तक हो सकती है।
- बायोमेट्रिक सत्यापन: यह आधार और राशन कार्ड नंबर के माध्यम से लाभार्थी की पहचान करती है।
ओडिशा ने दिखाया पहला नजारा। भुवनेश्वर के मंचेश्वर इलाके में भारत का पहला राइस एटीएम लॉन्च हुआ, जहां खाद्य मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने उद्घाटन किया। यहां राशन कार्ड नंबर डालकर अंगूठे से वेरिफाई करें, 25 किलो चावल तुरंत मिलेगा। राज्य सरकार 30 जिलों में इसे फैलाएगी। 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम से दूसरे राज्यों के कार्डधारक भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
हरियाणा में भी कमाल। गुरुग्राम के फर्रुखनगर में पहला ग्रेन एटीएम लग चुका है, जो 50 किलो अनाज 5 मिनट में बांटता है। इससे वेटिंग टाइम 70% कम हो गया। उत्तर प्रदेश के बनारस, गोरखपुर और गुजरात के अहमदाबाद में भी मशीनें चालू हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक में जल्द विस्तार की योजना। भवनगर जैसे शहरों में राशन एटीएम नजदीक ढूंढने वालों के लिए अच्छी खबर।
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राशन एटीएम का इस्तेमाल कैसे करें?
यह मशीन लाभार्थियों के लिए पूरी तरह से यूजर-फ्रेंडली है:
- उपभोक्ता को मशीन की टचस्क्रीन डिस्प्ले पर अपना राशन कार्ड नंबर दर्ज करना होगा।
- इसके बाद, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण (अंगूठे का निशान) करना होगा।
- मशीन मासिक कोटे की जानकारी स्क्रीन पर दिखाएगी।
- आप अपनी जरूरत के अनुसार, राशन की मात्रा का चयन कर सकते हैं (जैसे 15 किलोग्राम के कोटे में से 5 किलोग्राम लेना)।
- मशीन निर्धारित मात्रा में अनाज नीचे दिए गए स्लॉट से निकाल देगी।
- शेष राशन को उपभोक्ता अपनी सुविधा के अनुसार बाद में भी ले सकता है।
अन्नपूर्णि ग्रेन एटीएम लोकेशन कैसे पता करें? 'मेरा राशन 2.0' ऐप डाउनलोड करें, जहां नजदीकी दुकानें और एटीएम दिखेंगे। या जिला खाद्य कार्यालय/टोल-फ्री नंबर पर कॉल करें। इस्तेमाल आसान: राशन कार्ड नंबर डालें, बायोमेट्रिक दें, अनाज चुनें। स्लॉट से बैग भरें और रसीद लें। इससे चूहों से बचाव, बर्बादी रुकना और धोखाधड़ी खत्म होगी।
WFP के 2021 समझौते से शुरू यह प्रोजेक्ट स्मार्ट स्टोरेज और मोबाइल यूनिट्स पर भी काम कर रहा। आने वाले दिनों में रोबोटिक सिक्योरिटी जैसे फीचर्स PDS को और मजबूत बनाएंगे। राशन एटीएम कार्ड अप्लाई ऑनलाइन के लिए राज्य पोर्टल चेक करें। यह डिजिटल इंडिया की दिशा में मील का पत्थर है, जहां 5 लाख FPS दुकानों को अपग्रेड किया जाएगा।
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लाभार्थियों को मिलेंगे कई फायदे
राशन एटीएम तकनीक राशन वितरण से जुड़ी कई समस्याओं को एक साथ हल करती है:
- 24 घंटे सेवा: अब दुकान खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, राशन 24 घंटे उपलब्ध रहेगा।
- भ्रष्टाचार पर रोक: इसमें किसी भी संभावित धोखाधड़ी या डीलर द्वारा कम राशन दिए जाने की शिकायतें खत्म हो जाएंगी, क्योंकि यह सही वजन में अनाज वितरित करती है।
- अनाज की बर्बादी कम: लोहे की विशाल मशीन होने के कारण अनाज के बिखरने या चूहों द्वारा दूषित किए जाने की समस्या नहीं रहेगी।
- वन नेशन वन राशन कार्ड: बायोमेट्रिक आधार से जुड़े होने के कारण, 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना के तहत उपभोक्ता देश में कहीं से भी अपने कोटे का राशन ले सकेंगे।
भारत में 'पहला ग्रेन/राइस एटीएम' कहाँ स्थापित हुआ?
ओडिशा सरकार ने इस तकनीक को अपनाने में पहल की है।
- पहला राइस एटीएम: भारत का पहला 'राइस एटीएम' ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के मंचेश्वर इलाके में गोदाम में पायलट आधार पर लॉन्च किया गया।
किन राज्यों में लगे राशन एटीएम?
राज्य सरकारें इस प्रकार के एटीएम लगाने के लिए एरिक्सन कंपनी से संपर्क कर रही हैं। उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों के कई शहरों में सरकार ने ये मशीनें लगाई हैं। बनारस, गोरखपुर और अहमदाबाद जैसे शहरों में राशन एटीएम मशीनें पहले से ही स्थापित की गई हैं।
योजनाएं और फ्रॉड से बचाव
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राशन एटीएम की लोकेशन कैसे पता करें?
अगर आपके क्षेत्र में यह मशीन उपलब्ध है, तो इसकी लोकेशन जानने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:
- 'मेरा राशन 2.0' ऐप: इस सरकारी ऐप में आपको आस-पास की राशन की दुकानों समेत एटीएम की जानकारी मिल सकती है।
- खाद्य आपूर्ति कार्यालय: आप अपने ब्लॉक या जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय में जाकर भी मशीन की लोकेशन के बारे में पता कर सकते हैं।
- टोल-फ्री नंबर: अपने राज्य के खाद्य विभाग के टोल-फ्री नंबर पर कॉल करके जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
यह नई तकनीक न केवल वितरण प्रक्रिया को तेज और आसान बनाएगी, बल्कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और सुरक्षा का स्तर भी बढ़ाएगी।
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