किसान भाइयो, क्या आप जानते हैं कि सरकार की एक खास योजना से आपको खेती के लिए सिर्फ 4% ब्याज पर लोन मिल सकता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं Modified Interest Subvention Scheme की, जिसे हाल ही में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जारी रखने की मंजूरी मिली है। यह योजना किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए छोटे-मझोले किसानों को सस्ता और आसान क्रेडिट मुहैया कराती है। इस पोस्ट में हम पूरी डिटेल्स समझेंगे – योजना क्या है, कैसे काम करती है, लाभ क्या हैं, पात्रता कौन सी है और 2025 के नए अपडेट क्या हैं। अगर आप KCC धारक हैं या लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए गोल्ड माइन साबित होगी!
Modified Interest Subvention Scheme (MISS) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण केंद्रीय क्षेत्र योजना (Central Sector Scheme) है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को किफायती दर पर अल्पावधि कृषि ऋण (Short-Term Agricultural Loans) उपलब्ध कराना है, खासकर किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card - KCC) के माध्यम से।
Modified Interest Subvention Scheme क्या है?
Modified Interest Subvention Scheme (MISS) भारत सरकार की एक केंद्रीय क्षेत्रीय योजना है, जो 2006-07 में शुरू हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को अल्पकालिक कृषि लोन सस्ते दर पर उपलब्ध कराना है। योजना के तहत बैंक 7% ब्याज पर लोन देते हैं, लेकिन सरकार बैंकों को 1.5% का सब्वेंशन देती है। इससे किसानों का बोझ कम होता है।
अगर आप समय पर लोन चुकाते हैं, तो अतिरिक्त 3% का प्रॉम्प्ट रिपेमेंट इंसेंटिव (PRI) मिलता है, जिससे प्रभावी ब्याज दर सिर्फ 4% रह जाती है। यह योजना RBI और NABARD द्वारा मॉनिटर की जाती है, और पब्लिक सेक्टर बैंक, रीजनल रूरल बैंक, कोऑपरेटिव बैंक और प्राइवेट बैंक इसे लागू करते हैं।
2025-26 में यूनियन कैबिनेट ने इसकी निरंतरता को मंजूरी दी है, बिना किसी स्ट्रक्चरल बदलाव के। PIB के अनुसार, इससे 7.75 करोड़ से ज्यादा KCC अकाउंट्स को फायदा होगा।
योजना का इतिहास और विस्तार
- शुरुआत: यह योजना मूल रूप से 2006-07 में ब्याज सबवेंशन योजना (Interest Subvention Scheme – ISS) के रूप में शुरू की गई थी।
- उद्देश्य: ₹3 लाख तक के फसल ऋण पर किसानों को 7% की सस्ती दर पर ऋण सुनिश्चित करना।
- हालिया विस्तार: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भी Modified Interest Subvention Scheme को जारी रखने की मंजूरी दी है, जिससे किसानों को लगातार वित्तीय सहायता मिलती रहे।
योजना की मुख्य विशेषताएं (2025-26 अपडेट)
यहां हम सरल भाषा में योजना की सभी डिटेल्स को टेबल में समझाते हैं, ताकि आसानी से समझ आए:
| विशेषता | विवरण |
|---|---|
| लोन लिमिट | ₹3 लाख तक (केवल फसल लोन के लिए) |
| सब्सिडाइज्ड ब्याज दर | बैंक से 7% (सरकार 1.5% सब्वेंशन देती है) |
| प्रॉम्प्ट रिपेमेंट इंसेंटिव (PRI) | समय पर चुकौती पर +3%, प्रभावी दर 4% |
| पशुपालन/मत्स्य पालन लोन | ₹2 लाख तक (अगर केवल इन गतिविधियों के लिए) |
| लॉन्च ईयर | 2006-07 (मॉडिफाइड वर्जन बाद में) |
| लॉन्च्ड बाय | कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार |
| इम्प्लीमेंटेशन बॉडी | RBI, NABARD और संबंधित बैंक |
| प्राकृतिक आपदा राहत | रिस्ट्रक्चर्ड लोन पर पहला साल 2% सब्वेंशन (गंभीर मामलों में 5 साल तक) |
नोट: 2025-26 में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन बजट में ₹5 लाख लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
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Kisan Credit Card Modified Interest Subvention Scheme कैसे जुड़ा है?
Kisan Credit Card Modified Interest Subvention Scheme का मतलब यही है कि MISS केवल KCC के जरिए काम करती है। KCC 1998 में शुरू हुआ था, जो किसानों को रिवॉल्विंग क्रेडिट सुविधा देता है – मतलब एक बार लिमिट सैंक्शन होने पर बार-बार निकासी कर सकते हैं।
- कैसे अप्लाई करें? नजदीकी बैंक ब्रांच, PACS या ऑनलाइन Kisan Rin Portal पर।
- पात्रता: मालिक किसान, किरायेदार, शेयरक्रॉपर, SHG/JLG। आधार लिंक अनिवार्य।
- रिपेमेंट पीरियड: फसल कटाई के अनुसार, अधिकतम 12 महीने प्रति निकासी।
2024 तक KCC से ₹10.05 लाख करोड़ का डिस्बर्समेंट हुआ, जो 2014 के ₹4.26 लाख करोड़ से दोगुना से ज्यादा है। कुल कृषि क्रेडिट फ्लो ₹25.49 लाख करोड़ पहुंच गया!
Modified Interest Subvention Scheme KCC के तहत ऋण सीमा
यह योजना केवल फसल ऋण तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों की अन्य महत्वपूर्ण ज़रूरतों को भी कवर करती है।
| ऋण का प्रकार (Type of Loan) | अधिकतम ऋण सीमा (Maximum Loan Limit) |
|---|---|
| फसल ऋण (Short-Term Crop Loan) | ₹3 लाख तक |
| पशुपालन और मत्स्य पालन (Animal Husbandry and Fisheries) | ₹2 लाख तक |
यदि कोई किसान फसल ऋण और संबद्ध गतिविधियों (पशुपालन/मत्स्य पालन) दोनों के लिए kisan credit card modified interest subvention scheme के तहत ऋण लेता है, तो कुल सीमा ₹3 लाख ही रहती है।
Modified Interest Subvention Scheme के लाभ – क्यों है यह किसानों के लिए वरदान?
यह योजना सिर्फ लोन नहीं, बल्कि किसानों की आर्थिक मजबूती का आधार है:
- सस्ता क्रेडिट: महाजनों के 20-30% ब्याज से बचाव। 4% पर लोन से बीज, खाद, मशीनरी में निवेश आसान।
- समय पर चुकौती का इनाम: PRI से प्रोत्साहन, जो छोटे किसानों (76% अकाउंट्स) के लिए क्रांतिकारी है।
- सहायक गतिविधियां कवर: पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन में ₹2 लाख तक सब्वेंशन।
- आपदा में सहारा: प्राकृतिक आपदा (बाढ़, सूखा) में लोन रिस्ट्रक्चर पर सब्वेंशन, रिपेमेंट दबाव कम।
- डिजिटल सुविधा: Kisan Rin Portal (2023 लॉन्च) से क्लेम प्रोसेसिंग तेज, पारदर्शी।
Modified Interest Subvention Scheme को निम्नलिखित संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित और मॉनिटर किया जाता है:
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): नीतिगत दिशा-निर्देश और निगरानी।
- नाबार्ड (NABARD): ग्रामीण और सहकारी बैंकों के माध्यम से कार्यान्वयन।
- पात्र संस्थान: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs), सहकारी बैंक और निजी क्षेत्र के बैंक।
डिजिटल पारदर्शिता: किसान ऋण पोर्टल (Kisan Rin Portal – KRP)
- KRP को अगस्त 2023 में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय, RBI और NABARD के सहयोग से लॉन्च किया।
- यह पोर्टल ब्याज सबवेंशन दावों को डिजिटल रूप से ट्रैक करता है, जिससे संवितरण (disbursement) में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।
प्राकृतिक आपदाओं में राहत
प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए, उनके पुनर्गठित (restructured) फसल ऋण पर पहले वर्ष के लिए 2% का ब्याज सबवेंशन उपलब्ध कराया जाता है। गंभीर आपदाओं के मामले में, यह लाभ अधिकतम पाँच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
Modified Interest Subvention Scheme UPSC aspirants के लिए भी इंपॉर्टेंट – प्रीलिम्स में कृषि नीति, फाइनेंशियल इंक्लूजन से सवाल आते हैं।
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2025-26 में क्या नया? (PIB और RBI अपडेट)
- कंटिन्यूएशन अप्रूवल: मई 2025 में कैबिनेट ने 1.5% सब्वेंशन जारी रखा। लागत: ₹15,640 करोड़।
- MCLR और Repo Rate कंसिडरेशन: मौजूदा लेंडिंग कॉस्ट में सब्वेंशन जरूरी, ताकि रूरल बैंक लोन दे सकें।
- डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: सभी क्लेम KRP पर। 30 जून 2025 तक ऑडिटेड डेटा अपलोड।
- फ्यूचर प्रपोजल: कृषि मंत्री से ₹5 लाख लिमिट बढ़ाने की मांग।
Modified Interest Subvention Scheme launch date मूल रूप से 2006-07 है, लेकिन मॉडिफिकेशन समय-समय पर होते रहे।
(FAQs)
प्रश्न 1: Modified Interest Subvention Scheme in Hindi में कैसे समझें?
उत्तर: यह योजना किसानों को KCC से सस्ता लोन देती है – 7% पर, सब्वेंशन से 4% प्रभावी।
प्रश्न 2: क्या प्राइवेट बैंक शामिल हैं?
उत्तर: हां, रूरल/सेमी-अर्बन ब्रांचेस से।
प्रश्न 3: पोस्ट-हार्वेस्ट स्टोरेज के लिए सब्वेंशन?
उत्तर: WDRA अप्रूव्ड वेयरहाउस में 6 महीने तक, डिस्ट्रेस सेल रोकने के लिए।
प्रश्न 4: Modified Interest Subvention Scheme for farmers में कितने अकाउंट्स?
उत्तर: 7.75 करोड़+ सक्रिय KCC।
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निष्कर्ष:
Modified Interest Subvention Scheme किसानों की आर्थिक रीढ़ है। 2025-26 में इसकी निरंतरता से छोटे-मार्जिनल किसान मजबूत होंगे, उत्पादकता बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। अगर आप KCC नहीं बनवाए, तो आज ही बैंक जाएं। समय पर चुकौती करें, 4% ब्याज का फायदा लें! Modified Interest Subvention Scheme भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक मजबूत सहारा है। यह योजना किसानों को उनकी खेती की ज़रूरतों के लिए सस्ते और समय पर ऋण तक पहुँच प्रदान करके उन्हें साहूकारों के उच्च ब्याज वाले जाल से बचाती है।
कम प्रभावी ब्याज दर (4%) और Kisan Credit Card की सुविधा ने ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत ऋण के प्रवाह को बढ़ाया है, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है। क्या आपके पास कोई सवाल है? कमेंट करें या शेयर करें। अधिक कृषि योजनाओं के लिए सब्सक्राइब करें। #KisanCreditCard #ModifiedInterestSubventionScheme #KrishiLoan
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