Digipin क्या है? कैसे बनायें, अपने घर के पते का नया पिन कोड

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क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि ऑनलाइन ऑर्डर किया हुआ सामान गलत जगह पहुंच गया? या फिर डिलीवरी बॉय बार-बार फोन करके पूछता है, "भाई, आपका घर कहां है?" अगर हां, तो इंडिया पोस्ट का नया डीजी पिन (DIGIPIN) आपकी इस परेशानी का हल है। यह एक ऐसा डिजिटल एड्रेस सिस्टम है, जो आपके घर की सटीक लोकेशन को सिर्फ 10 अंकों के कोड में बता देता है। अब ना तो कूरियर भटकेगा और ना ही आपको बार-बार लोकेशन शेयर करनी पड़ेगी!

डीजीपिन जिसे Digital Postal Index Number, कहा जाता है, को इंडिया पोस्ट और IIT Hyderabad एंड ISRO ने मिलकर बनाया है। यह नया सिस्टम डिजिटल इंडिया के सपने को और मजबूत करता है। चाहे आप दिल्ली की तंग गलियों में रहते हों या किसी गांव में, डीजी पिन आपकी लोकेशन को पिनपॉइंट करता है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि डीजी पिन क्या है, यह कैसे काम करता है, और आप इसे कैसे चेक कर सकते हैं। तो चलिए, शुरू करते हैं!

आपके घर का Digipin क्या है? India Post की नई Digital Address System को Use करना सीखें

🎧 सुनिए: Digipin क्या है? – Hindi Podcast

अगर आप पढ़ने की बजाय सुनना पसंद करते हैं, तो हमने आपके लिए इस ब्लॉग पोस्ट की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी तैयार की है। इसमें आपको Digipin के बारे में वही जानकारी सादा भाषा में मिलेगी – जैसे कि यह क्या है, कैसे काम करता है, और क्यों आने वाले समय में हर किसी को इसकी ज़रूरत होगी।

👇 नीचे दिए गए प्ले बटन पर क्लिक करके सुनिए पूरी जानकारी:

डीजी पिन क्या है और इसका फुल फॉर्म

आपने पिन कोड तो सुना ही होगा, जो हमारे डाक सिस्टम का हिस्सा है। लेकिन डीजी पिन इससे कई गुना बेहतर और सटीक है। इसका फुल फॉर्म है Digital Postal Index Number। यह एक 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड है, जो भारत के हर 4x4 मीटर के छोटे-छोटे ग्रिड को एक यूनिक एड्रेस देता है। आसान शब्दों में कहें तो डीजी पिन आपके घर, दुकान, या ऑफिस की एग्जैक्ट लोकेशन बताता है, बिना किसी कन्फ्यूजन के।

डीजी पिन को इंडिया पोस्ट ने IIT Hyderabad और ISRO के National Remote Sensing Centre (NRSC) के साथ मिलकर बनाया है। यह सैटेलाइट मैपिंग और GIS (Geographic Information System) टेक्नोलॉजी पर काम करता है। हर डीजी पिन लैटीट्यूड और लॉन्गिट्यूड कोऑर्डिनेट्स से बनता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपकी लोकेशन 100% सटीक हो।

डीजी पिन की खासियतें:

  • सटीकता: 4x4 मीटर के छोटे क्षेत्र को कवर करता है, यानी आपका घर या दुकान बिल्कुल पिनपॉइंट।
  • ओपन-सोर्स: इसका कोड पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है, जिससे कोई भी इसका इस्तेमाल कर सकता है।
  • प्राइवेसी: इसमें आपका कोई पर्सनल डेटा (जैसे नाम, फोन नंबर) स्टोर नहीं होता, सिर्फ लोकेशन का कोड होता है।
  • ऑफलाइन उपयोग: भविष्य में ऑफलाइन मोड में भी काम करेगा।
  • यह कोड स्थायी (permanent) होता है — यानी एक बार लोकेशन का कोड बन गया तो वो नहीं बदलेगा
  • इसे यूज़र खुद भी बना सकते हैं — “Know Your Digipin” पोर्टल के ज़रिए
  • इसका उपयोग किसी भी एड्रेस के साथ जोड़ा जा सकता है — जैसे कि Flat No. 203, XYZ Tower, Sector 45, Noida – Digipin: ABC1D2E3FG”

उदाहरण के लिए, मान लीजिए आप मुंबई के किसी भीड़भाड़ वाले इलाके में रहते हैं, जहां एक ही पिन कोड कई गलियों को कवर करता है। डीजी पिन के साथ आप डिलीवरी बॉय को सिर्फ 10 अंकों का कोड देंगे, और वो सीधा आपके दरवाजे पर पहुंच जाएगा। चाहे Amazon हो, Flipkart हो, या कोई इमरजेंसी सर्विस, डीजी पिन हर जगह काम आएगा।

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Digipin vs PIN Code: क्या अंतर है?

यदि आप सोच रहे हैं कि Digipin और PIN Code क्या अंतर है तो, असल में ये दोनों में एक बड़ा फर्क है। नीचे दी गयी टेबल से समझे!

तुलना बिंदु PIN Code DIGIPIN (Digital PIN)
शुरुआत कब हुई? 1972 में Post ऑफिस द्वारा मई 2025 में India Post, ISRO, और IIT Hyderabad
कैसा कोड होता है? 6 अंकों का Numeric कोड 10 अंकों का Alphanumeric कोड
कौन-सा क्षेत्र कवर करता है? पूरा एरिया/पोस्ट ऑफिस केवल 4x4 मीटर की सटीक लोकेशन
लोकेशन की सटीकता सामान्य/विस्तृत अत्यधिक सटीक (Exact GPS-level)
क्या स्थायी होता है? हां, लेकिन एरिया-आधारित हां, लोकेशन-आधारित स्थायी कोड
QR Code सपोर्ट नहीं हां (QR बनाकर लोकेशन शेयर कर सकते हैं)
Online Maps से लिंक नहीं हां (Google Maps, Directions आदि)
उपयोग कहां होगा? सामान्य पोस्टल सेवाओं में डाक सेवाओं और सामान्य डिलीवरी के लिए डिजिटल एड्रेसिंग, ई-डिलीवरी, दस्तावेजों में ई-कॉमर्स, इमरजेंसी सर्विसेज, और सटीक लोकेशन के लिए
प्रारूप 6 अंकों का नंबर (जैसे 110001) 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड (जैसे XY2AB-4GTPL)
Grid-based Mappingनहीं Digipin 4 Meetr x 4 मीटर की ग्रिड पर आधारित है
Base-16 Encoding लागू नहीं इसमें 10-अंकों का alphanumeric कोड होता है (A–F और 0–9)
Open-Source Architecture लागू नहीं इसे भविष्य में किसी भी ऐप या सिस्टम से जोड़ा जा सकता है
Offline Compatibility हां (भौतिक पता होने पर) Digipin बिना इंटरनेट के भी काम कर सकता है

डीजी पिन के फायदे: डिलीवरी से लेकर इमरजेंसी तक

अब सवाल यह है कि डीजी पिन से आपको क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं? दोस्तों, यह सिर्फ एक कोड नहीं, बल्कि आपकी जिंदगी को आसान बनाने वाला एक जादुई टूल है। चाहे आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हों, ग्रामीण इलाके में रहते हों, या इमरजेंसी में मदद मांग रहे हों, डीजी पिन हर जगह काम आता है। आइए, इसके कुछ खास फायदों को देखते हैं:

  • ई-कॉमर्स में सटीक डिलीवरी: Amazon, Flipkart, या Myntra से कुछ ऑर्डर किया? डीजी पिन डालें, और आपका पार्सल बिना भटके सीधे आपके घर पहुंचेगा। अब ना डिलीवरी बॉय को फोन करना पड़ेगा, ना आपको लोकेशन समझानी पड़ेगी।
  • इमरजेंसी सर्विसेज में तेजी: अगर आपको एंबुलेंस, पुलिस, या फायर ब्रिगेड की जरूरत है, तो डीजी पिन शेयर करें। यह सटीक लोकेशन देता है, जिससे मदद जल्दी पहुंचती है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी: गांवों में जहां गलियां और घरों के पते अस्पष्ट होते हैं, वहां डीजी पिन गेम-चेंजर है। अब कोई भी कूरियर या सर्विस आसानी से आप तक पहुंच सकती है।
  • प्राइवेसी की गारंटी: डीजी पिन में आपका नाम, नंबर, या कोई पर्सनल डेटा स्टोर नहीं होता। यह सिर्फ आपकी लोकेशन का कोड है, जो पूरी तरह सुरक्षित है।
  • क्यूआर कोड और शेयरिंग: डीजी पिन का क्यूआर कोड बनाकर आप इसे WhatsApp पर शेयर कर सकते हैं या अपने विजिटिंग कार्ड पर प्रिंट कर सकते हैं। कितना कूल, है ना?

उदाहरण: कल्पना करें, आप एक छोटे से गांव में रहते हैं, जहां पिन कोड तो है, लेकिन घर का पता बताना मुश्किल है। डीजी पिन के साथ आप बस 10 अंकों का कोड शेयर करेंगे, और आपका ऑनलाइन ऑर्डर किया हुआ सामान या कोई सरकारी सर्विस सीधे आपके घर पहुंच जाएगी। यही नहीं, अगर आप किसी बिजनेस के लिए डीजी पिन का क्यूआर कोड अपनी दुकान पर लगाते हैं, तो कस्टमर भी आसानी से आप तक पहुंच सकते हैं।

इंडिया पोस्ट का यह डीजी पिन सिस्टम डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स का हिस्सा है, जो भविष्य में और भी ज्यादा सेवाओं में शामिल होगा। तो, चाहे आप शहर में हों या गांव में, डीजी पिन आपके लिए एक वरदान है!

अपना डीजी पिन कैसे चेक करें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

क्या आप सोच रहे हैं कि अपना डीजी पिन कैसे पता करें? चिंता न करें, दोस्तों, यह इतना आसान है कि आप इसे कुछ ही मिनटों में कर सकते हैं! डीजी पिन यानी Digital Postal Index Number, इंडिया पोस्ट का नया डिजिटल एड्रेस सिस्टम है, जो आपकी सटीक लोकेशन को 10 अंकों के कोड में बताता है। इसे चेक करने के लिए आपको बस एक स्मार्टफोन या कंप्यूटर और इंटरनेट चाहिए। इंडिया पोस्ट ने इसके लिए एक सुपर आसान वेबसाइट बनाई है। आइए, स्टेप-बाय-स्टेप देखते हैं कि आप अपना डीजी पिन कैसे जनरेट कर सकते हैं:

आपके घर का Digipin क्या है? India Post की नई Digital Address System को Use करना सीखें
  • ‘Know Your DIGIPIN’ पर क्लिक करें: होमपेज पर आपको “Know Your DIGIPIN” का बटन दिखेगा। इसे क्लिक करें।
  • लोकेशन एक्सेस की अनुमति दें: वेबसाइट पहली बार आपसे लोकेशन एक्सेस मांगेगी। “Allow” पर क्लिक करें, ताकि आपकी मौजूदा लोकेशन ऑटोमैटिकली डिटेक्ट हो जाए। अगर आप लोकेशन शेयर नहीं करना चाहते, तो मैन्युअल सर्च का ऑप्शन भी है।
  • कंसेंट दें: साइट पर “I Consent” का ऑप्शन आएगा। इसे क्लिक करें, और कुछ ही सेकंड में आपका डीजी पिन स्क्रीन पर दिख जाएगा।
  • डीजी पिन का उपयोग करें: आपका 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड तैयार है! इसे कॉपी करें, Google Maps में डीजी पिन डालकर लोकेशन चेक करें, या क्यूआर कोड बनाकर शेयर करें। क्यूआर कोड बनाने के लिए वेबसाइट पर “QR Code” आइकन पर क्लिक करें।
  • दूसरी लोकेशन का डीजी पिन: अगर आप अपने घर के अलावा ऑफिस, दुकान, या किसी और जगह का डीजी पिन चाहते हैं, तो मैप पर पिन ड्रॉप करें या एड्रेस मैन्युअली डालें।
आपके घर का Digipin क्या है? India Post की नई Digital Address System को Use करना सीखें

प्रो टिप: डीजी पिन चेक करते समय सुनिश्चित करें कि आपका डिवाइस GPS ऑन हो, ताकि लोकेशन सटीक हो। अगर आप Google Maps में डीजी पिन डालते हैं, तो यह आपको सीधे उस 4x4 मीटर की जगह पर ले जाएगा, जो आपने चुनी है।

उदाहरण: मान लीजिए आप दिल्ली के कनॉट प्लेस में किसी कैफे में बैठे हैं और अपनी लोकेशन का डीजी पिन चेक करना चाहते हैं। बस वेबसाइट पर जाएं, लोकेशन अलाउ करें, और आपका डीजी पिन तैयार! अब इसे अपने दोस्तों को शेयर करें, और वो बिना भटके सीधे कैफे पहुंच जाएंगे।

डीजी पिन जनरेट करना पूरी तरह फ्री है, और इसमें कोई पर्सनल डेटा (जैसे नाम, फोन नंबर) स्टोर नहीं होता। यह इंडिया पोस्ट की एक भरोसेमंद सर्विस है, जो GIS और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी पर काम करती है। तो, अभी ट्राई करें और अपनी अगली डिलीवरी को सुपर आसान बनाएं!

डीजी पिन का उपयोग कहां-कहां कर सकते हैं?

डीजी पिन सिर्फ एक कोड नहीं, बल्कि आपकी जिंदगी को आसान बनाने वाला एक जादुई टूल है! चाहे आप ऑनलाइन शॉपिंग के शौकीन हों, बिजनेस चलाते हों, या किसी इमरजेंसी में मदद मांग रहे हों, डीजी पिन हर जगह काम आता है। यह 10 अंकों का डिजिटल एड्रेस कोड आपकी सटीक लोकेशन को 4x4 मीटर के दायरे में बताता है। आइए, देखते हैं कि आप डीजी पिन का इस्तेमाल किन-किन जगहों पर कर सकते हैं:

  • ऑनलाइन शॉपिंग में: डिजीपिन का उपयोग Amazon, Flipkart, Myntra, या Swiggy जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ऑर्डर करते समय डीजी पिन डालें। इससे डिलीवरी बॉय बिना किसी कॉल के सीधे आपके दरवाजे पर पहुंचेगा। खासकर उन इलाकों में, जहां गलियां उलझन भरी हैं या पते अस्पष्ट हैं, डीजी पिन एक लाइफसेवर है!
  • इमरजेंसी सर्विसेज के लिए डिजीपिन का उपयोग: अगर आपको एंबुलेंस, पुलिस, या फायर ब्रिगेड की जरूरत है, तो डीजी पिन शेयर करें। यह सटीक लोकेशन देता है, जिससे मदद तेजी से और सही जगह पहुंचती है। उदाहरण के लिए, मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में यह समय बचाने वाला हो सकता है।
  • बिजनेस और प्रोफेशनल यूज: डिजीपिन का उपयोग अपनी दुकान, ऑफिस, या सर्विस सेंटर का डीजी पिन बनाएं। इसे अपने विजिटिंग कार्ड पर प्रिंट करें या वेबसाइट पर डालें। कस्टमर्स आसानी से आप तक पहुंच सकेंगे। डीजी पिन का क्यूआर कोड बनाकर आप इसे WhatsApp या सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में डिजीपिन का उपयोग: गांवों में, जहां सड़कें और पते साफ नहीं होते, डीजी पिन बहुत काम आता है। चाहे सरकारी योजनाओं की डिलीवरी हो, जैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, या ऑनलाइन ऑर्डर, डीजी पिन हर चीज को आसान बनाता है।
  • क्यूआर कोड शेयरिंग: डीजी पिन का क्यूआर कोड बनाकर आप इसे आसानी से शेयर कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, डिजीपिन का उपयोग अपनी दुकान के बाहर क्यूआर कोड लगाएं, ताकि कस्टमर स्कैन करके आपकी लोकेशन देख सकें।
  • भविष्य की संभावनाएं: डिजीपिन का उपयोग इंडिया पोस्ट का कहना है कि जल्द ही डीजी पिन को आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, और पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों में शामिल किया जा सकता है। इससे आपका डिजिटल एड्रेस हर जगह मान्य होगा।
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डीजीपिन कितना सटीक और सुरक्षित है

डीजी पिन एक ऐसी तकनीक पर आधारित है, जो भारत को 4x4 मीटर के छोटे-छोटे ग्रिड में बांटता है। हर ग्रिड को एक यूनिक 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड मिलता है, जो लैटीट्यूड और लॉन्गिट्यूड कोऑर्डिनेट्स से बनता है। यह सटीकता सुनिश्चित करने के लिए इंडिया पोस्ट ने IIT Hyderabad और ISRO के National Remote Sensing Centre (NRSC) के साथ मिलकर काम किया है। इसका मतलब है कि अगर आप अपने घर का डीजी पिन शेयर करते हैं, तो कोई भी उस सटीक 4x4 मीटर की जगह तक पहुंच सकता है, बिना किसी कन्फ्यूजन के।

डीजीपिन का भविष्य

डीजी पिन सिर्फ आज की जरूरत नहीं, बल्कि भविष्य का डिजिटल एड्रेस सिस्टम है। इंडिया पोस्ट इसे Address-as-a-Service (AaaS) के तौर पर देखता है, जो डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स का एक अहम हिस्सा बन सकता है। आने वाले समय में डीजी पिन को आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, और पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों में शामिल करने की योजना है। इससे आपका डिजिटल एड्रेस हर सरकारी और प्राइवेट सर्विस में मान्य होगा, और आपको लंबे-चौड़े पते लिखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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निष्कर्ष

डीजी पिन भारत के डिजिटल भविष्य का एक शानदार कदम है, जो आपकी डिलीवरी और इमरजेंसी सर्विसेज को सुपर आसान बनाता है। इंडिया पोस्ट का डीजी पिन शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह काम आता है। यह सटीक, सुरक्षित, और डिजिटल इंडिया का हिस्सा है। आज ही अपना माय डीजी पिन चेक करें और इसका फायदा उठाएं! नीचे कमेंट में बताएं कि आप इसे कैसे यूज करने वाले हैं।

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