बिहार में महिला सशक्तिकरण को नई दिशा देते हुए नीतीश सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम तेज़ कर दिया है। राज्य के स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़ी 12 लाख महिलाओं को अब आधुनिक कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें 'लखपति दीदी' की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। इसका सीधा मतलब है कि इन महिलाओं की सालाना आय कम से कम ₹1 लाख सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्य बातें:
- बिहार की 12 लाख महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनाने का लक्ष्य, सालाना ₹1 लाख से ज़्यादा होगी कमाई।
- श्रम संसाधन और ग्रामीण विकास विभाग ने मिलकर बनाया एक्शन प्लान, केंद्र सरकार भी कर रही मदद।
- डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, और ड्रोन तकनीक जैसे आधुनिक कोर्स पर होगा मुख्य फोकस।
- प्रशिक्षण के बाद सर्टिफिकेशन और बाज़ार से जुड़ने में भी सरकार करेगी पूरी मदद।
श्रम संसाधन विभाग और ग्रामीण विकास विभाग इस साझा अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य महिलाओं की कार्यकुशलता को बढ़ाकर उनकी आय में स्थायी वृद्धि करना है।
नए दौर के स्किल्स से बदलेगी तकदीर
यह योजना पारंपरिक सिलाई-कढ़ाई तक सीमित नहीं है। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जो नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है, वह आज के डिजिटल युग की मांगों को पूरा करता है। 10वीं, 12वीं या स्नातक पास महिलाओं को विशेष रूप से इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा:
- डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स: अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचना।
- ड्रोन तकनीक: आधुनिक कृषि और अन्य क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग।
- वित्तीय प्रबंधन: व्यापार का हिसाब-किताब और पैसों का सही मैनेजमेंट।
- हेल्थ केयर और सप्लाई चेन: स्वास्थ्य सेवाओं और लॉजिस्टिक्स में नए अवसर।
सरकार का मानना है कि इन स्किल्स से महिलाएं न केवल अपने समूह का कारोबार बढ़ाएंगी, बल्कि उनकी व्यक्तिगत आय में भी भारी उछाल आएगा।
केंद्र और राज्य की मिली-जुली ताकत
इस बड़ी योजना को धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार अकेले काम नहीं कर रही है। केंद्र सरकार के 'कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय' से भी वित्तीय और तकनीकी सहायता ली जा रही है। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय 'लखपति दीदी' पहल के तहत इस अभियान को और मजबूती मिल रही है, जिसका लक्ष्य देश भर में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना है।
बजट, समय सीमा और लाभ
अगले पांच वर्षों में 12 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित करने पर 345 करोड़ 56 लाख रुपये खर्च होंगे। योजना से महिलाओं की कार्यकुशलता बढ़ेगी और आय में वृद्धि होगी। केंद्र सरकार महिलाओं को interest-free loan तक 5 लाख रुपये तक प्रदान कर रही है।
लखपति दीदी योजना के लाभ: skill training, financial literacy workshops, और entrepreneurial guidance। बिहार में यह योजना गरीबी उन्मूलन और महिलाओं के socio-economic empowerment से जुड़ी है।
बिहार में अगले पांच वर्षों में इस मिशन पर करीब ₹345.56 करोड़ खर्च करने की योजना है, ताकि महिलाओं को ट्रेनिंग से लेकर बाज़ार तक पहुंचने में कोई बाधा न आए।
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'जीविका' मॉडल बनेगा आधार
बिहार का सफल 'जीविका' कार्यक्रम इस योजना की नींव बनेगा। जीविका से जुड़ी दीदियां पहले ही अपनी मेहनत से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव ला चुकी हैं। अब नए कौशल विकास कार्यक्रम के जरिए उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों से जोड़ने की तैयारी है। प्रशिक्षण पूरा होने पर महिलाओं को 'स्किल इंडिया डिजिटल हब' (SIDH) के माध्यम से एक औपचारिक सर्टिफ़िकेट भी दिया जाएगा, जो उन्हें काम पाने या अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद करेगा।
यह योजना सिर्फ एक ट्रेनिंग प्रोग्राम नहीं, बल्कि बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलने और महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का एक मजबूत कदम है।
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