उत्तर प्रदेश में शुभांशु शुक्ला छात्रवृत्ति शुरू, युवा अंतरिक्षकारों के लिए सरकार का बड़ा ऐलान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के नाम पर एक नई छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है। यह योजना विशेष रूप से उन मेधावी छात्रों के लिए है जो स्पेस टेक्नोलॉजी, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।

शुभांशु हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लौटे हैं, जहां उन्होंने 18 दिनों में 60 से अधिक प्रयोग किए, जिनमें भारतीय वैज्ञानिकों के सात प्रयोग शामिल थे। मिशन के दौरान माइक्रोग्रैविटी पर शोध से नए रिसर्च के रास्ते खुले। 

उत्तर प्रदेश में शुभांशु शुक्ला छात्रवृत्ति शुरू, युवा अंतरिक्षकारों के लिए बड़ा कदम

किन्हें मिलेगा शुभांशु शुक्ला स्कॉलरशिप का लाभ?

यह योगी सरकार छात्रवृत्ति विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है जो एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, स्पेस टेक्नोलॉजी, और अंतरिक्ष विज्ञान जैसे उन्नत विषयों में स्नातक (Graduation), स्नातकोत्तर (Post-graduation) या शोध (Research) कर रहे हैं। सरकार का मानना है कि इस पहल से न केवल युवाओं को बेहतरीन शैक्षिक अवसर मिलेंगे, बल्कि भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन और भविष्य की अन्य अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए एक कुशल वर्कफोर्स भी तैयार होगी।

यूपी में स्पेस एजुकेशन को मिल रहा बढ़ावा

सीएम योगी ने बताया कि चार साल पहले UP में स्पेस टेक्नोलॉजी से जुड़े कोई कोर्स नहीं थे, लेकिन अब मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी, AKTU समेत एक दर्जन संस्थानों में डिग्री प्रोग्राम शुरू हो चुके हैं। यह योजना युवाओं को इन क्षेत्रों में नवाचार के लिए प्रोत्साहित करेगी और भारत के विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य में योगदान देगी।

अन्य शानदार छात्रवृत्ति अवसर

यह नई शुभांशु शुक्ला छात्रवृत्ति योजना राज्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित करने और भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।

हाल ही में Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लौटे शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय बने हैं। उनकी यह उपलब्धि और उनके नाम पर शुरू हो रही यह स्कॉलरशिप निश्चित रूप से राज्य के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने

शुभांशु ने समारोह में कहा, "मेरा मिशन पूरा हुआ, लेकिन अब हमें और आगे जाना है। स्पेस में शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव—जैसे रक्त का सिर की ओर खिंचना और भूख न लगना—चुनौतीपूर्ण थे, लेकिन भारतीय इंजीनियरिंग ने हमें सुरक्षित रखा।" उनकी पत्नी डॉ. कामना शुक्ला, मां आशा और पिता शंभू दयाल को भी सम्मानित किया गया।

यह छात्रवृत्ति योजना UP के स्पेस एजुकेशन को मजबूत करेगी, जहां ISRO के साथ सहयोग बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे गगनयान जैसे मिशनों के लिए कुशल टैलेंट तैयार होगा। योजना के आवेदन और पात्रता विवरण जल्द जारी होने की उम्मीद है।

छात्रों के लिए जरूरी दस्तावेज़

YOUR DT SEVA

हरी, पिछले 5 वर्षों से Your DT Seva के माध्यम से पाठकों को सरकारी योजनाओं, बैंकिंग और ऑनलाइन सेवाओं पर अपनी विशेषज्ञता साझा करते हैं। हम आपको इन विषयों की गहरी और सटीक जानकारी देते हैं ताकि आप डिजिटल सेवाओं का सही उपयोग कर सकें।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने