PM आवास योजना में हड़कंप! 9000 फर्जी लाभार्थियों से होगी वसूली, 10 लाख परिवारों की किस्त अटकी, सरकार का बड़ा एक्शन

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), जो गरीबों को पक्का घर देने की एक महत्वाकांक्षी पहल है, इस समय बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और प्रणालीगत समस्याओं से जूझ रही है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जहाँ 9,000 से अधिक अपात्र लोगों द्वारा योजना का लाभ उठाने का एक बड़ा घोटाला सामने आया है, वहीं बिहार में 10 लाख से अधिक परिवारों की किस्त सरकारी नियमों में बदलाव के कारण अटक गई है। सरकार अब इन मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रही है और वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

PM आवास योजना में हड़कंप! 9000 फर्जी लाभार्थियों से होगी वसूली, 10 लाख परिवारों की किस्त अटकी, सरकार का बड़ा एक्शन

उत्तर प्रदेश: फर्जी दस्तावेजों पर 9000 लोगों ने लिया लाभ

प्रयागराज में एक सर्वे के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि लगभग 9,000 ऐसे लोगों ने PM आवास योजना के तहत 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि ले ली, जिनके पास पहले से ही पक्के, यहाँ तक कि दो मंजिला मकान थे। इन लोगों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर खुद को गरीब और बेघर बताया था।

मामले का खुलासा तब हुआ जब पहली किस्त जारी होने के बाद विभागीय टीम ने सत्यापन के लिए सर्वे किया। शंकरगढ़ ब्लॉक में ही 3,127 ऐसे लाभार्थी मिले जिन्होंने पैसा लेने के बाद एक ईंट तक नहीं रखी थी। मुख्य विकास अधिकारी (CDO) हर्षिका सिंह ने बताया कि सभी दोषियों से राशि की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही, उन अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जा रही है जिन्होंने इन आवेदनों को मंजूरी दी थी।

बिहार: नई भुगतान प्रणाली से 10 लाख परिवारों की किस्त रुकी

बिहार में एक अलग तरह की समस्या खड़ी हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा भुगतान की व्यवस्था में बदलाव किए जाने से लगभग 10 लाख परिवारों के लिए आवास योजना की किस्त रुक गई है। नई व्यवस्था के तहत, अब पैसा सीधे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजा जाएगा, जबकि पहले यह राशि बैंकों के माध्यम से वितरित होती थी।

इस तकनीकी बदलाव और 'आवास सॉफ्ट' को नई प्रणाली के साथ जोड़ने में समय लग रहा है, जिससे लाभार्थियों का इंतजार बढ़ गया है। ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार, इस प्रक्रिया में 10-15 दिन और लग सकते हैं, जिससे लाखों गरीबों के घर बनाने का सपना अधूरा पड़ा है।

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देशभर में भ्रष्टाचार और सरकार का सख्त रुख

यह समस्या सिर्फ यूपी और बिहार तक सीमित नहीं है।

  • मध्य प्रदेश: आगरमालवा जिले में कलेक्टर ने उन लोगों से राशि वसूलने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने पैसा मिलने के बाद भी घर का निर्माण नहीं किया।
  • राजस्थान: फलोदी में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक ग्राम विकास अधिकारी (VDO) को 4,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। वह लाभार्थी की दूसरी और तीसरी किस्त जारी करने के बदले 10,000 रुपये की मांग कर रहा था।

एक तरफ जहाँ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की खबरें चिंता बढ़ा रही हैं, वहीं उत्तर प्रदेश ने आवास निर्माण में एक मिसाल भी पेश की है। यूपी ने राष्ट्रीय औसत 299 दिनों के मुकाबले सिर्फ 195 दिनों में आवास बनाकर तैयार किया है और आवास पूर्णता के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। सरकार अब लाभार्थियों को अन्य सरकारी योजनाओं जैसे पेंशन, LPG कनेक्शन और मुफ्त बिजली से भी जोड़ रही है।

इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि सरकार कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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यूपी में उल्लेखनीय प्रगति

उत्तर प्रदेश ने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) में शानदार प्रदर्शन किया है। 36.57 लाख आवासों के लक्ष्य के मुकाबले 99.37% काम पूरा हो चुका है, जिसके साथ यूपी देश में दूसरे स्थान पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी ने औसतन 195 दिनों में आवास निर्माण पूरा कर राष्ट्रीय औसत (299 दिन) को पीछे छोड़ दिया है।

मुख्य सचिव एसपी गोयल ने निर्देश दिए हैं कि शेष आवासों का निर्माण जल्द पूरा किया जाए। साथ ही, लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, और मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल जैसी अन्य योजनाओं से जोड़ा जाए।

पारदर्शिता की जरूरत

इन घटनाओं ने पीएम आवास योजना में पारदर्शिता और सख्त सत्यापन की जरूरत को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए डिजिटल सत्यापन और नियमित ऑडिट जरूरी हैं।

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