उत्तर प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही महंगाई का एक और बड़ा झटका लग सकता है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की दरों में औसतन 30% तक की भारी वृद्धि का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंपा है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो शहरी उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी मिलाकर प्रति यूनिट बिजली के लिए 13 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं।
क्यों महंगी हो रही है बिजली?
पावर कॉर्पोरेशन ने अपने प्रस्ताव में लगभग 19,644 करोड़ रुपये के भारी वित्तीय घाटे का हवाला दिया है। कॉर्पोरेशन का कहना है कि आय और खर्च के बीच बढ़ते अंतर को कम करने के लिए यह बढ़ोतरी जरूरी है। गौरतलब है कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में बिजली की दरों में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई है, जिससे राजस्व घाटा लगातार बढ़ रहा है।
आम आदमी पर कितना बढ़ेगा बोझ?
UPPCL के नए प्रस्ताव में सबसे ज्यादा असर घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है। कॉर्पोरेशन ने न केवल प्रति यूनिट चार्ज बढ़ाया है, बल्कि मौजूदा चार स्लैब को घटाकर तीन कर दिया है, जिससे बिल और भी बढ़ जाएगा।
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रस्तावित नई दरें: | खपत (यूनिट) | मौजूदा दर (₹/यूनिट) | प्रस्तावित दर (₹/यूनिट) | | :--- | :--- | :--- | | 0 - 100 | ₹5.50 | ₹6.50 | | 101 - 300 | ₹5.50 - ₹6.00 | ₹8.00 | | 300 से अधिक | ₹6.50 | ₹9.00 |
इसके अलावा, शहरी उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज ₹110 प्रति किलोवाट से बढ़ाकर ₹190 करने का प्रस्ताव है।
ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रस्तावित नई दरें: | खपत (यूनिट) | मौजूदा दर (₹/यूनिट) | प्रस्तावित दर (₹/यूनिट) | | :--- | :--- | :--- | | 0 - 100 | ₹3.35 | ₹4.50 | | 101 - 300 | ₹3.85 - ₹5.00 | ₹7.00 | | 300 से अधिक | ₹5.50 | ₹8.00 |
ग्रामीण उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज भी ₹90 से बढ़ाकर ₹150 प्रति किलोवाट तक किया जा सकता है।
कमर्शियल कनेक्शन भी होंगे महंगे
इस प्रस्ताव में दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की बिजली दरों में भी भारी इजाफे की बात कही गई है। कमर्शियल बिजली की दरें ₹10 प्रति यूनिट तक पहुंच सकती हैं और फिक्स चार्ज में भी बड़ी बढ़ोतरी प्रस्तावित है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनकी याचिका के बाद नियामक आयोग ने पावर कॉर्पोरेशन से जवाब-तलब किया है और पूछा है कि स्लैब कम करने और दरों में इतनी बड़ी वृद्धि का प्रस्ताव क्यों दिया गया है। अब सभी की निगाहें नियामक आयोग के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।
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उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। यदि यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) द्वारा मंजूर हो जाता है, तो राज्य के 3.61 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं पर भारी आर्थिक बोझ पड़ सकता है। ग्रामीण और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें क्रमशः 8 रुपये और 9 रुपये प्रति यूनिट तक हो सकती हैं।
प्रस्तावित दरों का प्रभाव
UPPCL ने अपने प्रस्ताव में घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ स्लैब में बदलाव और फिक्स चार्ज में वृद्धि का सुझाव दिया है। शहरी क्षेत्रों में फिक्स चार्ज 110 रुपये से बढ़कर 190 रुपये प्रति किलोवाट और ग्रामीण क्षेत्रों में 90 रुपये से 150 रुपये प्रति किलोवाट तक हो सकता है। इसके अलावा, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए चार स्लैब को घटाकर तीन करने का प्रस्ताव है, जिससे 300 यूनिट से अधिक खपत पर दरें 45% तक बढ़ सकती हैं।
प्रस्तावित घरेलू दरें (शहरी):
- 0-100 यूनिट: 6.50 रुपये/यूनिट
- 101-300 यूनिट: 8.00 रुपये/यूनिट
- 300 यूनिट से अधिक: 9.00 रुपये/यूनिट
प्रस्तावित घरेलू दरें (ग्रामीण):
- 0-100 यूनिट: 4.50 रुपये/यूनिट
- 101-300 यूनिट: 7.00 रुपये/यूनिट
- 300 यूनिट से अधिक: 8.00 रुपये/यूनिट
वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए भी दरों में बढ़ोतरी प्रस्तावित है। चार किलोवाट तक के कनेक्शन के लिए बिजली की दर 7.50 रुपये से बढ़कर 9.50 रुपये प्रति यूनिट और चार किलोवाट से अधिक के लिए 10 रुपये प्रति यूनिट तक हो सकती है।
वित्तीय घाटे का हवाला
UPPCL ने अपने प्रस्ताव में 19,644 करोड़ रुपये के वित्तीय घाटे का हवाला दिया है, जो आय और खर्चों के बीच बढ़ते अंतर के कारण है। पिछले पांच वर्षों में बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं होने से राजस्व घाटा 12.4% तक बढ़ गया है। इस घाटे को कम करने के लिए UPPCL ने यह कदम उठाया है। हालांकि, उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह उपभोक्ताओं पर अनुचित बोझ डालेगा।
नियामक आयोग की सुनवाई
विद्युत नियामक आयोग ने हाल ही में उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड और यूपीएसएलडीसी की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) पर सुनवाई पूरी की है। आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बिजली कंपनियों से प्रस्तावित दरों पर आपत्तियां मांगी हैं और स्लैब में बदलाव के कारणों का स्पष्टीकरण मांगा है। माना जा रहा है कि आयोग सितंबर 2025 के पहले सप्ताह तक नई दरों की घोषणा कर सकता है।
उपभोक्ताओं की चिंता
उपभोक्ता परिषद ने ट्रांसमिशन कारपोरेशन की टैरिफ बेस प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग (टीबीसीबी) पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। परिषद का कहना है कि निजी कंपनियां 25% तक अधिक लागत पर काम कर रही हैं, जिसका बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। इसके अलावा, ट्रांसमिशन कारपोरेशन द्वारा रिटर्न ऑफ इक्विटी को 2% से बढ़ाकर 14.5% करने के प्रस्ताव से 1,824 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है।
सब्सिडी और राहत योजनाएं
उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए कई सब्सिडी योजनाएं लागू की हैं। लाइफलाइन उपभोक्ता सब्सिडी के तहत 1 किलोवाट तक के लोड और 100 kWh तक की मासिक खपत वाले परिवारों को 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा, यूपी एकमुश्त समाधान योजना 2024-25 के तहत बकाया बिलों पर 100% तक सरचार्ज माफी और किस्तों में भुगतान की सुविधा दी जा रही है।
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बिल भुगतान और शिकायत निवारण
UPPCL ने बिजली बिल भुगतान को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध कराए हैं। उपभोक्ता UPPCL की आधिकारिक वेबसाइट (https://uppcl.org) या मोबाइल ऐप के माध्यम से बिल चेक और भुगतान कर सकते हैं। गलत बिल की शिकायत के लिए उपभोक्ता वेबसाइट पर बिल सुधार अनुरोध दर्ज कर सकते हैं। नोएडा के निवासी NPCL की हेल्पलाइन (0120-6226666) या एसएमएस शॉर्टकोड (7840002288) के जरिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
ऊर्जा बचत के उपाय
बिजली की बढ़ती लागत को देखते हुए उपभोक्ताओं को ऊर्जा बचत के उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है। एलईडी बल्ब का उपयोग, पुराने उपकरणों को ऊर्जा-कुशल मॉडल से बदलना, और एयर कंडीशनर को 25 डिग्री सेल्सियस पर सेट करना कुछ प्रभावी तरीके हैं।
निष्कर्ष
यूपी में बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि से उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ने की संभावना है। नियामक आयोग के अंतिम फैसले का इंतजार है, जो बिजली दरों को अंतिम रूप देगा। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे समय पर बिल भुगतान करें और सब्सिडी योजनाओं का लाभ उठाएं।
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