यूपी में गन्ना मूल्य में ₹30-प्रति-क्विंटल की बड़ी बढ़ोतरी, किसानों को मिलेगा ₹400/क्विंटल

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना किसानों को चैहल दिया है। पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना SAP में 30 रुपये प्रति क्विंटल की ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई। अब अगैती गन्ना 400 रुपये और सामान्य गन्ना 390 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा। इससे 46 लाख किसानों को 3000 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा, "यह किसानों का हक है। 8 साल में 85 रुपये की कुल बढ़ोतरी हुई।" योगी सरकार ने 2017 से अब तक 4 बार SAP बढ़ाया

यूपी में गन्ना मूल्य में ₹30-प्रति-क्विंटल की बड़ी बढ़ोतरी, किसानों को मिलेगा ₹400/क्विंटल

46 लाख गन्ना किसानों को होगा सीधा लाभ

राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के अनुसार, इस वृद्धि से किसानों को पहले के मुकाबले तीन हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। यह बीते आठ वर्षों में गन्ना मूल्य में कुल ₹85 प्रति क्विंटल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है।

पिछले वर्षों में गन्ना एसएपी की वृद्धि

  • ₹400/क्विंटल: पेराई सत्र 2025-26 (₹30 की वृद्धि)
  • ₹370/क्विंटल: पेराई सत्र 2023-24 (₹20 की वृद्धि)
  • ₹350/क्विंटल: पेराई सत्र 2021-22 (₹25 की वृद्धि)
  • ₹325/क्विंटल: वर्ष 2017-18 (₹10 की वृद्धि)

योगी सरकार ने 2017 में सत्ता संभालने के बाद यह चौथी बार गन्ना एसएपी में वृद्धि की है।

ग्रामीण विकास एवं सब्सिडी

पड़ोसी राज्यों से तुलना: यूपी में गन्ना मूल्य (Ganna Mulya)

गन्ना मंत्री ने बताया कि ₹30 की वृद्धि के बाद उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य अब महाराष्ट्र और कर्नाटक (₹355/क्विंटल) से अधिक हो गया है। हालांकि, यह अभी भी हरियाणा (₹415/क्विंटल) और पंजाब (₹401/क्विंटल) से कम है, जिन्होंने हाल ही में मूल्य में बढ़ोतरी की है।

चीनी उद्योग में बड़ा बदलाव और रिकॉर्ड भुगतान

मंत्री ने कहा कि 2017 से पहले चीनी उद्योग में अव्यवस्था थी, कई मिलें बंद हो गईं थीं। योगी सरकार ने पारदर्शी व्यवस्था लागू की है, जिससे पिछले आठ वर्षों में इस क्षेत्र में ₹12,000 करोड़ का निवेश हुआ है।

  • बंद मिलें: छह बंद चीनी मिलों को फिर से शुरू किया गया।
  • क्षमता वृद्धि: 42 मिलों की क्षमता बढ़ाई गई।
  • नई मिलें: चार नई मिलें खोलने की योजना है।
  • डिजिटल सुविधा: गन्ना पर्ची की व्यवस्था ऑनलाइन की गई है।

उन्होंने बताया कि 2017 से पहले 10 वर्षों में ₹1,47,346 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया था, जबकि योगी सरकार अब तक ₹2,90,225 करोड़ का भुगतान करा चुकी है, जो लगभग दोगुना है।

वर्तमान में, उत्तर प्रदेश गन्ना, चीनी और एथेनॉल उत्पादन में पूरे देश में पहले स्थान पर है।

महाराष्ट्र-कर्नाटक से आगे, पंजाब से पीछे: नई दरों से UP का गन्ना महाराष्ट्र (355 रु.) और कर्नाटक से महंगा। लेकिन हरियाणा (415 रु.) और पंजाब (401 रु.) अभी आगे

CM योगी का X पोस्ट: "गन्ना कृषकों का सम्मान! PM मोदी मार्गदर्शन में 30 रु. बढ़ोतरी। लाखों किसानों को नई ऊर्जा मिलेगी।" केशव मौर्य, भूपेंद्र चौधरी, जयंत चौधरी ने बधाई दी। RLD ने मनोबल बढ़ने की बात कही।

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राजनीतिक और किसान संगठनों की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'एक्स' पर इस निर्णय की जानकारी साझा करते हुए इसे 'गन्ना कृषकों के श्रम का सम्मान' बताया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत अन्य नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है।

वहीं, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस वृद्धि पर सवाल उठाते हुए कहा है कि तीन साल में गन्ना मूल्य में केवल 8.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि खाद, कीटनाशक और मजदूरी की लागत में इससे कहीं अधिक बढ़ोतरी हुई है।

यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन (यूपीएसएमए) और उत्तर प्रदेश सहकारी गन्ना समिति अध्यक्ष संघ ने भी इस निर्णय की सराहना की है, लेकिन साथ ही एथेनॉल की कीमतों में संशोधन न होने और उद्योग के राजस्व संकट का भी उल्लेख किया है।

माना जा रहा है कि यह फैसला एनडीए की चुनावी रणनीति का हिस्सा है और इसका असर आगामी पंचायत और 2027 के विधानसभा चुनावों तक देखने को मिल सकता है।

विपक्ष की चुटकी: अखिलेश यादव ने रीपोस्ट कर सवाल उठाए – "लागत भी बढ़ी है, 30 रु. काफी नहीं।"

उद्योग का स्वागत: UP शुगर मिल्स एसोसिएशन ने इसे "सार्थक कदम" बताया। 4 नई मिलें, 6 बंद मिलें शुरू, 12,000 Cr निवेश। UP देश में नंबर-1 गन्ना उत्पादक। क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर बढ़ा

चुनावी रंग? पंचायत चुनाव से पहले यह फैसला NDA की रणनीति माना जा रहा। गन्ना माफिया खत्म, ऑनलाइन पर्ची से पारदर्शिता।

किसान बोले: "योगी जी का धन्यवाद!" – सुखपाल, अरविंद सिंह।

अलग खबर: मुख्य सचिव एसपी गोयल ने PM किसान रजिस्ट्री तेज करने के निर्देश दिए। 54% किसान रजिस्टर्ड, बाकी कैंप से।

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