आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर देश के धनी मंदिरों में गिने जाते हैं। इस मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को कड़े नियमों से गुजरना पड़ता है। अगर आप अभी इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको तिरुपति बालाजी दर्शन के नियम 2024 के बारे में पता होना चाहिए, ताकि आप बिना किसी रुकावट के भगवान बालाजी के दर्शन आसानी से कर सकें। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको तिरुपति बालाजी दर्शन के सभी नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिनमें ऑनलाइन टिकट बुकिंग, Ticket Price, दर्शन करने का समय और दर्शन के समय किस तरह के कपड़े पहनने होते हैं, इन नियमों के साथ ही और भी बहुत सी जानकारी मिलेगी। इसलिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें, आपको सभी जानकारी मिल जाएगी।
तिरुपति बालाजी मंदिर का महत्व और स्थान
तिरुपति बालाजी मंदिर, जिसे भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर भी कहा जाता है, आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर भारत के सबसे पवित्र महत्वपूर्ण और धार्मिक स्थलों में माना जाता है यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। जो वेंकटेश्वर स्वामी को धन और समृद्धि का देवता मानते है।भक्त ऐसा विश्वास करते हुए कि भगवान बालाजी उनके दुखों का अंत करेंगे और उनकी इच्छाएं पूरी करेंगे।
तिरुपति बालाजी का महत्व:
- मंदिर निर्माण: ऐसा माना जाता है इस मंदिर को स्वयं भगवान ब्रह्मा जी ने बनवाया था।
- रहस्य: तिरुपति बालाजी मंदिर के गर्भगृह में "अनंत सुयर्जव" नामक स्थान है, जहां दिन-रात किसी भी समय सूर्य की रोशनी रहती है,
- चमत्कारिक मूर्ति: मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति को चमत्कारिक माना जाता है। मूर्ति पर लगे बाल असली और हमेशा मुलायम रहते हैं, जो कि एक अद्भुत रहस्य है। साथ ही, मंदिर में हमेशा एक दीपक जलता रहता है, जिसे कभी बुझते हुए नहीं देखा गया है। माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति जीवित है और उनकी प्रतिमा के कान से समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है।
- दान और मुंडन की परंपरा: यहां भक्त अपने बाल दान करते हैं, जिसे तिरुपति मंदिर की खास परंपरा माना जाता है। मान्यता है कि बाल दान करने से सारे पाप मिट जाते हैं और भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद मिलता है। यहाँ महिला, पुरुष, और बच्चे सभी बाल दान करते हैं, इसके अलावा यहाँ धन, सोना और कई प्रकार के उपहार भी दान किये जाते हैं।
- लड्डू प्रसादम की विशेषता: यहां के लड्डू प्रसादम का विशेष महत्व है, जो लगभग 300 साल पुरानी विधि से बनाए जाते हैं, यहाँ के लड्डूओं जैसा स्वाद किसी दूसरी जगह के लड्डू में नही हो सकता है, इन लड्डुओं को घर ले जाने की भी परंपरा है।
तिरुपति बालाजी का स्थान:
- स्थान: तिरुपति बालाजी मंदिर तिरुमाला की सात पहाड़ियों पर समुद्रतल से 3200 फीट ऊँचाई पर स्थित है, जिसे "सप्तगिरि" कहा जाता है। इन पहाड़ियों का प्राचीन काल से ही धार्मिक महत्व है।
- कैसे पहुंचें: तिरुपति शहर से तिरुमाला की पहाड़ी पर जाने के लिए सड़क मार्ग से यात्रा की जा सकती है। तिरुपति रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा, दोनों ही तिरुमाला से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। भक्तगण पैदल यात्रा भी कर सकते हैं, जिसे बहुत शुभ माना जाता है।
- पहाड़ी श्रृंखला: इसे तिरुमाला पहाड़ियाँ कहा जाता है, जो प्रकृति की गोद में बसा एक शांत और धार्मिक स्थल है।
- निकटतम शहर: तिरुपति शहर मंदिर के पास स्थित है, जो यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख सुविधा केंद्र है।
- पर्यटन और धार्मिक स्थल: तिरुपति बालाजी के दर्शन के अलावा, यहाँ के आसपास कई धार्मिक और प्राकृतिक स्थल भी है, जैसे, आकाशगंगा तीर्थम, पद्मावती मंदिर, तालकोना झरना, श्री वारी संग्रहालय, चंद्रगिरी किला, कपिल तीर्थम, श्रीकालहस्ती मंदिर, सिलाथोरनम, हिरण पार्क, आदि।
तिरुपति बालाजी के दर्शन के मुख्य नियम 2024
तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना होता है। दर्शन के दौरान पुरुषों को पारंपरिक पोशाक, जैसे कि धोती, पायजामा और ऊपरी कपड़े पहनना जरुरी है, वहीं महिलाओं को साड़ी, आधी साड़ी या चूड़ीदार के साथ ऊपरी ब्लाउज या अन्य कपड़े पहनना आवश्यक है। मंदिर में जूते चप्पल पहनकर जाना सख्त मना है और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, जैसे मोबाइल फोन, कैमरा आदि अंदर ले जाना प्रतिबंधित है। भोजन, पेय पदार्थ, मांसाहार, शराब और धूम्रपान भी मंदिर परिसर में सख्त मना है। दर्शन के दौरान शांति बनाए रखना, कतार में धैर्यपूर्वक इंतजार करना और श्रद्धापूर्वक प्रसाद स्वीकार करना चाहिए। मंदिर के अंदर फोटो खींचना, गंदगी फैलाना और भिक्षावृत्ति को प्रोत्साहित करना भी वर्जित है। इन नियमों के अलावा कुछ और भी नियम है जैसे:
क्या न करें:
- अनुपयुक्त वस्त्र पहनना मना है:पुरुषों के लिए शॉर्ट्स, टी-शर्ट, और जींस पहनना सख्त मना है।
- महिलाओं के लिए स्कर्ट, लेगिंग्स, और अंग प्रदर्शन करने वाले टॉप पहनना प्रतिबंधित है।
- मूल्यवान वस्तुएं ले जाना मना है: अत्यधिक आभूषण और नकदी लेकर मंदिर में न जाएं।
- फोटोग्राफी पर पाबंदी: मंदिर के अंदर और कुछ विशेष स्थानों पर फोटोग्राफी करने की अनुमति नहीं है।
- मांसाहारी भोजन, शराब, और धूम्रपान न करें: मंदिर परिसर में इनका सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
- गंदगी फैलाना और उपद्रव मचाना मना है: मंदिर परिसर को साफ-सुथरा बनाए रखें और गंदगी या उपद्रव से बचें।
Uttarakhand चार धाम यात्रा पूरी गाइड
श्री माता वैष्णो देवी यात्रा पर्ची, ऑनलाइन बुक करें
तिरुपति बालाजी मंदिर दर्शन अन्य नियम
- ऑनलाइन बुकिंग: दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करना सबसे अच्छा तरीका है। यह आपको कतार में लगने से बचाएगा और आपको एक निश्चित समय पर दर्शन करने का मौका मिलेगा।
- वीआईपी दर्शन: वीआईपी दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था है। इसके लिए आपको एक अनुशंसित पत्र की आवश्यकता होगी।
- शारीरिक जांच: मंदिर में प्रवेश करने से पहले सभी श्रद्धालुओं की शारीरिक जांच की जाती है।
- मोबाइल फोन और कैमरे: मंदिर के अंदर मोबाइल फोन और कैमरे ले जाना प्रतिबंधित है।
- वस्त्र: मंदिर में प्रवेश करने के लिए साफ-सुथरे कपड़े पहनना आवश्यक है।
- जूते: मंदिर में जूते पहनकर प्रवेश करना प्रतिबंधित है।
- खाना और पेय पदार्थ: मंदिर के अंदर खाना और पेय पदार्थ ले जाना प्रतिबंधित है।
- धूम्रपान: मंदिर के परिसर में धूम्रपान करना सख्त मना है।
- शोर: मंदिर में शोर करना और अशांति फैलाना प्रतिबंधित है।
- मंदिर के नियमों का पालन: मंदिर के सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
- मंदिर में भीड़: तिरुपति बालाजी मंदिर में हमेशा भीड़ रहती है, इसलिए धैर्य रखें।
- कतार में लगना: दर्शन के लिए आपको कतार में लगना पड़ सकता है।
- प्रसाद: मंदिर में प्रसाद लेना न भूलें।
- यात्रा का प्लान: यात्रा का प्लान पहले से बना लें।
- ठहरने की व्यवस्था: ठहरने की व्यवस्था पहले से कर लें।
इन नियमों का पालन करके आप तिरुपति बालाजी के दर्शन का पूरा सम्मान और आनंद प्राप्त कर सकते हैं। यह आपकी यात्रा को सुखद और पवित्र बनाने में मदद करेगा।
तिरुपति बालाजी दर्शन टाइमिंग समय सारणी
सेवा | समय | विवरण |
---|---|---|
कल्याणोत्सवम | सुबह 10 बजे से - दोपहर 12 बजे तक | कल्याणोत्सवम की विशेष पूजा |
अर्जिता ब्रह्मोत्सवम | 12:30 अपराह्न से - 2 अपराह्न तक | ब्रह्मोत्सवम पूजा सेवा |
वसंतोत्सवम | 2:30 अपराह्न से - 3 अपराह्न तक | वसंतोत्सवम की विशेष पूजा सेवा |
सहस्र दीपालंकार सेवा | शाम 5 बजे - शाम 5:30 बजे | दीपों से सजावट की पूजा |
साप्ताहिक विशेष पूजा | प्रत्येक सोमवार सुबह 6 बजे - 6:30 बजे | साप्ताहिक विशेष पूजा सेवा |
विशेष दर्शन प्रवेश | समय प्रतिदिन बदलता रहता है | विशेष दर्शन के साथ लड्डू की सुविधा |
श्रीवाणी ट्रस्ट दान दर्शन का समय
दिन | समय |
---|---|
सोमवार से बुधवार | सुबह 10:15 से - दोपहर 12:00 तक |
शनिवार और रविवार | सुबह 10:15 से - दोपहर 12:00 तक |
गुरुवार | सुबह 7:15 से - दोपहर 12:00 बजे तक |
शुक्रवार | सुबह 8:15 से - दोपहर 12:00 बजे तक |
तिरुपति बालाजी के दर्शन की प्रक्रिया कैसे पूरी करें
अमरनाथ यात्रा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन