अयोध्या में इस वर्ष दीपोत्सव 2025 (Deepotsav) की तैयारियाँ पूरे जोश-खरोश से चल रही हैं। मुख्य आकर्षण में 26 लाख से बढ़कर 28 लाख दीए प्रज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया है। अयोध्या में 19 अक्टूबर को Ayodhya Deepotsav 2025 का आयोजन होगा। इस बार सरयू घाट पर 26 लाख से अधिक दीये जलाकर गिनीज वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाने की योजना है। ट्रस्ट राम की पैड़ी और मंदिर परिसर को झालरों, फूलों और एक लाख से ज्यादा दीयों से सजाएगा। दर्शनार्थियों और कर्मचारियों को विशेष प्रसाद वितरित किया जाएगा।
161 फीट ऊंचे शिखर पर फहरेगी केसरिया धर्म ध्वजा
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को राम विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर केसरिया धर्म ध्वजा फहराएंगे। यह ध्वज 161 फीट ऊंचे स्वर्णमंडित शिखर पर स्थापित किया जाएगा।
- ध्वज का स्वरूप: यह केसरिया रंग का होगा, जिसकी लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी।
- प्रतीक चिन्ह: ध्वज पर सूर्यवंश के प्रतीक सूर्य, अयोध्या के राजचिह्न कोविदार वृक्ष और ओंकार चिह्न अंकित रहेंगे, जो धर्म, शक्ति और सत्य का प्रतीक होंगे।
- समारोह: 21 नवंबर से पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान शुरू होंगे, जिनकी पूर्णाहुति 25 नवंबर को ध्वजारोहण के साथ होगी। इस दौरान आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत भी उपस्थित रहेंगे।
दीपोत्सव में ऑनलाइन जलाएं श्रद्धा का दीया
अयोध्या में 19 अक्टूबर को होने वाले दीपोत्सव के लिए भव्य तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस बार 26 लाख से अधिक दीये प्रज्वलित करने का लक्ष्य है। जो श्रद्धालु दीपोत्सव में भाग नहीं ले सकते, उनके लिए अयोध्या तीर्थ विकास परिषद ने वर्चुअल दीया प्रज्वलित करने की सुविधा दी है।
श्रद्धालु जो Deepotsav में physically नहीं पहुंच सकते, वे virtual diya प्रज्वलित कर सकते हैं। अयोध्या तीर्थ विकास परिषद ने 'दिव्य अयोध्या' ऐप के जरिए तीन पैकेज लॉन्च किए हैं: राम ज्योति (2100 रुपये), सीता ज्योति (1100 रुपये) और लक्ष्मण ज्योति (501 रुपये)। इनमें सरयू जल, रामदाना, लड्डू जैसे प्रसाद घर पहुंचाए जाएंगे।
- ऑनलाइन पैकेज: श्रद्धालु दिव्य अयोध्या एप्लीकेशन (एप) के माध्यम से 'राम ज्योति', 'सीता ज्योति' और 'लक्ष्मण ज्योति' पैकेज लेकर ऑनलाइन दीया जला सकते हैं।
- प्रसाद वितरण: पैकेज लेने पर श्रद्धालुओं को रोली, सरयू जल, रामदाना, रक्षा सूत्र और हनुमान गढ़ी के लड्डू जैसे प्रसाद घर तक पहुंचाए जाएंगे।
- रामलला का धाम: रामलला के धाम को भी एक लाख से अधिक दीयों, झालरों और फूलों से सजाया जाएगा। ट्रस्ट दर्शनार्थियों और कर्मियों को प्रसाद भी वितरित करेगा।
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वैकल्पिक गर्भगृह का निर्माण तेज़
राम मंदिर निर्माण के साथ ही रामलला के लिए वैकल्पिक गर्भगृह का निर्माण भी तेज़ी से चल रहा है। इसके अलावा, रामलला के alternative garbhagriha का निर्माण तेजी से चल रहा है। प्लिंथ बीम की ढलाई पूरी हो चुकी है और जल्द छत बनेगी। 14 स्तंभों पर लकड़ी और अनब्रेकेबल ग्लास से ढकी यह संरचना श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक स्थल के दर्शन कराएगी। ट्रस्ट ने इसे कंक्रीट से बनवाया है, बिना किसी डेडलाइन के।
- उद्देश्य: इसका निर्माण उस स्थान को सुरक्षित करने के लिए किया जा रहा है, जहां राम मंदिर निर्माण शुरू होने से पहले 25 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला को प्रतिष्ठित किया था।
- स्वरूप: यह स्थल पुलिस चौकी और मंदिर के परकोटे के पास स्थित है। गर्भगृह को लकड़ी के स्तंभों और अनब्रेकेबल ग्लास (न टूटने वाले शीशे) से ढका जाएगा, जिससे श्रद्धालु संबंधित स्थल का दर्शन कर सकेंगे।
- निर्माण कार्य: निर्माण का कार्य लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को सौंपा गया है और प्लिंथ बीम की ढलाई पूरी हो चुकी है।
देश का पहला रामायण आधारित वैक्स म्यूजियम
दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या में रामायण आधारित देश का पहला मोम संग्रहालय (वैक्स म्यूजियम) भी बनकर तैयार हो गया है। एक और आकर्षण होगा देश का पहला Ramayana wax museum, जो रामघाट क्षेत्र में तैयार हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Deepotsav पर इसका उद्घाटन कर सकते हैं। म्यूजियम में रामायण के 50 से अधिक पात्रों की मोम की मूर्तियां होंगी, जिसमें राम, सीता, लक्ष्मण और रावण शामिल हैं। यह Ayodhya tourism 2025 को नई ऊंचाई देगा।
- लोकार्पण: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस म्यूजियम का लोकार्पण कराने की तैयारी है।
- थीम: इस म्यूजियम में भगवान श्रीराम के बाल्यकाल से लेकर लंका में रावण युद्ध तक के प्रसंगों पर आधारित मोम की आकृतियां प्रदर्शित होंगी।
- स्थान और निर्माण: यह रामघाट क्षेत्र में स्थित है और केरल की सुनील वैक्स म्यूजियम कंपनी ने इसे तैयार किया है।
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25 नवंबर से खुलेंगे परकोटे के मंदिरों के दर्शन
धर्म ध्वजारोहण समारोह की तिथि 25 नवंबर को मंदिर निर्माण की पूर्णता की घोषणा होगी। इसी दिन से आम श्रद्धालुओं के लिए परकोटे (परिसर की बाहरी दीवार) के सभी छह मंदिरों और शेषावतार मंदिर के साथ कुबेर टीला स्थित कुबेरेश्वर नाथ महादेव का दर्शन भी शुरू हो जाएगा। ट्रस्ट पास प्रणाली के तहत श्रद्धालुओं के प्रवेश की व्यवस्था पर काम कर रहा है।
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