हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख आते ही, लोगों में एक हलचल मच जाती है। वेबसाइट क्रैश हो जाती हैं, सीए की फीस आसमान छू लेती है और आप सोचने लगते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न कैसे भरते हैं, तो चिंता न करें, इस ब्लॉग में हम आपको सरल तरीके से समझाएंगे कि Income Tax Return Kaise Bhara Jata Hai और इसे भरने के लिए आपको किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
सबसे पहले, यह समझना महत्वपूर्ण है कि आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख कब है, ताकि आप समय पर अपना रिटर्न दाखिल कर सकें और किसी भी प्रकार की पेनल्टी से बच सकें। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि Income Tax Return Kaise Check Karen ताकि आप सुनिश्चित कर सकें कि आपका रिटर्न सही तरीके से दाखिल हुआ है या नहीं। सही दिशा-निर्देश और आवश्यक जानकारी के साथ, आप न केवल अपने टैक्स रिटर्न को समय पर दाखिल कर पाएंगे, बल्कि टैक्स बचत के विभिन्न उपायों को भी जान सकेंगे। तो आइए, इस महत्वपूर्ण और अनिवार्य प्रक्रिया को आसान और सरल बनाएं, और खुद को तनावमुक्त रखें।
इनकम टैक्स रिटर्न 2025: महत्वपूर्ण तारीखें और नए नियम
वित्तीय वर्ष 2024-25 (असेसमेंट वर्ष 2025-26) के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है। हालांकि, आयकर विभाग कई बार इस तारीख को बढ़ा देता है, खासकर अगर तकनीकी समस्याएं या अन्य कारण हों। इसलिए, नवीनतम अपडेट के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से जांच करें।
2025 में कुछ नए नियम लागू हो सकते हैं, जैसे:
- नई टैक्स व्यवस्था: नई टैक्स व्यवस्था में कम टैक्स स्लैब लेकिन कम छूट का विकल्प है। पुरानी व्यवस्था में आप धारा 80C, 80D आदि के तहत छूट ले सकते हैं।
- फॉर्म 26AS का अपडेट: अब फॉर्म 26AS में आपकी सभी वित्तीय लेनदेन की जानकारी (जैसे म्यूचुअल फंड, शेयर, संपत्ति खरीद) शामिल होती है।
- प्री-फिल्ड ITR फॉर्म: आयकर पोर्टल अब प्री-फिल्ड डेटा (वेतन, TDS, ब्याज आदि) प्रदान करता है, जिससे फाइलिंग आसान हो गई है।
इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए, अपनी आय और निवेश के आधार पर सही ITR फॉर्म चुनना जरूरी है।
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विभिन्न ITR फॉर्म्स: आपके लिए कौन सा सही है?
आयकर विभाग ने अलग-अलग आय स्रोतों और व्यक्तियों के लिए विभिन्न ITR फॉर्म्स बनाए हैं। 2025 के लिए मुख्य फॉर्म्स इस प्रकार हैं:
- ITR-1 (सहज): यह फॉर्म वेतनभोगियों, पेंशनभोगियों, या 50 लाख रुपये तक की आय (वेतन, एक मकान की संपत्ति, या अन्य स्रोतों जैसे ब्याज से) वालों के लिए है।
- ITR-2: जिनके पास पूंजीगत लाभ (शेयर, म्यूचुअल फंड, संपत्ति बिक्री), विदेशी आय, या एक से अधिक संपत्तियों की आय है, उनके लिए।
- ITR-3: व्यवसाय या पेशेवर आय (जैसे फ्रीलांसर, सलाहकार, या दुकानदार) वालों के लिए।
- ITR-4 (सुगम): छोटे व्यवसायी या फ्रीलांसर जो प्रेजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम चुनते हैं, उनके लिए।
अपनी आय के स्रोत और जटिलता के आधार पर सही फॉर्म चुनें। अगर आपको यकीन न हो, तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लें।
ITR फाइल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
ITR दाखिल करने से पहले सभी जरूरी दस्तावेज तैयार कर लें। यह प्रक्रिया को तेज और त्रुटि-मुक्त बनाएगा। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सूची है:
- पैन कार्ड: ITR फाइलिंग के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। सुनिश्चित करें कि आपका पैन आधार से लिंक है।
- आधार कार्ड: आधार-पैन लिंकिंग अनिवार्य है, और यह रिटर्न सत्यापन के लिए OTP प्राप्त करने में मदद करता है।
- फॉर्म 16: अगर आप वेतनभोगी हैं, तो आपका नियोक्ता आपको फॉर्म 16 देगा, जिसमें आपकी वेतन और TDS की जानकारी होगी।
- फॉर्म 26AS: यह आपकी आय, TDS, और अन्य टैक्स भुगतानों का रिकॉर्ड होता है। इसे आयकर पोर्टल से डाउनलोड करें।
- बैंक स्टेटमेंट: बैंक खाते में लेनदेन और ब्याज आय की जानकारी के लिए।
- निवेश के प्रमाण: टैक्स छूट के लिए PPF, ELSS, मेडिकल इंश्योरेंस, या होम लोन ब्याज के दस्तावेज।
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी: OTP और नोटिफिकेशन के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल और ईमेल जरूरी हैं।
प्रो टिप: फाइलिंग से पहले फॉर्म 26AS डाउनलोड करें और अपनी आय व TDS की जानकारी मिलाएं। इससे गलतियों की संभावना कम होगी।
ITR फाइल करते समय सामान्य गलतियाँ और उनसे बचने के तरीके
ITR फाइल करना आसान है, लेकिन छोटी-छोटी गलतियाँ आपकी परेशानी बढ़ा सकती हैं। यहाँ कुछ सामान्य गलतियाँ और उनसे बचने के टिप्स हैं:
- गलत ITR फॉर्म चुनना: अपनी आय के स्रोत के आधार पर सही फॉर्म चुनें। उदाहरण के लिए, अगर आपके पास शेयरों से आय है, तो ITR-1 की जगह ITR-2 चुनें।
- आय की जानकारी छुपाना: सभी आय स्रोत (वेतन, ब्याज, किराया, पूंजीगत लाभ) घोषित करें। आयकर विभाग फॉर्म 26AS और AIS (Annual Information Statement) से आपकी आय ट्रैक करता है।
- TDS का मिलान न करना: फॉर्म 26AS में दिखाए गए TDS को अपनी आय के साथ मिलाएं। गड़बड़ होने पर रिफंड में देरी हो सकती है।
- गलत बैंक विवरण: रिफंड के लिए सही खाता नंबर और IFSC कोड दें। गलत विवरण से रिफंड अटक सकता है।
- आखिरी समय पर फाइलिंग: अंतिम तारीख से पहले रिटर्न दाखिल करें, क्योंकि वेबसाइट क्रैश या तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं।
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कर देनदारी का सही अंदाजा: ITR भरने से आप अपनी कर देनदारी का सही अंदाजा लगा सकते हैं और अधिक कर चुकाने से बच सकते हैं।
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टैक्स बचाने में मदद: ITR में विभिन्न कटौतियों और छूटों का लाभ उठाकर आप कर बचा सकते हैं।
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बैंक ऋण और वित्तीय लेनदेन में आसानी: ITR अक्सर बैंक ऋण और वित्तीय लेनदेन के लिए आवश्यक दस्तावेज होता है।
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कर विभाग के साथ पारदर्शिता: ITR भरने से आप कर विभाग के साथ पारदर्शिता बनाए रखते हैं।
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भविष्य के लिए फायदेमंद: ITR आपके वित्तीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो भविष्य में आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, जैसे कि विदेशी यात्रा के लिए वीजा प्राप्त करने में।
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सरकारी योजनाओं का लाभ: कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ITR आवश्यक हो सकता है।
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मानसिक शांति: ITR भरने से आपको कर देनदारी को लेकर मानसिक शांति मिलती है।
इन फायदों के अलावा, ITR भरना एक कानूनी दायित्व भी है।
इनकम टैक्स रिटर्न ना भरने के नुकसान:
- जुर्माना और ब्याज: आयकर रिटर्न दाखिल न करने पर जुर्माना और ब्याज देना पड़ सकता है।
- कर निर्धारण: आयकर विभाग अपनी ओर से आपकी आय का अनुमान लगा सकता है, जिससे कर देयता बढ़ सकती है।
- रिफंड में देरी: यदि रिफंड प्राप्त करने का हक है, तो इसके मिलने में देरी हो सकती है अगर आपने आयकर रिटर्न नहीं भरा।
- कानूनी कार्रवाई: आयकर विभाग कानूनी कार्रवाई के लिए आपके खिलाफ कदम उठा सकता है।
- फिनेंशियल प्रोफाइल में बाधा: आपकी वित्तीय प्रोफाइल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इन नुकसानों से बचने के लिए समय पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरना अत्यंत महत्वपूर्ण है।