छत्तीसगढ़ गौधाम योजना: गौसेवकों को हर महीने ₹13,126, जानिए आवेदन प्रक्रिया

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और पशुधन संरक्षण को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने गौधाम योजना छत्तीसगढ़ की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह योजना 2025 में लॉन्च हुई, जो निराश्रित गौवंश की सुरक्षा, नस्ल सुधार और जैविक खेती को बढ़ावा देती है। अगर आप किसान हैं या पशुपालन से जुड़े हैं, तो यह योजना आपके लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आई है। इस ब्लॉग में हम योजना की पूरी डिटेल्स, लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे। साथ ही, पशुधन विकास योजना छत्तीसगढ़ और CG गौ सेवा आयोग की भूमिका भी समझेंगे।

छत्तीसगढ़ गौधाम योजना: गौसेवकों को हर महीने ₹13,126, जानिए आवेदन प्रक्रिया

गौधाम योजना क्या है?

गौधाम योजना छत्तीसगढ़ एक महत्वाकांक्षी पहल है, जो राज्य में आवारा पशुओं की समस्या को हल करने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने पर फोकस करती है। योजना के तहत गौधाम (गौशालाओं जैसे केंद्र) स्थापित किए जा रहे हैं, जहां निराश्रित गौवंश को रखा जाएगा। यह योजना पशुधन संरक्षण के साथ-साथ रोजगार सृजन पर जोर देती है। 2025 में शुरू हुई इस योजना का बजट और नियम तय हो चुके हैं, और पहले चरण में राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास के गांवों में गौधाम बनाए जा रहे हैं।

रिसर्च से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं और फसल नुकसान की वजह से हर साल हजारों पशु और इंसान प्रभावित होते हैं। यह योजना इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए डिजाइन की गई है, जिसमें CG गौ सेवा आयोग मुख्य भूमिका निभा रहा है।

योजना के क्रियान्वयन का ढांचा (संक्षिप्त सारणी)

फ़ीचर

लाभ/विवरण

अधिकतम पशु प्रति गौधाम

200

चरवाहा मानदेय

₹10,916 प्रतिमाह

गौसेवक मानदेय

₹13,126 प्रतिमाह

चारा सहायता (एकड़/पाँच एकड़)

₹47,000 / ₹2,85,000

उत्कृष्ट गौधाम राशि (1st-4th वर्ष)

₹10-₹35 प्रतिदिन प्रति पशु

चयन प्रक्रिया

प्रशासन+ गौ सेवा आयोग

प्रशिक्षिण केंद्र

गौ उत्पाद निर्माण और विक्रय

गौधाम योजना के मुख्य उद्देश्य

यह योजना सिर्फ पशु संरक्षण तक सीमित नहीं है। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • गौवंशीय पशुओं का वैज्ञानिक तरीके से संरक्षण और नस्ल सुधार।
  • अवैध पशु तस्करी और घुमंतु पशुओं की सुरक्षा।
  • जैविक खेती, चारा विकास और गौ-आधारित उत्पादों (जैसे गोबर से खाद, अगरबत्ती) को बढ़ावा।
  • ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन, खासकर चरवाहों और गौसेवकों के लिए।
  • फसल नुकसान और सड़क दुर्घटनाओं को कम करना।

पशुधन विकास योजना छत्तीसगढ़ के तहत यह योजना एकीकृत रूप से काम कर रही है, जहां प्रत्येक गौधाम में अधिकतम 200 पशु रखे जा सकते हैं।

और भी योजनाओं की जानकारी

गौधाम योजना के फायदे: मानदेय और अन्य लाभ

गौधाम योजना कई मायनों में ग्रामीणों और पशुधन के लिए लाभकारी है। इसके कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:

नियमित मासिक मानदेय: यह योजना गौसेवकों और चरवाहों के लिए आय का एक स्थायी स्रोत सुनिश्चित करती है।

  • चरवाहों को: प्रतिमाह ₹10,916 का मानदेय।
  • गौसेवकों को: प्रतिमाह ₹13,126 का मानदेय।

पशुओं के लिए आर्थिक सहायता: गौधाम के बेहतर रखरखाव के लिए सरकार हर पशु के लिए दैनिक राशि देगी। यह राशि हर साल बढ़ती जाएगी।

  • पहले साल: ₹10 प्रति पशु प्रतिदिन।
  • दूसरे साल: ₹20 प्रति पशु प्रतिदिन।
  • तीसरे साल: ₹30 प्रति पशु प्रतिदिन।
  • चौथे साल: ₹35 प्रति पशु प्रतिदिन।

चारा विकास के लिए प्रोत्साहन: गौधाम से सटी सरकारी ज़मीन पर चारा उगाने के लिए भी आर्थिक मदद दी जाएगी।

  • 1 एकड़ पर: ₹47,000 की सहायता।
  • 5 एकड़ पर: ₹2,85,000 की सहायता।

प्रशिक्षण और उद्योग: गौधामों को एक प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा, जहाँ ग्रामीण गोबर और गौमूत्र से खाद, अगरबत्ती, दीये, और अन्य उत्पाद बनाना सीखेंगे। इससे वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकेंगे।:

लाभ बकरी पालन योजना छत्तीसगढ़ जैसी अन्य योजनाओं से जुड़कर पशुधन क्षेत्र को मजबूत बनाते हैं। योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी और रोजगार बढ़ेगा।

चारा विकास और इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा

गौधाम योजना का एक अहम पहलू है हरे चारे का उत्पादन और भंडारण। सरकार इसके लिए वित्तीय सहयोग देती है, ताकि पूरे वर्ष पशुओं को पर्याप्त चारा मिल सके। इसके अंतर्गत:

  • हरे चारे की खेती के लिए भूमि उपलब्ध कराना
  • बीज, खाद, और सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना
  • चारा काटने और भंडारण मशीन की व्यवस्था
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना

योजना में आवेदन कौन कर सकता है?

गौधाम योजना में आवेदन के पात्र वे संस्थाएं हैं जो पशुधन संरक्षण और प्रबंधन में सक्रिय हों। इनमें शामिल हैं:

  • पंजीकृत गौशालाएं
  • आवेदक छत्तीसगढ़ का स्थायी निवासी हो।
  • गौशालाएं, एनजीओ, ट्रस्ट, किसान उत्पादक कंपनियां या सहकारी समितियां संचालन के लिए आवेदन कर सकती हैं।
  • निराश्रित या जब्त पशुओं की देखभाल करने वाले व्यक्ति/संस्था।
  • CG गौ सेवा आयोग में पंजीकृत होना।
  • सरकारी भूमि पर सुरक्षित बाड़ा, पानी और बिजली की सुविधा उपलब्ध हो।

बकरी पालन योजना छत्तीसगढ़ से जुड़े किसान भी इसमें शामिल हो सकते हैं, अगर वे पशुधन विकास में रुचि रखते हैं।

आवेदन प्रक्रिया

आवेदन सरल है और CG राज्या गौ सेवा आयोग रायपुर के माध्यम से होता है:

  1. जिला प्रशासन या CG गौ सेवा आयोग की वेबसाइट पर जाएं।
  2. आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें या ऑफलाइन जिला पशुधन विकास विभाग में जमा करें।
  3. आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, भूमि प्रमाणपत्र, संस्था का पंजीकरण, बैंक डिटेल्स।
  4. जिला समिति आवेदनों का मूल्यांकन करेगी और चयनित संस्था को अनुमति देगी।
  5. अनुमोदन के बाद करार होगा और संचालन शुरू।

ऑनलाइन पोर्टल (cgstate.gov.in या समकक्ष) पर ट्रैकिंग सुविधा उपलब्ध है। पहले चरण में राजमार्गों के पास के गांवों को प्राथमिकता।

गौधाम योजना बनाम गौठान योजना: मुख्य अंतर

कई लोगों को लग सकता है कि गौधाम योजना, कांग्रेस सरकार की गौधन न्याय योजना (जिसके तहत गौठान बनाए गए थे) जैसी ही है। लेकिन दोनों योजनाओं में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं, जिन्हें नीचे दी गई तालिका में समझाया गया है:

विशेषता

गौधाम योजना

गौठान योजना

लक्ष्य पशु

केवल निराश्रित और घुमंतू गौवंश।

गाँव के पालतू पशु भी रह सकते थे।

गोबर खरीदी

गोबर की खरीदी नहीं होगी, चरवाहा स्वयं उपयोग करेगा।

₹2 प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदा जाता था।

मानदेय तय करना

मानदेय सरकार द्वारा तय और दिया जाएगा।

गाँव की समिति मानदेय तय करती थी।

उद्देश्य

पशु संरक्षण, नस्ल सुधार और रोजगार पर फोकस।

गोबर खरीदी और केंचुआ खाद उत्पादन पर ज्यादा जोर।

CG गौ सेवा आयोग की भूमिका

CG गौ सेवा आयोग (Raipur) योजना का मुख्य संचालक है। यह पंजीकरण, चयन और निगरानी करता है। आयोग पशुधन विकास योजना छत्तीसगढ़ के तहत गौशालाओं को प्राथमिकता देता है और ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाता है। अधिक जानकारी के लिए cg dprc की वेबसाइट विजिट करें।

धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान

FAQs

प्रश्न: गौधाम योजना छत्तीसगढ़ कब शुरू हुई?

उत्तर: 2025 में, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा।

प्रश्न: क्या बकरी पालन योजना छत्तीसगढ़ से जुड़ी है?

उत्तर: हां, पशुधन विकास के तहत यह पूरक है।

प्रश्न: आवेदन कहां करें?

उत्तर: जिला प्रशासन या CG गौ सेवा आयोग में।

यह योजना छत्तीसगढ़ के किसानों और ग्रामीणों के लिए सुनहरा अवसर है। अगर आपको पसंद आया, तो शेयर करें और कमेंट में अपनी राय बताएं। लेटेस्ट अपडेट्स के लिए सब्सक्राइब करें!

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