अगस्त 2025: अगर किसी की मौत हो जाए और उसका बैंक खाता या लॉकर में पैसा और सामान फंस जाए, तो अब परिजनों को लंबी-चौड़ी परेशानी से नहीं जूझना पड़ेगा! भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक शानदार फैसला लिया है, जिससे मृतक के खाते से पैसे या लॉकर से सामान निकालना बेहद आसान हो जाएगा। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को बताया कि अब एक ही तरह की साफ-सुथरी प्रक्रिया होगी, ताकि परिवारवाले बिना झंझट पैसा हासिल कर सकें।
मृतक खातों से पैसे निकालने का नया आसान तरीका
RBI हर बैंक के लिए एक जैसा नियम लाने जा रहा है, ताकि परिजनों को कानूनी उलझनों से निपटने की जरूरत न पड़े। अभी तक अलग-अलग बैंकों के अलग-अलग नियम और नामिनी न होने पर दिक्कतें होती थीं। अब ये होगा:
- नामिनी के लिए खुशी की खबर: अगर नामिनी है, तो सिर्फ मृत्यु प्रमाणपत्र और ID प्रूफ से पैसा मिलेगा।
- नामिनी नहीं तो भी परेशानी नहीं: अगर नामिनी नहीं है, तो बैंक 15 लाख रुपये तक की रकम बिना ज्यादा कागजों के दे देगा।
- बड़ी रकम के लिए थोड़ा इंतजार: 15 लाख से ज्यादा के दावे के लिए उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र या कोर्ट का ऑर्डर चाहिए होगा।
- फिक्स्ड डिपॉजिट में राहत: खाताधारक की मौत पर फिक्स्ड डिपॉजिट को लॉक-इन पीरियड में भी तोड़ा जा सकेगा, ताकि परिवार को तुरंत पैसा मिले।
- केवल 3 दस्तावेज काफी: नामिनी या जॉइंट अकाउंट होल्डर के लिए क्लेम फॉर्म, डेथ सर्टिफिकेट, और ID प्रूफ से काम चल जाएगा।
ये बदलाव जल्द ही लागू होगा, और इसके लिए RBI एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी करेगा, जिसमें लोगों की राय भी ली जाएगी। इससे परिवारों को तुरंत राहत मिलने की उम्मीद है!
अब सिर्फ 3 दस्तावेज में पूरा होगा क्लेम
अगर मृतक खाताधारक के खाते में पहले से नॉमिनी दर्ज है या खाता ज्वाइंट अकाउंट के रूप में है, तो अब क्लेम के लिए केवल ये 3 दस्तावेज ही काफी होंगे:
- बैंक का क्लेम फॉर्म
- मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate)
- नॉमिनी/ज्वाइंट अकाउंट होल्डर का वैध पहचान पत्र
RBI का नियम: मृतक ग्राहकों के दावों का निपटान बैंक 15 दिनों के अन्दर करें
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मृतक ग्राहकों के बैंक खातों या लॉकर से जुड़े दावों को सिर्फ 15 दिनों के अंदर सुलझाया जाए। इस कदम का उद्देश्य परिवारों को त्वरित राहत प्रदान करना और प्रक्रिया को सरल बनाना है। RBI ने इसके लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) विकसित करने का प्रस्ताव रखा है, जो सभी बैंकों पर लागू होगी।
केंद्रीय बैंक ने 'भारतीय रिजर्व बैंक (बैंकों के मृत ग्राहकों के संबंध में दावों का निपटान) निर्देश, 2025' का ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है। इस पर 27 अगस्त तक जनता से सुझाव मांगे गए हैं। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- मानकीकृत फॉर्म और दस्तावेज: बैंकों को दावों के लिए स्टैंडर्ड फॉर्म अपनाने होंगे, जो सभी शाखाओं और वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। वेबसाइट पर जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट और प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी भी डाली जाएगी।
- समयसीमा का पालन: दावे से जुड़े सभी दस्तावेज मिलने के 15 कैलेंडर दिनों के अंदर निपटान करना जरूरी। लॉकर या जमा से संबंधित दावों के लिए भी यही नियम लागू।
- नॉमिनी के लिए आसान प्रक्रिया: अगर नॉमिनी नामित है, तो सिर्फ क्लेम फॉर्म, मृत्यु प्रमाण-पत्र और नॉमिनी का वैध आईडी प्रूफ जमा करना होगा।
- देरी पर मुआवजा: अगर बैंक की वजह से देरी होती है, तो दावेदार को ब्याज के रूप में компенса प्रदान किया जाएगा। यह विलंबित राशि पर बैंक की मौजूदा दर से कम से कम 4% अतिरिक्त होगा।
- बिना नॉमिनी वाले मामलों में सुविधा: जहां नॉमिनी नहीं है, वहां बैंक अपनी जोखिम प्रबंधन नीति के आधार पर कम से कम 15 लाख रुपये तक के दावों को सरल प्रक्रिया से निपटाएंगे।
- देरी के कारण बताना अनिवार्य: अगर समयसीमा का पालन नहीं होता, तो बैंक को दावेदार को वजह बतानी होगी।
यह अपडेट मृतक परिवारों की मुश्किलों को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, खासकर जब पहले महीनों की देरी आम थी। इससे बैंकिंग सिस्टम अधिक पारदर्शी और ग्राहक-अनुकूल बनेगा। अगर आपका कोई सवाल है या अधिक जानकारी चाहिए, तो RBI की आधिकारिक वेबसाइट चेक करें।
बैंकिंग और दस्तावेज़ संबंधी ज़रूरी जानकारी
- क्या आप जानते हैं, किसी की मृत्यु के बाद आधार कार्ड कैसे बंद किया जाता है?
- मृतक के खाते से पैसे निकालने की सही प्रक्रिया यहां जानें
निवेश और गांवों तक पैसा पहुंचाने की बड़ी योजना
RBI गवर्नर ने आम लोगों के लिए निवेश को भी आसान करने का ऐलान किया है। अब आप रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर जाकर ट्रेजरी बिल में SIP के जरिए पैसा लगा सकते हैं। इससे बचत खाते के 2-3% ब्याज से ज्यादा मुनाफा मिलेगा—क्या बात है!
इसके अलावा, जनधन योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए खास कैंप लगाए जाएंगे। जुलाई से शुरू ये कैंप सितंबर 2025 तक चलेंगे, जहां नए खाते खोले जाएंगे, केवाईसी अपडेट होगा, और माइक्रोफाइनेंस व इंश्योरेंस की सुविधा भी मिलेगी। हर बैंक को इसमें हिस्सा लेना होगा—देखते हैं कितना असर दिखता है!
आने वाले दिनों में और क्या-क्या होगा?
मल्होत्रा ने हिंट दिया कि अगले साल ब्याज दरों में कटौती हो सकती है, लेकिन ये महंगाई और दुनिया की हालत पर निर्भर करेगा। रेपो रेट 5.5% पर स्थिर रखने का फैसला आर्थिक संतुलन के लिए लिया गया है। साथ ही, माइक्रोफाइनेंस और असुरक्षित लोन की गुणवत्ता पर नजर रखी जा रही है, और जरूरत पड़ने पर कदम उठाए जाएंगे।
ये बदलाव न सिर्फ मृतक खातों से पैसे निकालने में मदद करेंगे, बल्कि गांव-गांव तक पैसा पहुंचाने और निवेश को बढ़ावा देने में भी बड़ा रोल निभाएंगे। तो तैयार रहें, ये कदम आपकी जिंदगी आसान बनाने वाला है!
नॉमिनी नहीं? फिर भी मिलेगा पैसा
अगर खाते में नॉमिनी नहीं है और न ही ज्वाइंट अकाउंट है, तो भी बैंक एक निश्चित सीमा तक रकम बिना ज्यादा दस्तावेज के दे सकेंगे। यह सीमा कम से कम 15 लाख रुपये होगी।
- 15 लाख से ज्यादा के क्लेम पर कानूनी दस्तावेज जैसे उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र या कोर्ट का आदेश जरूरी होगा।
- मृतक के नाम आने वाले भविष्य के भुगतान (जैसे पेंशन, ब्याज) के लिए परिवार से सहमति पत्र भी लिया जा सकेगा।
पेंशन योजनाओं की अहम खबरें
- निराश्रित महिला पेंशन योजना से जुड़ी पूरी जानकारी पढ़ें
- वृद्धावस्था पेंशन योजना यूपी की नई सूची देखें
फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी बदलाव
RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि खाते खोलते समय यह स्पष्ट किया जाए कि खाताधारक की मृत्यु होने पर फिक्स्ड डिपॉजिट समय से पहले तोड़ा जा सकता है, चाहे वह लॉक-इन अवधि में हो। इससे परिवार को तुरंत आर्थिक मदद मिल सकेगी।
RBI के अन्य बड़े ऐलान
- सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश आसान: अब खुदरा निवेशक रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रेजरी बिल में SIP के माध्यम से निवेश कर सकेंगे।
- वित्तीय समावेशन अभियान: सभी बैंकों को ग्रामीण पंचायतों में कैंप लगाकर नए जनधन खाते खोलने और KYC अपडेट करने के निर्देश।
- ब्याज दरें स्थिर: RBI ने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया, लेकिन अगले साल दरों में कटौती का संकेत दिया।
क्यों है ये बदलाव जरूरी?
पहले मृतक खाताधारक के खाते या लॉकर का क्लेम करने में महीनों लग जाते थे और कई बार परिवार को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते थे। RBI का यह कदम लाखों परिवारों को तेजी से आर्थिक राहत दिलाने में मदद करेगा, खासकर आपात स्थितियों में।
आप क्या करें?
- अपने बैंक खाते में नॉमिनी जरूर जोड़ें।
- जरुरी डॉक्युमेंट्स और वसीयत (Will) तैयार रखें।
- परिवार को बताएं कि ये कागजात कहां सुरक्षित रखे हैं।
निष्कर्ष:
RBI का नया नियम बैंकिंग सिस्टम को और पारदर्शी व आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब मृतक के परिवार को पैसा पाने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा और सिर्फ 3 दस्तावेजों में क्लेम निपट जाएगा।