सरकारी योजनाओं को चलाने और उनके लाभार्थियों तक पैसा पहुँचाने की प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव आया है। पहले जहाँ पीएफएमएस (PFMS) पोर्टल का इस्तेमाल होता था, वहीं अब केंद्र सरकार ने
SNA स्पर्श (SNA SPARSH) नाम की एक नई और उन्नत प्रणाली लागू की है। यदि आप किसी सरकारी योजना से जुड़े हैं, एक पंचायत कर्मचारी हैं, या केवल यह जानना चाहते हैं कि सरकारी पैसा अब कैसे जारी होता है, तो यह लेख आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
आज हम बात करेंगे SNA Sparsh kya hai के बारे में। भारत सरकार की यह एक महत्वपूर्ण पहल है जो सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम्स (CSS) के फंड्स को कुशलतापूर्वक मैनेज करती है। अगर आप उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों में सरकारी विभागों से जुड़े हैं, तो SNA Sparsh full form in hindi, login process और guidelines जानना जरूरी है।
यह सिस्टम PFMS (Public Financial Management System) से जुड़ा हुआ है और फंड्स को "जस्ट-इन-टाइम" रिलीज करने में मदद करता है। आइए विस्तार से समझते हैं।
SNA स्पर्श क्या है? (What is SNA SPARSH?)
SNA Sparsh भारत सरकार की एक ऐसी डिजिटल प्रणाली है जो सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम्स (जैसे स्वच्छ भारत मिशन, PMAY, PMGSY आदि) के फंड्स को राज्य सरकारों और इंप्लीमेंटिंग एजेंसियों तक तेजी से पहुंचाती है। यह सिंगल नोडल एजेंसी (SNA) मॉडल पर आधारित है, जहां फंड्स अनावश्यक रूप से बैंक अकाउंट्स में नहीं पड़े रहते। बल्कि, जब जरूरत हो तभी रिलीज होते हैं।
यह प्रणाली PFMS, राज्य IFMIS (Integrated Financial Management System) और RBI के e-Kuber से जुड़ी हुई है। इसका मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, फंड्स की बर्बादी रोकना और वित्तीय अनुशासन बनाए रखना है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में sna sparsh up gov in पोर्टल के जरिए विभाग बिल कंसोलिडेशन, PEI क्रिएट और पेमेंट प्रोसेस करते हैं। 2024-25 में 28 से ज्यादा CSS स्कीम्स इसमें शामिल हो चुकी हैं, और नवंबर 2025 से सभी CSS फंड्स इसी से रिलीज होंगे।
यह प्रणाली राज्य सरकारों को फंड्स की ट्रैकिंग, बिल अप्रूवल और बेनिफिशरी पेमेंट में मदद करती है। अगर आप सरपंच, विभागीय अधिकारी या स्टूडेंट हैं (जैसे UPSC preparation के लिए), तो यह जानना जरूरी है कि SNA Sparsh फंड लीकेज को रोकता है और सालाना करोड़ों की बचत करता है।
SNA SPARSH का फुल फॉर्म (Full Form of SNA SPARSH)
SNA Sparsh Full Form in Hindi SNA SPARSH का पूरा नाम है:
- SNA: सिंगल नोडल एजेंसी (Single Nodal Agency)
- SPARSH: समयोचित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण (Samayochit Pranali Ekikrut Sheeghra Hastantaran)
अंग्रेजी में इसे Real Time System of Integrated Quick Transfers कहते हैं। SNA का मतलब Single Nodal Agency है, जो हर CSS स्कीम के लिए एक सिंगल अकाउंट रखता है। Sparsh हिस्सा फंड ट्रांसफर की स्पीड और इंटीग्रेशन पर फोकस करता है। हिंदी में full form जानने से UPSC या सरकारी exams में मदद मिलती है, क्योंकि यह हालिया वित्तीय सुधारों का हिस्सा है।
SNA स्पर्श मॉडल क्यों लागू किया गया?
इस नई प्रणाली को लागू करने के पीछे कई ठोस कारण हैं, जो पुरानी व्यवस्था की कमियों को दूर करते हैं:
- फंड का दुरुपयोग रोकना: कई बार राज्य सरकारें केंद्र से मिला पैसा किसी और मद में खर्च कर देती थीं, जिससे योजनाओं में देरी होती थी। SNA स्पर्श यह सुनिश्चित करता है कि पैसा सीधे उसी काम के लिए जारी हो जिसके लिए वह आया है।
- पैसे को अनावश्यक रूप से खातों में पड़े रहने से रोकना: पुरानी व्यवस्था में, बजट पहले ही विभागों को दे दिया जाता था, जिससे धनराशि लंबे समय तक बिना उपयोग के पड़ी रहती थी।
- पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना: यह प्रणाली फंड के प्रवाह को पूरी तरह से पारदर्शी बनाती है। इसमें यह ट्रैक किया जा सकता है कि पैसा कहाँ से चला, कहाँ रुका और लाभार्थी तक पहुँचा या नहीं।
- भुगतान में देरी को खत्म करना: "जस्ट-इन-टाइम" फंड रिलीज का मतलब है कि जैसे ही बिल स्वीकृत होता है, भुगतान के लिए तुरंत पैसा जारी कर दिया जाता है, जिससे देरी खत्म हो जाती है।
- सीधा भुगतान – फंड सीधे पंचायत/लाभार्थी के बैंक अकाउंट में जाता है।
- तेज़ प्रोसेसिंग – पहले जहां 20-25 दिन लगते थे, अब पेमेंट बहुत कम समय में हो जाता है।
- पारदर्शिता – PFMS और RBI के इंटीग्रेशन से हर लेन-देन ट्रैक किया जा सकता है।
- धोखाधड़ी में कमी – मिडलमैन की भूमिका लगभग खत्म।
- रियल-टाइम रिपोर्टिंग – पोर्टल पर हर स्टेप की अपडेट उपलब्ध।
SNA स्पर्श पोर्टल के मुख्य उद्देश्य और लाभ
SNA स्पर्श मॉडल के कई उद्देश्य और लाभ हैं, जो इसे पिछली प्रणालियों से बेहतर बनाते हैं:
- कुशल फंड प्रवाह: यह PFMS, RBI और राज्यों के IFMIS को एकीकृत करके फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है।
- बेहतर नकद प्रबंधन: यह केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर नकद प्रबंधन में अधिक दक्षता लाता है।
- वास्तविक समय की निगरानी: सभी हितधारक वास्तविक समय में फंड के प्रवाह की निगरानी कर सकते हैं, जिससे समय पर रिलीज और उपयोग सुनिश्चित होता है।
- वित्तीय अनुशासन: इस व्यवस्था से वित्तीय अनुशासन बना रहता है और सरकारों के खजाने में धनराशि बनी रहती है।
- सभी पोर्टलों का एकीकरण: इस मॉडल में PFMS, ई-ग्राम स्वराज और नरेगा सॉफ्ट जैसे कई पोर्टलों को एक साथ मिला दिया गया है, जिससे काम करना आसान हो गया है।
यह भी पढ़ें: अन्य महत्वपूर्ण सरकारी पोर्टल
- ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से ऑनलाइन पेमेंट कैसे करें? जानिए इसका सबसे आसान और सीक्रेट तरीका।
- मानव सम्पदा पोर्टल से छुट्टी के लिए अप्लाई करना है? यह ट्रिक अपनाएं और तुरंत अप्रूवल पाएं।
- डाक कर्मयोगी पोर्टल पर लॉगिन नहीं हो रहा? इस एक तरीके से तुरंत अपनी समस्या का समाधान करें।
- आपकी शिकायत कोई नहीं सुन रहा? CPGRAMS पर इस तरह कंप्लेंट करें, 100% समाधान होगा।
- फ्रॉड कॉल या SMS से परेशान हैं? चक्षु पोर्टल पर ऐसे करें रिपोर्ट, तुरंत ब्लॉक होंगे नंबर।
SNA स्पर्श कैसे काम करता है? (Working of SNA SPARSH)
SNA स्पर्श की कार्यप्रणाली थोड़ी तकनीकी है, लेकिन इसे सरल चरणों में समझा जा सकता है:
- बिल बनाना: जब किसी योजना के तहत कोई काम होता है, तो उसे करने वाली एजेंसी (जैसे पंचायत या कोई विभाग) राज्य के IFMIS पोर्टल पर भुगतान के लिए एक बिल या दावा (Payment File) तैयार करती है।
- राज्य कोषागार द्वारा समेकन: राज्य का कोषागार (State Treasury) विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त सभी बिलों को इकट्ठा करता है और एक समेकित भुगतान फ़ाइल (Consolidated Payment File) बनाता है।
- PFMS को भेजना: यह समेकित फ़ाइल PFMS को भेजी जाती है ताकि केंद्र सरकार अपना हिस्सा जारी कर सके।
- केंद्र के हिस्से की मंजूरी: PFMS पर फ़ाइल मिलने के बाद, संबंधित केंद्रीय मंत्रालय 'मदर सैंक्शन' (Mother Sanction) के आधार पर योजना के लिए अपने हिस्से की राशि को मंजूरी देता है।
- RBI को भुगतान का निर्देश: मंजूरी के बाद, केंद्र का हिस्सा RBI में राज्य के নির্দিষ্ট SNA खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद राज्य का IFMIS सिस्टम RBI के ई-कुबेर प्लेटफॉर्म को अंतिम लाभार्थी या वेंडर को भुगतान करने का निर्देश देता है।
- लाभार्थी को भुगतान: RBI राज्य के खाते से कुल राशि (केंद्र + राज्य का हिस्सा) डेबिट करता है और सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर कर देता है।
SNA स्पर्श और PFMS में संबंध
कई लोग सोचते हैं कि SNA स्पर्श ने PFMS को पूरी तरह से बदल दिया है, लेकिन ऐसा नहीं है। वास्तव में,
SNA स्पर्श एक उन्नत मॉडल है जिसमें PFMS एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रणाली PFMS की क्षमताओं का उपयोग करती है और इसे RBI के ई-कुबेर और राज्यों के अपने वित्तीय प्रणालियों (IFMIS) के साथ एकीकृत करती है ताकि फंड ट्रांसफर को और भी तेज और पारदर्शी बनाया जा सके।
SNA स्पर्श पोर्टल पर विभिन्न उपयोगकर्ता भूमिकाएँ
इस पोर्टल पर मुख्य रूप से तीन प्रकार के उपयोगकर्ता होते हैं, जिनकी अपनी-अपनी भूमिकाएँ होती हैं:
- डाटा ऑपरेटर (Data Operator): इसका काम लाभार्थी को जोड़ना, वेंडर की जानकारी दर्ज करना, बिल बनाना और भुगतान के लिए फाइल तैयार करना है।
- डाटा अप्रूवर (Data Approver): ऑपरेटर द्वारा बनाए गए बिल और लाभार्थी के विवरण की जाँच करना और उसे स्वीकृत (Approve) या अस्वीकृत (Reject) करना इसका मुख्य काम है।
- एजेंसी एडमिन (Agency Admin): यह उपयोगकर्ता बनाने (User Creation), उनकी भूमिकाएँ निर्धारित करने और एजेंसी मैपिंग जैसे प्रशासनिक कार्य करता है।
SNA स्पर्श पोर्टल पर लॉगिन कैसे करें?
विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश (UP), मध्य प्रदेश (MP), राजस्थान, हरियाणा आदि के लिए अपने स्वयं के SNA स्पर्श पोर्टल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश का पोर्टल
https://snasparsh.up.gov.in/ है।
लॉगिन करने की सामान्य प्रक्रिया इस प्रकार है:
- अपने राज्य के आधिकारिक SNA स्पर्श पोर्टल पर जाएं।
- आपको विभाग द्वारा एक यूजर आईडी और पासवर्ड प्रदान किया जाएगा जो आपके पंजीकृत ईमेल पर भेजा जाएगा।
- पहली बार लॉगिन करने पर, आपको सुरक्षा कारणों से अपना पासवर्ड बदलना होगा।
- पुराना पासवर्ड और नया पासवर्ड दर्ज करके सबमिट करें।
- अब नए पासवर्ड का उपयोग करके फिर से लॉगिन करें।
अगर पासवर्ड भूल गए, तो फॉरगॉट पासवर्ड ऑप्शन यूज करें। अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में sna sparsh haryana login या sna sparsh rajasthan पोर्टल यूज करें। सुरक्षा के लिए हर महीने पासवर्ड चेंज करें।
यह भी पढ़ें: सरकारी योजनाएं और उनके लाभ
- बिना गारंटी 15 लाख तक का लोन चाहिए? पीएम सूरज पोर्टल पर आवेदन की यह गुप्त प्रक्रिया जानें।
- नई राशन कार्ड लिस्ट में अपना नाम घर बैठे चेक करें, सिर्फ 2 मिनट में पूरी जानकारी पाएं।
- PM किसान की 20वीं किस्त का पैसा आया या नहीं? इस डायरेक्ट लिंक से तुरंत अपना स्टेटस देखें।
- पीएम आवास योजना की नई किस्त आपके खाते में आई? मोबाइल से ऐसे चेक करें अपना नाम।
- आपके ई-श्रम कार्ड में पैसा आया है या नहीं? इस आसान तरीके से अभी अपना बैलेंस चेक करें।
SNA Sparsh PFMS Integration
SNA Sparsh PFMS से सीधे जुड़ा है। PFMS पेमेंट फाइल वैलिडेट करता है, मदर सैंक्शन vs सेंट्रल शेयर रिलीज ट्रैक करता है।
- कैसे इंटीग्रेटेड?: राज्य IFMIS से फाइल PFMS पर जाती है। 3 PM तक फाइल आने पर उसी दिन सैंक्शन जनरेट होता है।
- बेनिफिट्स: फेल्ड ट्रांजेक्शन रेकॉन्साइल, कंपोनेंट-वाइज एक्सपेंडीचर रिपोर्ट (SC/ST/General)।
- उदाहरण: PEI क्रिएट के बाद अप्रूवर आईडी से अप्रूव करें, फिर MIS रिपोर्ट से चेक करें।
यह इंटीग्रेशन फंड लीकेज रोकता है और ट्रांसपेरेंसी बढ़ाता है।
SNA Sparsh Guidelines
भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार, SNA Sparsh को सभी CSS में लागू करना अनिवार्य है। यहां मुख्य guidelines की टेबल:
Guideline | Details |
---|---|
SNA Designation | हर SLS के लिए सिंगल नोडल एजेंसी चुनें। पुराने अकाउंट्स बंद करें। |
Fund Release | जस्ट-इन-टाइम: बिल पर ही फंड रिलीज। अनस्पेंट बैलेंस रिटर्न करें। |
Accounts | जीरो बैलेंस अकाउंट यूज करें। RBI ड्रॉइंग अकाउंट मैप करें। |
Payments | PEI क्रिएट, बिल कंसोलिडेशन, DDO अप्रूवल। फेल्ड ट्रांजेक्शन री-इनिशिएट। |
Reports | PFMS से SPARSH reports डाउनलोड: बजट एलोकेशन, एज-वाइज एनालिसिस। |
Top-up | राज्य अतिरिक्त फंड ऐड कर सकता है। |
Closure | FY क्लोजर पर अनपेड क्लेम्स PFMS प्रोटोकॉल फॉलो करें। |
इन guidelines का पालन न करने पर फंड रिलीज रुक सकता है। डिटेल्ड यूजर गाइड CGA वेबसाइट से डाउनलोड करें।
SNA Sparsh Ke Benefits Aur States Mein Implementation
Benefits:
- पारदर्शिता: रियल-टाइम ट्रैकिंग से फ्रॉड कम।
- बचत: अनस्पेंट फंड्स पर ब्याज बचत (सालाना 1.2 बिलियन USD)।
- स्पीड: पेमेंट T+1 दिन में।
- यूजर फ्रेंडली: बेनिफिशरी अनलॉक, बल्क अप्रूवल।
- राज्यों में: UP, Haryana, Punjab, Rajasthan, Bihar, Jharkhand आदि में लागू। UP में ifms.up.gov.in से इंटीग्रेटेड। 21+ राज्य 28+ स्कीम्स कवर कर चुके हैं।
UPSC छात्रों के लिए: यह वित्तीय सुधारों का हिस्सा है, जैसे GIFMIS।
FAQs
- SNA Sparsh full form kya hai? – समयोचित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण।
- SNA Sparsh login kaise karen? – sna sparsh.up.gov.in पर यूजरनेम, पासवर्ड डालें।
- SNA Sparsh PFMS se kaise juda hai? – PFMS वैलिडेशन और रिपोर्टिंग हैंडल करता है।
- Guidelines kahan milegi? – DoE या CGA वेबसाइट से।
- Kya yeh defence SPARSH se alag hai? – हां, यह CSS फंड्स के लिए है, defence वाला पेंशन के लिए।
- SNA SPARSH का उपयोग किन-किन राज्यों में हैं!
वर्तमान में SNA SPARSH का उपयोग देश के लगभग सभी राज्यों में हो रहा है, जिनमें प्रमुख हैं: उत्तर प्रदेश (sna sparsh.up.gov.in login) मध्य प्रदेश (sna sparsh mp) हरियाणा (sna sparsh haryana login) राजस्थान (sna sparsh portal rajasthan) बिहार, पंजाब, झारखंड आदि। महाराष्ट, उतराखंड आदि!
SNA SPARSH पोर्टल का उपयोग किसलिए किया जाता है?
SNA SPARSH पोर्टल का उपयोग Centrally Sponsored Schemes (CSS) के तहत मिलने वाले फंड को Just-In-Time पद्धति से राज्यों और लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।
यह PFMS, RBI और राज्य के IFMIS को जोड़कर तेज़ और सुरक्षित भुगतान सुनिश्चित करता है।
SNA SPARSH और PFMS में क्या अंतर है?
PFMS एक पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम है जो फंड का रिकॉर्ड और ट्रैकिंग करता है,
जबकि SNA SPARSH उस फंड को सही समय पर सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर करता है।
दोनों मिलकर भुगतान को तेज़ और पारदर्शी बनाते हैं।
यह भी पढ़ें: शिक्षा और युवाओं के लिए पोर्टल
- 12वीं के बाद कौन सा करियर चुनें? पंख पोर्टल पर मिलेगा हर सवाल का जवाब, ऐसे करें इस्तेमाल।
- यूपी स्कॉलरशिप आवेदन की आखिरी तारीख निकल न जाए, तुरंत देखें और जल्दी अप्लाई करें।
- आपकी स्कॉलरशिप का पैसा अकाउंट में आया या नहीं? PFMS से स्टेटस चेक करने का ये है सही तरीका।
- फ्री में भारत घूमना चाहते हैं? युवा संगम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें और इस शानदार मौके का फायदा उठाएं।
- UDISE प्लस पोर्टल पर स्कूल लॉगिन कैसे बनाएं? जानिए स्टेप-बाय-स्टेप पूरी ऑनलाइन प्रक्रिया।
Conclusion
SNA Sparsh kya hai, अब आप अच्छे से समझ गए होंगे। यह सरकारी योजनाओं को तेज और पारदर्शी बनाता है। अगर आप उत्तर प्रदेश या अन्य राज्य से हैं, तो sna sparsh up gov in login ट्राई करें और फीडबैक दें। पोस्ट पसंद आया तो शेयर करें, कमेंट में पूछें।
SNA स्पर्श प्रणाली सरकारी फंड प्रबंधन में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार और देरी की संभावनाओं को भी कम करेगा। पारदर्शिता, जवाबदेही और "जस्ट-इन-टाइम" फंड रिलीज के सिद्धांतों पर आधारित यह मॉडल यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही समय पर सही व्यक्ति तक पहुँचे।