SNA Sparsh 2025: Full Form, Login, Guidelines व नया अपडेट

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क्या आप जानते हैं कि केंद्र सरकार ने सरकारी योजनाओं के फंड को तेजी और पारदर्शिता से लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए SNA Sparsh नामक एक नई प्रणाली शुरू की है? यह PFMS से उन्नत और "जस्ट-इन-टाइम" फंड रिलीज पर आधारित है। अगर आप उत्तर प्रदेश, हरियाणा या किसी अन्य राज्य से हैं, सरपंच, सरकारी कर्मचारी हैं, या UPSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो SNA Sparsh के बारे में जानना आपके लिए जरूरी है। इस लेख में हम SNA Sparsh full form in Hindi, login प्रक्रिया, नवंबर 2025 अपडेट और गाइडलाइन्स को आसान भाषा में समझाएंगे। पढ़ें और जानें कैसे यह प्रणाली भ्रष्टाचार रोककर करोड़ों की बचत कर रही है!

SNA स्पर्श पोर्टल क्या है? सरकारी योजनाओं में फंड ट्रांसफर की नई व्यवस्था की पूरी जानकारी

SNA स्पर्श क्या है? (What is SNA SPARSH?)

SNA Sparsh भारत सरकार की एक ऐसी डिजिटल प्रणाली है जो सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम्स (जैसे स्वच्छ भारत मिशन, PMAY, PMGSY आदि) के फंड्स को राज्य सरकारों और इंप्लीमेंटिंग एजेंसियों तक तेजी से पहुंचाती है। यह सिंगल नोडल एजेंसी (SNA) मॉडल पर आधारित है, जहां फंड्स अनावश्यक रूप से बैंक अकाउंट्स में नहीं पड़े रहते। बल्कि, जब जरूरत हो तभी रिलीज होते हैं।

यह प्रणाली PFMS, राज्य IFMIS (Integrated Financial Management System) और RBI के e-Kuber से जुड़ी हुई है। इसका मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, फंड्स की बर्बादी रोकना और वित्तीय अनुशासन बनाए रखना है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में sna sparsh up gov in पोर्टल के जरिए विभाग बिल कंसोलिडेशन, PEI क्रिएट और पेमेंट प्रोसेस करते हैं। 2024-25 में 28 से ज्यादा CSS स्कीम्स इसमें शामिल हो चुकी हैं, और नवंबर 2025 से सभी CSS फंड्स इसी से रिलीज होंगे।

यह प्रणाली राज्य सरकारों को फंड्स की ट्रैकिंग, बिल अप्रूवल और बेनिफिशरी पेमेंट में मदद करती है। अगर आप सरपंच, विभागीय अधिकारी या स्टूडेंट हैं (जैसे UPSC preparation के लिए), तो यह जानना जरूरी है कि SNA Sparsh फंड लीकेज को रोकता है और सालाना करोड़ों की बचत करता है।

SNA SPARSH का फुल फॉर्म (Full Form of SNA SPARSH)

SNA Sparsh Full Form in Hindi SNA SPARSH का पूरा नाम है:

  • SNA: सिंगल नोडल एजेंसी (Single Nodal Agency)
  • SPARSH: समयोचित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण (Samayochit Pranali Ekikrut Sheeghra Hastantaran)

अंग्रेजी में इसे Real Time System of Integrated Quick Transfers कहते हैं। SNA का मतलब Single Nodal Agency है, जो हर CSS स्कीम के लिए एक सिंगल अकाउंट रखता है। Sparsh हिस्सा फंड ट्रांसफर की स्पीड और इंटीग्रेशन पर फोकस करता है। हिंदी में full form जानने से UPSC या सरकारी exams में मदद मिलती है, क्योंकि यह हालिया वित्तीय सुधारों का हिस्सा है।

SNA स्पर्श मॉडल क्यों लागू किया गया?

इस नई प्रणाली को लागू करने के पीछे कई ठोस कारण हैं, जो पुरानी व्यवस्था की कमियों को दूर करते हैं:

  • फंड का दुरुपयोग रोकना: कई बार राज्य सरकारें केंद्र से मिला पैसा किसी और मद में खर्च कर देती थीं, जिससे योजनाओं में देरी होती थी। SNA स्पर्श यह सुनिश्चित करता है कि पैसा सीधे उसी काम के लिए जारी हो जिसके लिए वह आया है।
  • पैसे को अनावश्यक रूप से खातों में पड़े रहने से रोकना: पुरानी व्यवस्था में, बजट पहले ही विभागों को दे दिया जाता था, जिससे धनराशि लंबे समय तक बिना उपयोग के पड़ी रहती थी।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना: यह प्रणाली फंड के प्रवाह को पूरी तरह से पारदर्शी बनाती है। इसमें यह ट्रैक किया जा सकता है कि पैसा कहाँ से चला, कहाँ रुका और लाभार्थी तक पहुँचा या नहीं।
  • भुगतान में देरी को खत्म करना: "जस्ट-इन-टाइम" फंड रिलीज का मतलब है कि जैसे ही बिल स्वीकृत होता है, भुगतान के लिए तुरंत पैसा जारी कर दिया जाता है, जिससे देरी खत्म हो जाती है।
  • सीधा भुगतान – फंड सीधे पंचायत/लाभार्थी के बैंक अकाउंट में जाता है।
  • तेज़ प्रोसेसिंग – पहले जहां 20-25 दिन लगते थे, अब पेमेंट बहुत कम समय में हो जाता है।
  • पारदर्शिता – PFMS और RBI के इंटीग्रेशन से हर लेन-देन ट्रैक किया जा सकता है।
  • धोखाधड़ी में कमी – मिडलमैन की भूमिका लगभग खत्म।
  • रियल-टाइम रिपोर्टिंग – पोर्टल पर हर स्टेप की अपडेट उपलब्ध।

SNA स्पर्श पोर्टल के मुख्य उद्देश्य और लाभ

SNA स्पर्श मॉडल के कई उद्देश्य और लाभ हैं, जो इसे पिछली प्रणालियों से बेहतर बनाते हैं:

  • कुशल फंड प्रवाह: यह PFMS, RBI और राज्यों के IFMIS को एकीकृत करके फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है।
  • बेहतर नकद प्रबंधन: यह केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर नकद प्रबंधन में अधिक दक्षता लाता है।
  • वास्तविक समय की निगरानी: सभी हितधारक वास्तविक समय में फंड के प्रवाह की निगरानी कर सकते हैं, जिससे समय पर रिलीज और उपयोग सुनिश्चित होता है।
  • वित्तीय अनुशासन: इस व्यवस्था से वित्तीय अनुशासन बना रहता है और सरकारों के खजाने में धनराशि बनी रहती है।
  • सभी पोर्टलों का एकीकरण: इस मॉडल में PFMS, ई-ग्राम स्वराज और नरेगा सॉफ्ट जैसे कई पोर्टलों को एक साथ मिला दिया गया है, जिससे काम करना आसान हो गया है।

यह भी पढ़ें: अन्य महत्वपूर्ण सरकारी पोर्टल

SNA स्पर्श कैसे काम करता है? (Working of SNA SPARSH)

SNA स्पर्श की कार्यप्रणाली थोड़ी तकनीकी है, लेकिन इसे सरल चरणों में समझा जा सकता है:

  1. बिल बनाना: जब किसी योजना के तहत कोई काम होता है, तो उसे करने वाली एजेंसी (जैसे पंचायत या कोई विभाग) राज्य के IFMIS पोर्टल पर भुगतान के लिए एक बिल या दावा (Payment File) तैयार करती है।
  2. राज्य कोषागार द्वारा समेकन: राज्य का कोषागार (State Treasury) विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त सभी बिलों को इकट्ठा करता है और एक समेकित भुगतान फ़ाइल (Consolidated Payment File) बनाता है।
  3. PFMS को भेजना: यह समेकित फ़ाइल PFMS को भेजी जाती है ताकि केंद्र सरकार अपना हिस्सा जारी कर सके।
  4. केंद्र के हिस्से की मंजूरी: PFMS पर फ़ाइल मिलने के बाद, संबंधित केंद्रीय मंत्रालय 'मदर सैंक्शन' (Mother Sanction) के आधार पर योजना के लिए अपने हिस्से की राशि को मंजूरी देता है।
  5. RBI को भुगतान का निर्देश: मंजूरी के बाद, केंद्र का हिस्सा RBI में राज्य के নির্দিষ্ট SNA खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद राज्य का IFMIS सिस्टम RBI के ई-कुबेर प्लेटफॉर्म को अंतिम लाभार्थी या वेंडर को भुगतान करने का निर्देश देता है।
  6. लाभार्थी को भुगतान: RBI राज्य के खाते से कुल राशि (केंद्र + राज्य का हिस्सा) डेबिट करता है और सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर कर देता है।

SNA स्पर्श और PFMS में संबंध

कई लोग सोचते हैं कि SNA स्पर्श ने PFMS को पूरी तरह से बदल दिया है, लेकिन ऐसा नहीं है। वास्तव में,

SNA स्पर्श एक उन्नत मॉडल है जिसमें PFMS एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रणाली PFMS की क्षमताओं का उपयोग करती है और इसे RBI के ई-कुबेर और राज्यों के अपने वित्तीय प्रणालियों (IFMIS) के साथ एकीकृत करती है ताकि फंड ट्रांसफर को और भी तेज और पारदर्शी बनाया जा सके।

SNA स्पर्श पोर्टल पर विभिन्न उपयोगकर्ता भूमिकाएँ

इस पोर्टल पर मुख्य रूप से तीन प्रकार के उपयोगकर्ता होते हैं, जिनकी अपनी-अपनी भूमिकाएँ होती हैं:

  • डाटा ऑपरेटर (Data Operator): इसका काम लाभार्थी को जोड़ना, वेंडर की जानकारी दर्ज करना, बिल बनाना और भुगतान के लिए फाइल तैयार करना है।
  • डाटा अप्रूवर (Data Approver): ऑपरेटर द्वारा बनाए गए बिल और लाभार्थी के विवरण की जाँच करना और उसे स्वीकृत (Approve) या अस्वीकृत (Reject) करना इसका मुख्य काम है।
  • एजेंसी एडमिन (Agency Admin): यह उपयोगकर्ता बनाने (User Creation), उनकी भूमिकाएँ निर्धारित करने और एजेंसी मैपिंग जैसे प्रशासनिक कार्य करता है।

SNA स्पर्श पोर्टल पर लॉगिन कैसे करें?

विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश (UP), मध्य प्रदेश (MP), राजस्थान, हरियाणा आदि के लिए अपने स्वयं के SNA स्पर्श पोर्टल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश का पोर्टल

https://snasparsh.up.gov.in/ है।

लॉगिन करने की सामान्य प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. अपने राज्य के आधिकारिक SNA स्पर्श पोर्टल पर जाएं।
  2. आपको विभाग द्वारा एक यूजर आईडी और पासवर्ड प्रदान किया जाएगा जो आपके पंजीकृत ईमेल पर भेजा जाएगा।
  3. पहली बार लॉगिन करने पर, आपको सुरक्षा कारणों से अपना पासवर्ड बदलना होगा।
  4. पुराना पासवर्ड और नया पासवर्ड दर्ज करके सबमिट करें।
  5. अब नए पासवर्ड का उपयोग करके फिर से लॉगिन करें।

अगर पासवर्ड भूल गए, तो फॉरगॉट पासवर्ड ऑप्शन यूज करें। अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में sna sparsh haryana login या sna sparsh rajasthan पोर्टल यूज करें। सुरक्षा के लिए हर महीने पासवर्ड चेंज करें।

यह भी पढ़ें: सरकारी योजनाएं और उनके लाभ

SNA Sparsh PFMS Integration

SNA Sparsh PFMS से सीधे जुड़ा है। PFMS पेमेंट फाइल वैलिडेट करता है, मदर सैंक्शन vs सेंट्रल शेयर रिलीज ट्रैक करता है।

  • कैसे इंटीग्रेटेड?: राज्य IFMIS से फाइल PFMS पर जाती है। 3 PM तक फाइल आने पर उसी दिन सैंक्शन जनरेट होता है।
  • बेनिफिट्स: फेल्ड ट्रांजेक्शन रेकॉन्साइल, कंपोनेंट-वाइज एक्सपेंडीचर रिपोर्ट (SC/ST/General)।
  • उदाहरण: PEI क्रिएट के बाद अप्रूवर आईडी से अप्रूव करें, फिर MIS रिपोर्ट से चेक करें।

यह इंटीग्रेशन फंड लीकेज रोकता है और ट्रांसपेरेंसी बढ़ाता है।

SNA Sparsh Guidelines

भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार, SNA Sparsh को सभी CSS में लागू करना अनिवार्य है। यहां मुख्य guidelines की टेबल:

Guideline Details
SNA Designation हर SLS के लिए सिंगल नोडल एजेंसी चुनें। पुराने अकाउंट्स बंद करें।
Fund Release जस्ट-इन-टाइम: बिल पर ही फंड रिलीज। अनस्पेंट बैलेंस रिटर्न करें।
Accounts जीरो बैलेंस अकाउंट यूज करें। RBI ड्रॉइंग अकाउंट मैप करें।
Payments PEI क्रिएट, बिल कंसोलिडेशन, DDO अप्रूवल। फेल्ड ट्रांजेक्शन री-इनिशिएट।
Reports PFMS से SPARSH reports डाउनलोड: बजट एलोकेशन, एज-वाइज एनालिसिस।
Top-up राज्य अतिरिक्त फंड ऐड कर सकता है।
Closure FY क्लोजर पर अनपेड क्लेम्स PFMS प्रोटोकॉल फॉलो करें।

इन guidelines का पालन न करने पर फंड रिलीज रुक सकता है। डिटेल्ड यूजर गाइड CGA वेबसाइट से डाउनलोड करें।

 नवंबर 2025 से सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं में SNA Sparsh अनिवार्य – उत्तर प्रदेश में 66 योजनाओं पर प्रभाव

SNA Sparsh update 2025: यदि आप सरकारी योजनाओं से जुड़े हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत नवंबर 2025 से प्रदेश में चल रही सभी 66 केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) में फंड का भुगतान पूरी तरह SNA Sparsh प्रणाली से किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार के जारी आदेश के अनुसार, अब केंद्र सरकार राज्य की समेकित निधि में अपना हिस्सा नहीं भेजेगी। इसके बजाय, सभी भुगतान सीधे लाभार्थियों या वेंडर्स के बैंक अकाउंट्स में पारदर्शी तरीके से ट्रांसफर होंगे।

यह बदलाव SNA Sparsh की "जस्ट-इन-टाइम" पद्धति को मजबूत करेगा, जहां फंड अनावश्यक रूप से बैंक अकाउंट्स में नहीं पड़े रहेंगे। केवल उन योजनाओं में अग्रिम भुगतान की अनुमति होगी जहां केंद्र सरकार ने स्पष्ट मंजूरी दी हो। इससे फंड दुरुपयोग रुकेगा, देरी कम होगी, और सालाना करोड़ों की बचत होगी। उत्तर प्रदेश में sna sparsh up gov in पोर्टल के जरिए यह लागू होगा, जो PFMS और RBI e-Kuber से इंटीग्रेटेड है।

यह अपडेट SNA Sparsh implementation in Uttar Pradesh को और मजबूत बनाता है, और अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, राजस्थान, बिहार में भी समान बदलाव देखे जा सकते हैं। यदि आप UPSC या सरकारी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं, तो यह वित्तीय सुधारों का हिस्सा है – SNA Sparsh guidelines 2025 को जरूर पढ़ें। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट चेक करें और अपडेट रहें!

 

SNA Sparsh Ke Benefits Aur States Mein Implementation

Benefits:

  • पारदर्शिता: रियल-टाइम ट्रैकिंग से फ्रॉड कम।
  • बचत: अनस्पेंट फंड्स पर ब्याज बचत (सालाना 1.2 बिलियन USD)।
  • स्पीड: पेमेंट T+1 दिन में।
  • यूजर फ्रेंडली: बेनिफिशरी अनलॉक, बल्क अप्रूवल।
  • राज्यों में: UP, Haryana, Punjab, Rajasthan, Bihar, Jharkhand आदि में लागू। UP में ifms.up.gov.in से इंटीग्रेटेड। 21+ राज्य 28+ स्कीम्स कवर कर चुके हैं।

UPSC छात्रों के लिए: यह वित्तीय सुधारों का हिस्सा है, जैसे GIFMIS।

FAQs

  1. SNA Sparsh full form kya hai? – समयोचित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण।
  2. SNA Sparsh login kaise karen? – sna sparsh.up.gov.in पर यूजरनेम, पासवर्ड डालें।
  3. SNA Sparsh PFMS se kaise juda hai? – PFMS वैलिडेशन और रिपोर्टिंग हैंडल करता है।
  4. Guidelines kahan milegi? – DoE या CGA वेबसाइट से।
  5. Kya yeh defence SPARSH se alag hai? – हां, यह CSS फंड्स के लिए है, defence वाला पेंशन के लिए।
  6. SNA SPARSH का उपयोग किन-किन राज्यों में हैं!

वर्तमान में SNA SPARSH का उपयोग देश के लगभग सभी राज्यों में हो रहा है, जिनमें प्रमुख हैं: उत्तर प्रदेश (sna sparsh.up.gov.in login) मध्य प्रदेश (sna sparsh mp) हरियाणा (sna sparsh haryana login) राजस्थान (sna sparsh portal rajasthan) बिहार, पंजाब, झारखंड आदि। महाराष्ट, उतराखंड आदि!

SNA SPARSH पोर्टल का उपयोग किसलिए किया जाता है?

SNA SPARSH पोर्टल का उपयोग Centrally Sponsored Schemes (CSS) के तहत मिलने वाले फंड को Just-In-Time पद्धति से राज्यों और लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।

यह PFMS, RBI और राज्य के IFMIS को जोड़कर तेज़ और सुरक्षित भुगतान सुनिश्चित करता है।

 SNA SPARSH और PFMS में क्या अंतर है?

PFMS एक पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम है जो फंड का रिकॉर्ड और ट्रैकिंग करता है,

जबकि SNA SPARSH उस फंड को सही समय पर सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर करता है।

दोनों मिलकर भुगतान को तेज़ और पारदर्शी बनाते हैं।

यह भी पढ़ें: शिक्षा और युवाओं के लिए पोर्टल

Conclusion

SNA Sparsh kya hai, अब आप अच्छे से समझ गए होंगे। यह सरकारी योजनाओं को तेज और पारदर्शी बनाता है। अगर आप उत्तर प्रदेश या अन्य राज्य से हैं, तो sna sparsh up gov in login ट्राई करें और फीडबैक दें। पोस्ट पसंद आया तो शेयर करें, कमेंट में पूछें।

SNA स्पर्श प्रणाली सरकारी फंड प्रबंधन में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार और देरी की संभावनाओं को भी कम करेगा। पारदर्शिता, जवाबदेही और "जस्ट-इन-टाइम" फंड रिलीज के सिद्धांतों पर आधारित यह मॉडल यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही समय पर सही व्यक्ति तक पहुँचे।

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