दशहरा, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। हर साल यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि सत्य और धर्म की हमेशा विजय होती है। यदि आप सोच रहे हैं कि "दशहरा क्यों मनाया जाता है" या "what is vijayadashami in hindi", तो इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे। 2025 में यह पर्व विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो जीवन में सकारात्मकता और सफलता लाने वाले माने जाते हैं। आइए जानते हैं विजयदशमी की तिथि, इसके इतिहास, महत्व, मनाने के तरीके, शुभकामनाओं और दशहरा पर निबंध हिंदी में। यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी, चाहे आप विद्यार्थी हों या परिवार के साथ त्योहार मनाने वाले।
दशहरा और विजयादशमी में क्या अंतर है?
बहुत से लोग दशहरा और विजयादशमी को एक ही त्योहार मानते हैं, जबकि इन दोनों के पीछे अलग-अलग पौराणिक कथाएँ और महत्व हैं। हालांकि, दोनों ही पर्व एक ही दिन मनाए जाते हैं और इनका सार एक ही है: बुराई पर अच्छाई की विजय।
| पर्व का नाम | पौराणिक कथा | प्रतीक |
|---|---|---|
| विजयादशमी | इस दिन देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर नामक राक्षस से युद्ध करने के बाद उसका वध किया था। यह देवी शक्ति की विजय का प्रतीक है। | नारी शक्ति, साहस और धर्म की स्थापना। |
| दशहरा | इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध कर पृथ्वी को उसके आतंक से मुक्त कराया था। यह भगवान राम की विजय का प्रतीक है। | सत्य और धर्म की अधर्म पर जीत। |
चूंकि, दोनों ही शुभ घटनाएँ एक ही दिन हुईं, इसलिए इस पर्व को इन दोनों नामों से जाना जाता है और एक साथ मनाया जाता है।
दशहरा कब मनाया जाता है 2025? तिथि और शुभ मुहूर्त
2025 में दशहरा या विजयदशमी का पर्व 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पड़ता है। इस दिन रवि योग और सुकर्मा योग बन रहे हैं, जो शुभ कार्यों के लिए आदर्श हैं। यदि आप पूजा या रावण दहन का आयोजन कर रहे हैं, तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें।
नीचे दी गई टेबल में दशहरा 2025 की मुख्य तिथियां और मुहूर्त दिए गए हैं (स्रोत: पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित):
| विवरण | समय/तिथि |
|---|---|
| दशमी तिथि प्रारंभ | 1 अक्टूबर 2025, शाम 7:01 बजे |
| दशमी तिथि समाप्त | 2 अक्टूबर 2025, शाम 7:10 बजे |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक |
| अपराह्न पूजा समय | दोपहर 1:21 बजे से 3:44 बजे तक |
| श्रवण नक्षत्र प्रारंभ | 2 अक्टूबर 2025, सुबह 9:13 बजे |
| श्रवण नक्षत्र समाप्त | 3 अक्टूबर 2025, सुबह 9:34 बजे |
यह मुहूर्त दिल्ली के समयानुसार हैं। स्थानीय पंचांग से चेक करें यदि आप अन्य शहर में हैं। "दशहरा कब मनाया जाता है इसका क्या महत्व है" – यह प्रश्न अक्सर पूछा जाता है, और इसका उत्तर है कि यह नवरात्रि के समापन का दिन है, जहां पूजा और उत्सव से जीवन में नई ऊर्जा आती है।
दशहरा क्यों मनाया जाता है? इतिहास और पौराणिक कथा
दशहरा क्यों मनाया जाता है? इस प्रश्न का उत्तर हिंदू पौराणिक कथाओं में छिपा है। मुख्य रूप से दो कथाएं इससे जुड़ी हैं:
- भगवान राम और रावण की कथा: रामायण के अनुसार, लंकापति रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था। भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण, हनुमान और वानर सेना के साथ नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन रावण का वध किया। यह घटना बुराई (रावण के अहंकार और अधर्म) पर अच्छाई (राम के सत्य और धर्म) की जीत का प्रतीक है। इसलिए, दशहरा को रावण दहन के रूप में मनाया जाता है।
- मां दुर्गा और महिषासुर की कथा: देवी भागवत पुराण में वर्णित है कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस से नौ रातों और दस दिनों तक युद्ध किया। दसवें दिन उन्होंने महिषासुर का वध किया, जो बुराई पर शक्ति की विजय का प्रतीक है। इस कारण इसे विजयदशमी कहा जाता है।
"दशहरे को विजयदशमी क्यों कहा जाता है" – क्योंकि "विजय" का अर्थ जीत और "दशमी" का अर्थ दसवां दिन है। दोनों कथाएं एक ही संदेश देती हैं: असत्य पर सत्य की विजय। why we celebrate vijayadashami in hindi – हम इसे इसलिए मनाते हैं ताकि जीवन में नैतिक मूल्यों को मजबूत करें और नकारात्मकता से दूर रहें।
विजयदशमी का महत्व हिंदी में
विजयदशमी in hindi में समझें तो यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। यह हमें सिखाता है कि चाहे चुनौतियां कितनी भी बड़ी हों, सत्य और धैर्य से जीत मिलती है। उत्तर भारत में रावण दहन प्रमुख है, जबकि पूर्वी भारत में दुर्गा विसर्जन किया जाता है। दक्षिण भारत में सरस्वती पूजा और आयुध पूजा होती है।
इस पर्व का महत्व यह भी है कि यह दीपावली की तैयारी का आरंभ करता है, जो 20 दिन बाद आती है। जीवन की दस बुराइयों (काम, क्रोध, लोभ आदि) का दहन करने का संदेश देता है। 2025 में बन रहे योग इसे और शुभ बनाते हैं, जहां नए कार्य शुरू करने के लिए यह अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
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दशहरा कैसे मनाएं? परंपराएं और रीति-रिवाज
दशहरा मनाने के तरीके क्षेत्र अनुसार अलग-अलग हैं, लेकिन मुख्य रूप से इसमें उत्साह और एकजुटता दिखती है:
- रामलीला का मंचन: कई स्थानों पर रामायण की घटनाओं का नाटकीय प्रदर्शन होता है।
- रावण दहन: शाम को रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है, जो पटाखों और संगीत से भरा होता है।
- पूजा विधि: सुबह अपराह्न मुहूर्त में अपराजिता पूजा, शस्त्र पूजा और दुर्गा विसर्जन करें। शमी के पेड़ की पूजा भी शुभ है।
- सांस्कृतिक आयोजन: मेले, नृत्य और भोजन का आदान-प्रदान।
परिवार के साथ मनाएं तो बच्चों को कथाएं सुनाएं, ताकि वे महत्व समझें।
शुभ विजयदशमी की शुभकामनाएं हिंदी में
शुभ विजयदशमी in hindi में शुभकामनाएं भेजकर अपनों को खुशी दें। यहां कुछ चुनिंदा मैसेज:
- विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं! बुराई पर अच्छाई की जीत हो, आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहे।
- दशहरा के इस पावन अवसर पर राम की तरह सत्य का साथ दें। शुभ विजयदशमी!
- मां दुर्गा की कृपा से आपकी हर मनोकामना पूरी हो। हैप्पी दशहरा 2025!
- रावण के अहंकार का अंत हो, आपके जीवन में नई शुरुआत हो। विजयदशमी की शुभकामनाएं।
- अच्छाई की जीत का पर्व मनाएं, अपनों के साथ खुशियां बांटें। शुभ दशहरा!
इन शुभकामनाओं को इमेज या कार्ड्स के साथ शेयर करें। greeting cards for vijayadashami in hindi की तलाश में आप इन्हें कस्टमाइज कर सकते हैं।
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दशहरा पर निबंध हिंदी में (निबंध ऑन विजयदशमी इन हिंदी)
दशहरा पर निबंध हिंदी में लिखना स्कूल असाइनमेंट के लिए उपयोगी है। यहां एक संक्षिप्त निबंध:
दशहरा: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व
भारत त्योहारों का देश है, जहां हर पर्व जीवन की कोई न कोई सीख देता है। दशहरा या विजयदशमी ऐसा ही एक प्रमुख त्योहार है, जो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। 2025 में यह 2 अक्टूबर को पड़ेगा। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाना है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने रावण का वध कर माता सीता को मुक्त किया। रावण के दस सिर उसके दस दोषों (काम, क्रोध, मोह आदि) का प्रतीक थे। इसी तरह, मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया। इसलिए, दशहरा हमें सिखाता है कि जीवन में नैतिकता और धैर्य रखें।
उत्तर भारत में रावण दहन, रामलीला और मेले लगते हैं। पूर्वी भारत में दुर्गा पूजा का समापन होता है। बच्चे पटाखे फोड़ते हैं, जबकि बड़े पूजा करते हैं। यह पर्व सामाजिक एकता बढ़ाता है और दीपावली की तैयारी करता है।
निष्कर्ष में, दशहरा केवल उत्सव नहीं, बल्कि जीवन की शिक्षा है। हमें अपनी बुराइयों का दहन कर सकारात्मक जीवन जीना चाहिए। जय श्री राम!
(यह निबंध लगभग 300 शब्दों का है। आप इसे विस्तार दे सकते हैं।)
राम-रावण युद्ध से मिलने वाली अनमोल जीवन शिक्षाएं | Ram Ravan Yudh Ki Seekh (Hindi)
राम-रावण युद्ध से मिलने वाली शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं:
- शुभ कार्य में देरी न करें – अच्छे काम को तुरंत करें।
- शत्रु को कभी छोटा न समझें – रावण ने वानरों को कम आंका, जो उसकी हार का कारण बना।
- कोई तुच्छ नहीं होता – हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है।
- शक्ति का महत्व – लेकिन अहंकार से बचें।
- खोज और नवाचार – रावण की जिज्ञासा से सीखें, लेकिन सही दिशा में।
- तप और संकल्प की शक्ति – मेहनत से लक्ष्य प्राप्त करें।
- ईश्वर भक्ति – सच्ची आस्था ताकत देती है।
- आयुर्वेद और विज्ञान का ज्ञान – स्वास्थ्य और ज्ञान जीवन के आधार हैं।
- लगन और निष्ठा – समर्पण से सफलता मिलती है।
- विद्वत्ता और लेखन – किताबें जीवन का मार्गदर्शन करती हैं।
- रावण, जो विद्वान और शक्तिशाली था, अपने अहंकार के कारण हारा।
सीख: घमंड कितना भी बड़ा हो, उसका पतन तय है। हमेशा विनम्र रहें। - भगवान राम ने हर कठिनाई में धर्म और सत्य का साथ दिया, जिससे उनकी विजय हुई।
सीख: सही रास्ता चुनें, भले ही वह कठिन हो, क्योंकि सत्य की जीत निश्चित है। - रावण की मायावी शक्तियां भी राम की अच्छाई के सामने टिक न सकीं।
सीख: अच्छाई का रास्ता लंबा हो सकता है, लेकिन वह हमेशा विजयी होती है। - रावण ने सीता माता का अपहरण कर मर्यादा तोड़ी, जो उसकी हार का कारण बना।
सीख: रिश्तों की नींव सम्मान और विश्वास पर टिकी होती है। - रावण का क्रोध और लालच उसकी बुद्धि पर हावी हो गया, जिसने उसे नष्ट किया।
सीख: क्रोध और लोभ को नियंत्रित करें, ताकि सही निर्णय ले सकें।
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निष्कर्ष
दशहरा क्यों मनाया जाता है – यह प्रश्न हमें जीवन के मूल्यों की याद दिलाता है। 2025 में इस पर्व को परिवार के साथ मनाएं, शुभकामनाएं बांटें और सकारात्मक बदलाव लाएं। यदि आपको यह लेख पसंद आया, तो शेयर करें। जय श्री राम!
FAQs
- दशहरा कब मनाया जाता है इसका क्या महत्व है? 2025 में 2 अक्टूबर को। महत्व: बुराई पर अच्छाई की जीत।
- दशहरे को विजयदशमी क्यों कहा जाता है? क्योंकि यह विजय का दसवां दिन है, जहां राम और दुर्गा की जीत हुई।
- vijayadashami in hindi meaning? विजयदशमी का अर्थ है विजय की दशमी तिथि।
- how to write vijayadashami in hindi? विजयदशमी।
- why we celebrate vijayadashami in hindi? बुराई पर अच्छाई की जीत मनाने के लिए।
- nibandh on vijayadashami in hindi? ऊपर दिया गया निबंध देखें।
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